चण्डीगढ, 18 दिसंबर- हरियाणा के गृह मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि जहरीली शराब के सेवन से हुई लोगों की मौत के मामले में पुलिस अधीक्षक, यमुनानगर और अंबाला से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, संदिग्ध जहरीली शराब के सेवन से 20 मौतें हुई हैं। इस संबंध में 5 एफआईआर दर्ज की गई हैं और इन दोनों जिलों में कुल 52 गिरफ्तारियां की गई जिनमें 36 आरोपी शामिल पाए गए हैं।

श्री विज आज यहां हरियाणा विधानसभा में चल रहे शीतकालीन सत्र में लगाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का उत्तर दे रहे थे।

उन्होंने बताया कि पुलिस अधीक्षक, यमुनानगर ने सूचित किया है कि पुलिस को सूचना मिली कि गांव मंडेवरी, यमुनानगर निवासी एक व्यक्ति को संदिग्ध जहरीली शराब के सेवन के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस की जांच से पता चला कि नकली शराब उसी गांव मंडेबरी निवासी रॉकी नामक व्यक्ति द्वारा संचालित एक अवैध खुर्दा से बेची जा रही थी। जिस संबंध में पुलिस द्वारा एक आपराधिक अभियोग अंकित किया गया तथा गहनता से जांच की गई। जांच में अंबाला जिले के गांव धनौरा में अवैध रूप से चल रही एक फैक्ट्री का पता चला, जहां नकली शराब का निर्माण और वितरण किया जा रहा था। इस मामले में कुल मिलाकर 5 एफआईआर (एफआईआर  संख्या 249 दिनांक 08.11.2023, एफआईआर संख्या 387 दिनांक 10.11.2023, एफआईआर संख्या 451 दिनांक 11.11.2023, एफआईआर संख्या 327 दिनांक 09.11.2023 तथा एफआईआर नं. 410 दिनांक 09.11.2023) दर्ज की गई।  

श्री विज ने बताया कि यमुनानगर और अंबाला पुलिस द्वारा सभी पहलुओं पर गहनता से जांच की गई, जिसके परिणामस्वरूप ठेकेदारों सहित 36 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जो दुकानों के मूल आवंटनकर्ता थे। जहरीली शराब के सेवन से कुल 20 मौतें (यमुनानगर में 18 और अंबाला में 2) हुई हैं, जिसमें गांव धनौरा, अंबाला में अवैध रूप से चल रही शराब फैक्ट्री में काम करने वाले दो श्रमिकों की मौत भी शामिल है, जिन्होंने संदिग्ध जहरीली शराब का सेवन किया था। इसके अलावा बीमार 5 लोगों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं, केवल एक आरोपी को छोडकर जिसने जहरीली शराब पी थी और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।

इसके अलावा, दयालु योजना के तहत अब तक 8 मृतकों के परिवारों/आश्रितों को 32 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया है, जबकि अन्य विचाराधीन हैं। अब तक पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। इन मामलों में निष्पक्ष तरीके से जांच की जा रही है।

आबकारी एवं कराधान विभाग ने वर्ष 2023-24 के आबकारी नियमों के उल्लंघन मामले में मैसर्स महेंद्र सिंह, एल-13 लाइसेंसधारी, जिला यमुनानगर के विरुद्ध भी कार्यवाही शुरू की। कलेक्टर (आबकारी) द्वारा 20.11.2023, के तहत रुपये 2,51,00,000/- का जुर्माना लगाया गया और दिनांक 22.11.2023 के तहत एल-13 लाइसेंस रद्द कर दिया गया। इसके अतिरिक्त, जिला यमुनानगर में मैसर्स महेंद्र सिंह के 11 जोन के एल-2/एल-14ए लाइसेंस, पंजाब आबकारी अधिनियम, 1914 की धारा 37 के प्रावधानों के अलावा कलेक्टर (आबकारी), हरियाणा के आदेश पर रद्द कर दिए गए। इन 11 जोन को विभाग द्वारा नीलामी में पुनः आवंटित किया गया।

उन्होंने बताया कि 07.11.2023 को जहरीली शराब की इस घटना से पहले राज्य भर में खुदरा दुकानों से 2193 नमूने लिए गए थे और 07.11.2023 के बाद अब तक कुल 2875 नमूने लिए गए हैं। आबकारी नीति 2023-24 के प्रारंभ (दिनांक 12.06.2023) होने से अब तक राज्य भर में कुल 5068 नमूने खुदरा शराब विक्रेताओं से लिए गए हैं। अवैध एवं नकली शराव के कारोवार को रोकने के लिए पुलिस विभाग द्वारा विभिन्न स्तरों पर सघन एवं तत्परता से की जाती रही है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016 से वर्ष 2023 तक 97895 अभियोग दर्ज करके 104843 व्यक्तियों को गिरफतार करके लाखों शराब की बोतलों को बरामद किया है। 

