लंबित मामलों, विभागीय असंवेदनशीलता से हैं क्षुब्ध

चंडीगढ़,18-12-2023 – प्रदेशभर के राजकीय महाविद्यालयों में कार्यरत्त शिक्षक अपनी विभिन्न मांगो को लेकर हरियाणा राजकीय महाविद्यालय शिक्षक संघ के आह्वान पर शीघ्र ही करनाल स्थित मुख्यमंत्री आवास पर क्रमिक धरना देने हेतु पूर्ण रूप से तैयार हैं I संघ प्रवक्ता डॉ. रवि शंकर ने कहा कि संघ अध्यक्ष डॉ. अमित चौधरी, उपाध्यक्ष प्रो. अरुण कुमार, महासचिव डॉ. प्रतिभा चौहान, संगठन सचिव डॉ. सुनील कुमार, संयुक्त सचिव श्रीमती ज्योति दहिया एवं वित्त सचिव श्रीमती प्रियंका की मौजूदगी में आज हुई राज्य कार्यकारिणी की बैठक में यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया I ज्ञातव्य है कि प्रदेश के समस्त राजकीय महाविद्यालयों में कार्यरत्त शिक्षकों ने दिनांक 16 नवम्बर को शिक्षा सदन, पंचकुला पहुँच कर उच्चत्तर शिक्षा विभाग के मुख्यालय पर प्रदर्शन किया था एवं शिक्षा एवं शिक्षकों के प्रति उच्चत्तर शिक्षा विभाग के असंवेदनशील रवैये पर सरकार के ध्यानाकर्षण हेतु माननीय मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी दिया था I

संघ अध्यक्ष डॉ. अमित चौधरी ने बताया कि बैठक में 16 नवंबर के रोष प्रदर्शन के बाद अब तक के घटनाक्रम और परिस्थितियों पर राज्य इकाई के पदाधिकारियों ने विस्तार से बात रखी।

उन्होंने कहा कि टेक ओवर और रेशनलाइजेशन पर विभाग ने भले ही अपना रुख बदला है लेकिन शिक्षकों के लंबित काम और सीनियर / सिलेक्शन स्केल्स में इंटरव्यू जोड़ने की दिशा में कोई सकारात्मक परिवर्तन नहीं हुआ है। इन परिस्थितियों में स्थानीय इकाइयों और जोन पदाधिकारियों ने अपने विचार रखते हुए अपने रोष प्रदर्शन के कार्यक्रम को पुनः आगे बढ़ाने का सुझाव दिया। इस कड़ी में इवेल्यूएशन बायकॉट, पेन डाउन, नॉन टीचिंग काम छोड़ने , पुनः पंचकुला या सीएम आवास करनाल पर धरना आदि सहित अनेक सुझावों पर विस्तार से मंथन करने के बाद राज्य की उच्चतर शिक्षा और शिक्षक हितों के मद्देनजर विरोध कार्यक्रमों का कैलेंडर बनाते हुए निम्नानुसार तीन प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए गए।

संघ द्वारा निर्णय लिया गया कि राज्य के सत्ता पक्ष और विपक्ष के कुछ विशिष्ट गणमान्यों, माननीय सांसद /विधायकों को पचास साठ शिक्षकों के बड़े प्रतिनिधिमंडल के रूप में मिल सभी मुद्दों पर उनसे चर्चा की जाए और तब मुख्यमंत्री जी के नाम उन्हें ज्ञापन दिया जाए। इसी के साथ मुख्यमंत्री आवास करनाल में क्रमिक धरना दिया जाए और यदि निदेशालय सीनियर/सिलेक्शन केस में यूजीसी नियमों के विपरीत जाकर इंटरव्यू शेड्यूल जारी करता है तो उसका मुख्यालय पर विरोध और इंटरव्यू का बायकॉट किया जाए।

साथ ही सदन ने यह आश्वासन भी दिया कि समय की मांग के अनुसार अपने आंदोलन को गति देने के लिए किसी भी समय ऑफलाइन या ऑनलाइन मीटिंग बुला कर त्वरित निर्णय लेकर उन्हें लागू करने में समस्त स्थानीय इकाइयां सक्रीय भूमिका निभायेगी।

संघ उपाध्यक्ष श्री अरुण कुमार एवं संगठन सचिव डॉ. सुनील कुमार ने कहा संघ के डिमांड चार्टर में शामिल मांगो जैसे जैसे पुरानी पैन्शन स्कीम बहाल करने, रिक्तियों को भरने, यू.जी.सी. रैगुलेशनज़ की विसंगतियों को दूर करने , एम फिल-पीएचडी इंक्रीमेंट देने, विभिन्न स्तरों पर तुरंत-त्वरित पदोन्नति करने, यूजीसी के अनुसार रिटायरमेंट आयु पैंसठ वर्ष करने ,कैशलेस मैडिकल स्कीम देने, सरकारी कॉलेजों के शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कामों से मुक्त करने, पदोन्नति में रूरल सर्विस की शर्त हटाने आदि विषयों की एक लम्बी फेहरिस्त है जिसके कारण प्रदेशभर के शिक्षक आन्दोलन की राह पर अग्रसर होने को मजबूर हुए हैं Iयह सरकार कि हठधर्मिता ही है कि शिक्षक कक्षाएं छोड़ सड़कों पर आंदोलनरत्त है I यह आन्दोलन तब तक ज़ारी रहेगा जब तक सरकार अपनी हठधर्मिता छोड़ कर हमारी समस्त मांगो को नहीं मानती I

error: Content is protected !!