सरकार पर हावी है ब्यूरोक्रेसी, सुनवाई न होने पर जनता कर रही है धरना, प्रदर्शन और हड़ताल

चंडीगढ़, 19 दिसंबर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हरियाणा कांग्रेस कमेटी की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि  प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार जनता के लिए जी का जंजाल बनी हुई है, सरकार कोई सुनवाई नहीं कर रही है और नहीं उसे जनता की चीख पुकार सुनाई दे रही है और न ही बिगड़े हुए हालात दिखाई दे रहे हैं। ब्यूरोक्रेसी सरकार पर पूरी तरह हावी है, ऐसे में प्रदेश का हर व्यक्ति परेशान है। जनता लोकतांत्रिक तरीके से  धरना, प्रदर्शन और हड़ताल कर रही है लेकिन सरकार ने आंख, कान और मुंह सब बंद किये रखा है। जनता की अनदेखी करने वाली सरकार को जनता ने सदैव सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया है।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि सिरसा जिला में थाना बड़ागुढ़ा और रोडी का पुलिस मुख्यालय सिरसा से बदलकर डबवाली करने को लेकर  दोनों थाना क्षेत्र के लोगों और अधिवक्ताओं में भी रोष व्याप्त है। अधिवक्ता पिछले 19 दिन से हड़ताल पर है।  सरकार इस अदूरदर्शी फैसले से आमजनों को न्यायिक व्यवस्था में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दोनों थाना क्षेत्र की पंचायतों ने भी सरकार के इस फैसले पर ऐतराज व्यक्त करते हुए प्रस्ताव भी पारित किए गए है। पर सरकार हैं कि कोई बात सुनने को तैयार नहीं है।  सरकार को ग्राम पंचायतों के प्रस्ताव का सम्मान करते हुए उनके साथ न्याय करना चाहिए। पर ऐसा न करके सरकार अपनी हठ पर कायम है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा सब्जी व फल पर एकमुश्त  मार्केट फीस व एक प्रतिशत एचआरडी एफ लगाने के विरोध में 20 दिसंबर को हरियाणा की मंडियों में हड़ताल रहेगी। सरकार सुविधाएं देने के बजाए लोगों की परेशानी बढ़ाने में लगी हुई है। सरकार सब्जी पर मार्केट फीस लगाकर गरीबों के मुंह का निवाला छीनने का काम कर रही है।  सरकार को अपनी घोषणा के अनुसार सब्जी व फलों पर मार्केट फीस एवं एचआरडीएफ समाप्त करनी चाहिए।

नरमा-कपास उत्पादक किसान धरना-प्रदर्शन को मजबूर

सरकार नरमा कपास उत्पादक किसानों की ओर से भी कोई ध्यान नहीं दे रही है। कहने को सरकार ने 6920 रुपये प्रति क्विंटल का एमएसपी घोषित किया हुआ पर सरकार ने एमएसपी पर खरीद बंद की गई है। प्राइवेट एजेंसियां किसानों को दोनों हाथों से लूटने में लगी हुई है आज किसान को मंडी में कपास का 4500 से 5000 रुपये प्रति क्विंटल का भाव दिया जा रहा है। नरमा कपास को एमएसपी के भाव से खरीदने की मांग को लेकर प्रदेश के 10-12 जिलों में किसान धरना प्रदर्शन कर रहा है,सिरसा में तो किसानों ने रास्ता तक जाम किया था। एक ओर सरकार स्वयं को किसान हितेषी होने का दावा करती है पर हकीकत में इस सरकार के कार्यकाल में किसानों का सबसे ज्यादा शोषण हुआ है।

प्रदेश में हर तरफ धरना प्रदर्शन और हड़ताल

उन्होंने कहा कि स्थानीय निकाय विभाग के सफाई कर्मचारियों के साथ साथ तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मियों ने दो दिन की हड़ताल की थी और से बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी है। इनकी हड़ताल से प्रदेश भर में कूड़े का उठान तक नहीं हो पाया था और हर ओर कूड़े के ढेर दिखाई दे रहे थे।  दूसरी ओर कंप्यूटर आपरेटर हड़ताल पर रहे थे जिसके चलते हर विभाग में कामकाज ठप रहा और रजिस्ट्री तक नहीं हो पाई थी। दूसरी ओर रोडवेज कर्मचारियों ने भी मांगें पूरी न होने पर हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी हुई है। उधर नियमितीकरण को लेकर अतिथि अध्यापक धरना प्रदर्शन कर रहे है और सोमवार को तो उन्होंने सरकार के  खिलाफ पंचकूला में प्रदर्शन किया था। कही बाढ़ से प्रभावित हुई फसलों और गुलाबी सुंडी से खराब हुई नरमा कपास फसल के मुआवजे की मांग को लेकर किसान आए दिन धरना प्रदर्शन कर रहे है पर सरकार है कि कोई बात सुनने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जनता की अनदेखी करने वाली सरकार को जनता ने सदैव सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया है।

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