उपरोक्त के अतिरिक्त, प्रदेश में दिनांक 11.11.2023 से 14.12.2023 तक अवैध खुर्दा के विरूद्ध एक विशेष अभियान चलाया गया जिसमें कुल पंजीकृत 1466 अभियोगों में 1463 गिरफ्तारियां की गईं, जिसमें देशी बोतलें-43008, अंग्रेजी बोतलें-25419, बीयर बोतलें – 2057, लाहन-7895 लीटर व कच्ची शराब-939 बरामद की गयी। उन्होंने बताया कि 12.12.2023 को अभियान के अन्तगर्त एफआईआर संख्या 407 दिनांक 12.12.2023 धारा 420, 467, 468, 471, 120बी आईपीसी व 61 (1) (सी), 63ए, 72ए-4-20 एक्साइज एक्ट थाना धारूहेड़ा, रेवाडी दर्ज की गई। जिसमें ओल्ड मोंक बोतल-05, देशी शराब के पव्वे-13490, ओल्ड मोंक शराब बोतल कैपिंग मशीन, बोतल 500डीएस-08, कलर बोतल 12 लीटर, एक 65 लीटर ड्रम कास्टिक कारमेल स्प्रिंट घुलनशील जिसे मापने पर 10 लीटर पाया गया, केमिकल 10 लीटर, एक ड्रम में भरा हुआ आदि बरामद किया गया है और मामले की जांच के दौरान 13 ड्रम केमिकल, एक कैंटर, 306 पेटी शराब और 20000/- रूपये भी बरामद किये गये।

श्री विज ने बताया कि जहां तक विभिन्न जिलों में एल-1 एल-13 के गोदामो में कुल 75250 पेटियों की कमी का सवाल है, यहां यह उल्लेख किया जाता है कि विभाग की सामान्य प्रक्रिया के तहत दिनांक 07.11.2023 से लेकर अब तक एल-1 लाइसेंसधारियों के 18 उल्लंघन के मामले और एल-13 लाइसेंसधारियों के 17 आबकारी नियमों के उल्लंघन के मामलों का पता लगाया है, जिसमें क्रमानुसार 9,914 पेटियां और 59,435 पेटियां कम पाई गईं। ऐसे मामलों में, जहां एल-1 और एल-13 लाइसेंसधारी अतिरिक्त आबकारी शुल्क से बचने के लिए आबकारी नीति 2023-24 के प्रावधानों का उल्लंघन करते पाए जाते हैं, विभाग द्वारा नियमित तौर पर आबकारी नीति के खंड 4.7 (जो एल-13 लाइसेंसधारियों से संबंधित है) व खंड 5.6 (जो एल-1 लाइसेंसधारियों से संबंधित है) के अनुसार सख्ती से जुर्माना लगाया जाता है।

गृह मंत्री ने बताया कि हरियाणा में नशे की ओवरडोज से मौत के मामले बहुत कम हैं। पिछले 5 वर्षों में यानि 2017- 2022 तक नशीली दवाओं के अधिक सेवन के कारण 34 मौतें हुई हैं। जहां तक कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन के दौरान अनियमितताओं का सवाल है, राज्य सरकार ने इस संबंध में अनेक कदम उठाए हैं।

विशेष जांच दल का गठन

उन्होंने बताया कि आदेश संख्या 6/2/2020-2एच.सी. 11.05.2020 के तहत, गृह विभाग, हरियाणा ने खरखौदा-मटिंडू रोड, सोनीपत में अस्थायी गोदाम में बरामद शराब के स्टॉक से चोरी के मामले की जांच करने के लिए श्री टी.सी. गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव, विद्युत, अधिकारिता, नवीकरणीय ऊर्जा एवं आवास विभाग की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एस.ई.टी.) का गठन किया।

इसी प्रकार, 30 जुलाई, 2020 को, विशेष जांच दल (एस.ई.टी.) ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी जिसमें रिपोर्ट में उल्लेखित चूकों के लिए व्यक्तिगत अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की सिफारिशें और आबकारी विभाग के कामकाज में व्यवस्थित सुधार के लिए सुझाव/अनुशंसित उपाय भी शामिल हैं। उक्त रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक कार्यवाही/शुरु की गई। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा यह भी निर्णय लिया गया कि पूरे मामले की जांच राज्य सतर्कता ब्यूरो द्वारा की जाए।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक की अध्यक्षता में कमेटी का गठन

उन्होंने बताया कि विशेष जांच दल की रिपोर्ट के अनुवर्ती के रूप में, श्रीमती कला रामचन्द्रन, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक की अध्यक्षता में एक कमेटी तथा श्रीकांत जाधव, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक की अध्यक्षता में एक अन्य कमेटी का गठन किया गया और 14 मामलों में 27 पुलिस कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही की गई है।

