एनसीआरबी के आंकड़ों ने खोलकर रख दी प्रदेश सरकार के सुशासन की पोल

चीख-चीख कर बोल रहे हैं आंकड़े, क्राइम आऊट ऑफ कंट्रोल इन हरियाणा

चंडीगढ़, 10 दिसंबर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हरियाणा कांग्रेस कमेटी की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार में न बच्चियां सुरक्षित है और न ही महिलाएं। बच्चों विरूद्ध अपराध में 7.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है तो प्रदेश में हर रोज 05 बलात्कार के मामले सामने आ रहे है। हालात तो ये है कि शिक्षा के मंदिर में छात्राएं सुरक्षित नहीं है, जींद और कैथल की घटनाएं शर्मसार करने वाली है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों ने हरियाणा के सुशासन की पोल खोलकर रख दी है। रंगदारी, हत्याएं और अपहरण की वारदातें तेजी से बढ़ रही है। प्रदेश ने अपराध में दूसरे राज्यों को भी पीछे छोड़ दिया है यानि क्राइम आऊट ऑफ कंट्रोल इन हरियाणा।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि जब भी देखों भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, भ्रष्टाचार मुक्त शासन और प्रशासन की बात करती है जबकि धरातल पर तस्वीर कुछ और ही कहती है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के 2022 के आंकड़े बताते है कि महिलाओं से अपराध में दिल्ली के बाद हरियाणा देश में दूसरे स्थान पर है, इतना ही नहीं प्रदेश में डकैती, अपहरण और रंगदारी के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। प्रति लाख आबादी पर 118.7 प्रतिशत अपराध की दर रही यानि 17.6 प्रतिशत अपराधिक घटनाएं बढ़ी हैं। इतना ही नहीं बच्चों से अपराध के मामले 7.7 प्रतिशत बढ़े है जबकि सरकार बेटी बचाओ और बेटी पढाओं की बात करती है। आंकड़े बताते है कि 2022 में 234 महिलाओं कह दहेज के लिए हत्या की गई, छह महिलाओं पर तेजाब से हमले किए गए और 1272 बच्चियों से यौन शोषण के केस दर्ज किए गए।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में बुजुर्ग तक सुरक्षित नहीं है,  बुजुर्गों के खिलाफ अपराधों में 50 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। इतना ही नहीं रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब से कहीं ज्यादा डकैती के मामले दर्ज हुए। इस प्रकार अपहरण के मामले भी बढ़े है। हरियाणा में भ्रष्टाचार के तीन गुना मामले बढ़े हैं। महिलाओं खासकर दुष्कर्म पीड़ित को जल्द से जल्द न्याय दिखाने की बात करने वाली यह गठबंधन सरकार के कार्यकाल में पुलिस कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल करने में काफी सुस्त रही, पुलिस केवल 57.2 प्रतिशत मामलों में ही आरोप पत्र दाखिल कर पाई। बच्चों के खिलाफ अपराध के मामले में आरोप पत्र दाखिल करने की दर महज 41.6 प्रतिशत रही। उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार के खुद के नारे जुमले ही साबित हो रही है और ये आंकड़े सरकार के सुशासन की पोल खोल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आंकड़े चीख-चीखकर कह रहे है कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा करने में नाकाम रही है। आंकड़ों को अगर देखा जाए तो साफ है कि हरियाणा में संगठित अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। नशा तेजी से बढ़ रहा है। केवल पुलिस छोटी मछलियां को ही पकड़ रही है जबकि मगरमच्छों पर हाथ डालने से गुरेज की जा रहा है।

प्रदेश में हर पांचवें दिन कही न कही नशे की ओवरडोज से एक युवक की मौत हो रही है। मुख्यमंत्री और गृहमंत्री की आपसी खींचतान का खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है। प्रदेश के हालात ऐसे है जहां क्राइम आउट आफ कंट्रोल हैं। अगर सरकार ने अभी भी आंकड़ों को गंभीरता से नहीं लिया तो आने वाले दिनों में हरियाणा में अपराधियों का राज होगा।

error: Content is protected !!