आबकारी एवं कराधान विभाग द्वारा उठाये गए कदम

उन्होंने बताया कि आबकारी एवं कराधान विभाग  द्वारा श्री धीरेन्द्र सिंह, आबकारी निरीक्षक को 17 दिसंबर, 2020 को आरोप पत्र जारी किया गया है। इसी मामले में धीरेन्द्र सिंह, आबकारी निरीक्षक के विरुद्ध जिला सोनीपत में एफआईआर भी दर्ज की गई थी। इसके अतिरिक्त, विभाग ने 7 ए. ई. टी. ओ. के विरुद्ध भी हरियाणा सिविल सेवा (दंड और अपील) नियम, 2016 के नियम 7 के तहत आरोप पत्र जारी किए गए हैं तथा 1 ए. ई. टी. ओ. के विरुद्ध नियम 8 का आरोप पत्र जारी किया गया, जिन्होंने 27.03.2020 से 31.03.2020 की अवधि के दौरान परमिट स्वीकृत किए थे। इस अवधि में शराब की दुकानों को बंद रखने का आदेश दिया गया था।। इसके अलावा, 15 आबकारी निरीक्षकों को हरियाणा सिविल सेवा (दंड और अपील) नियम, 2016 के नियम 7 के तहत आरोप पत्र जारी किए गए, जिन्होंने 27.03.2020 से 31.03.2020 की अवधि के दौरान शराब की दुकानों को परमिट और पास जारी किये थे, जबकि कोविड-19 महामारी लॉकडाउन के कारण शराब की दुकानों को बंद करने के आदेश जारी किये गये थे। जिला सोनीपत में अनुबंधित चपरासी सुनील कुमार की सेवा को भी समाप्त कर दिया गया। 15 में से 13 आबकारी निरीक्षकों के आरोप पत्र सक्षम प्राधिकारी द्वारा निर्णीत किये गये। इन सभी मामलों में उचित दंड लगाए गए जिनमें संचयी प्रभाव से दो वेतन वृद्धि रोकना, 6 प्रतिशत पेंशन राशि को स्थायी रूप से रोकना आदि शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि आबकारी एवं कराधान विभाग ने एसईटी की सिफारिशों पर काम करते हुए व्यवस्थित सुधार के लिए सक्रिय रूप से अनेक गुणात्मक कदम उठाये हैं। विभाग ने अवैध शराब से होने वाले राजस्व नुकसान को रोकने हेतु भी अनेक कदम उठाये हैं, जिसमें डिस्टिलरी और बॉटलिंग संयंत्रों से अवैध शराब की आपूर्ति रोकने हेतु विभिन्न कदम उठाये गए , जिसके तहत राज्य के सभी डिस्टिलरी और बॉटलिंग संयंत्रों में अत्याधुनिक सीसीटीवी कैमरे लगाये गए हैं जिनको मुख्यालय स्थित एकीकृत नियंत्रण कक्ष से जोडा गया है। इन कैमरों से लाइव फीड मुख्य कार्यालय के साथ- साथ जिला स्तर पर डीईटीसी को भी उपलब्ध कराई जा रही है। आबकारी नीति 2023-24 के खंड 12.3 के प्रावधानों के अनुसार एल-1 और एल-13 लाइसेंसधारियों के परिसर में भी सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य कर दिए गए हैं। इसके अलावा, शहरी दुकानों के प्रवेश, निकास व बिलिंग काउंटरों और अहातों के प्रवेश और निकास बिंदुओं पर भी सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य कर दिए गए हैं। डिस्टिलरी के साथ-साथ बॉटलिंग प्लांट में भी प्रवाह (फ्लो) मीटर लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। इस संदर्भ में डिस्टलरी नियमों में भी जरूरी बदलाव किये गए हैं और विभाग द्वारा प्रवाह (फ्लो) मीटरों से संबंधित मानक भी तय कर दिये गए हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं कि स्प्रिट के परिवहन के लिए उपयोग किए जाने वाले वाहन जीपीएस युक्त हों और इन वाहनों में ई-लॉक प्रणाली की भी व्यवस्था हो। यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि स्पिरिट ले जाने वाले ऐसे वाहनों के सभी आउटलेट पर टैम्प्रूफ सील लगाई जाए। इस संबंध में विस्तृत निर्देश जारी कर दिये गये हैं। आबकारी नीति 2023-24 के खंड 12.1 के तहत शराब की बोतल पर होलोग्राम लगाना अनिवार्य किया गया है। सभी उत्पादकों के लिए अपने परिसर से अंग्रेजी व देसी शराब आपूर्ति से पूर्व सभी बोतलों पर होलोग्राम लगाना अनिवार्य किया गया है। इसके साथ-साथ विभाग ने 12.12.2023 से पायलट आधार पर राज्य के सभी डिस्टिलरी और बॉटलिंग संयंत्रों में क्यू. आर. कोड आधारित ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम शुरू किया है। इस परियोजना का उद्देश्य है कि अति सुरक्षा युक्त हाँलोग्राम लगी अंग्रेजी व देसी शराब आपूर्ति की कड़ी निगरानी की जाये।

उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा अवैध शराब की बिक्री को रोकने के लिए नियमित रूप से शराब के ठेको की जाँच की जाती है। राजस्व हानि को रोकने के लिए आबकारी नीति 2023-24 में अवैध शराब की बिक्री से संबंधित कठोर दण्ड का प्रावधान किया गया है। शराब की अवैध विक्री के खिलाफ विभाग द्वारा की गई त्वरित और कड़ी कार्रवाई से शराब लाइसेंसधारियों द्वारा कोटा उठाने में वृद्धि हुई है और इसके परिणामस्वरूप आबकारी शुल्क, अतिरिक्त आबकारी शुल्क व परमिट शुल्क के रूप में सरकार के राजस्व में वृद्धि हुई है। वर्तमान आबकारी नीति वर्ष, 2023-24 में 12.06.2023 से 20.11.2023 की अवधि के लिए आबकारी राजस्व पिछले आबकारी नीति वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 22.70 प्रतिशत बढ़ गया है, जो कि विभाग द्वारा आबकारी नीति को सही ढंग से लागू करने का नतीजा है।

श्री विज ने बताया कि अवैध शराब की बिक्री को रोकने के लिए अधिकांश शराब के ठेकों पर बिल जारी करने हेतु प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनें लगाई गई हैं। बाकी बचे ठेकों पर मशीनें न लगाने को लेकर आबकारी नीति के तहत जुर्माना लगाया जा रहा है ताकि वो भी इस प्रावधान का पालन करें। अवैध और नकली शराब को रोकने के लिए हरियाणा आबकारी अधिनियम, 1914 के प्रावधानों में संशोधन किया गया है। धारा 61 के प्रावधानों को और अधिक सख्त बनाया गया है। इसके अलावा, मार्च, 2020 में संशोधन के माध्यम से धारा 72ए पेश की गई, जिसमें हानिकारक दवा या विदेशी घटक वाली शराब के कारण मृत्यु होने पर मृत्युदंड या आजीवन कारावास का प्रावधान है। 

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा की गई जांच

उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव कार्यालय के आदेश के अनुपालन में सूचित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, हरियाणा में जांच संख्या 04 दिनांक 01.09.2020 दर्ज की गई है। लॉकडाउन के दौरान शराब की बड़ी अनधिकृत आवाजाही में कुछ आबकारी एंव कराधन विभाग अधिकारियों के साथ-साथ कुछ पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत की जांच की जाएगी और सरकार को रिपोर्ट सौंपी जाएगी।

उन्होंने बताया कि इस राज्यव्यापी जांच के दौरान, एसीबी ने इस मामले में पुलिस द्वारा दर्ज किए गए अभियोगों के विवरण सहित प्रासंगिक रिकॉर्ड एकत्र किए हैं। इसके अलावा, एसीबी ने अब तक की पूछताछ के दौरान शराब ठेकेदारों, आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों, पुलिस विभाग के राजपत्रित/अराजपत्रित अधिकारियों/कर्मचारियों और डिस्टिलरी, ब्रुअरीज और बॉटलिंग प्लांट से संबंधित व्यक्तियों के बयान दर्ज किए हैं ताकि इसमें शामिल व्यक्तियों की पहचान पूरे मामले में उनकी विशिष्ट भूमिका के साथ की जा सके।

उन्होंने बताया कि आबकारी एवं कराधान विभाग तथा अन्य विभागों से एसीबी ने  रिकॉर्ड मांगे हैं। रिकार्ड मिलते ही अंतिम जांच रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। एसीबी द्वारा आगे सूचित किया गया है कि इस मामले में कई सीडब्ल्यूपी पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में भी लंबित हैं।

उन्होंने बताया कि यमुनानगर शराब मामले में हर कनेक्टेड व्यक्ति को गिरफ्तार किया जा रहा है जिसमें मुख्य ठेकेदार, सबलेट ठेकेदार, बोतल सप्लायर, स्टीकल सप्लायर इत्यादि। उन्होंने बताया कि यह पहली बार है जबकि इतनी बड़ी संख्या में किसी शराब मामले में गिरफ्तारियां की गई है। उन्होंने बताया कि धनौरा में गन्नों के खेत में शराब की फैक्टरी लगाई गई थी।

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