बीजेपी राज में दलितों पर बढ़े अपराधों को लेकर एनसीआरबी द्वारा जारी ताजा आंकड़े चिंतनीय : सुनीता वर्मा

महिला हिंसा व बुजुर्गों, बच्चों के प्रति अपराध में भाजपा के राम राज्य में हुई ढाई गुना बढ़ोतरी। ये सरकार कानून व्यवस्था बनाने और नागरिकों को सुरक्षित माहौल देने में बुरी तरह विफल साबित हुई है।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड की ताजा रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में प्रति लाख आबादी पर महिलाओं के खिलाफ अपराध की दर 118.7 फीसदी तथा महिलाओं से दुष्कर्म के रोज औसतन पांच मामले दर्ज किए गए।

पटौदी 9/12/2023 :- ‘संविधान को खत्म करने व दलितों-पिछडों के प्रति नफरत रखने वाली इस सरकार में इन वर्गों पर सर्वाधिक अन्याय व अत्याचार हुआ है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के ताजा सरकारी आंकड़ों को ही सच मानें तो पिछले चार वर्ष में दलित विरोधी हिंसा के मामले 46.11 फीसदी बढे हैं। आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान भारत में हर 15 मिनट में किसी न किसी दलित और आदिवासी के साथ कोई न कोई आपराधिक घटना घटी है।’ उक्त बातें हरियाणा कांग्रेस सोशल मीडिया की स्टेट कॉर्डिनेट सुनीता वर्मा ने प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति में कही। उन्होंने कहा कि बीजेपी राज में दलित उत्पीड़न की ऐसी घटनाएं घटीं, जिसने मोदी सरकार के ‘सबका साथ, सबका विकास’ के पाखंड की पोल खोल कर रख दी। हाथरस रेप काण्ड ने तो पुलिस सिस्टम में ही जातिवाद को साबित कर दिया, एससी/एसटी एक्ट से छेड़खानी करके इस दलित विरोधी सरकार ने जातिवादी गुण्डो को संरक्षण प्रदान करने का काम किया है।

महिला कांग्रेस नेत्री ने कहा कि एससी-एसटी ऐक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आड़ में दलितों का उत्पीड़न इसी सरकार में किया जा रहा है। एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक 2014 के बाद दलित उत्पीड़न के मामलों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब की मूर्तियां भी सबसे ज्यादा इसी बीजेपी राज में जातिवादी गुन्डो द्वारा तोडी गई, देशभर में दर्ज सभी दलित उत्पीड़न के मामलों में प्रशासनिक अमले की संवेदनहीनता रही, जिसके लिए सीधे तौर पर सरकार दोषी है।
महिला कांग्रेस नेत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति/जनजाति ( अत्याचार निवारण ) अधिनियम को कथित रूप से कमजोर किये जाने के खिलाफ दो अप्रैल को किये गये भारत बंद के दौरान हुए हिंसक प्रदर्शन में कम से कम 11लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गये थे। किन्तु इस हिंसा के लिए जिम्मेदार किसी भी उच्चवर्गीय अपराधी के खिलाफ कार्यवाही इस सरकार द्वारा नही की गई। उन्होनें कहा कि रोहित वेमुला की सांस्थानिक हत्या, तमिलनाडु में 17 साल की दलित लड़की का गैंगरेप और हत्या, तेज़ म्यूज़िक के चलते सहारनपुर हिंसा, भीमा कोरेगांव हिंसा, डॉक्टर पायल तड़वी की सरकारी सिस्टम द्वारा की गई हत्या। घोड़ी पर बैठने पर दलित दूल्हे की हत्या, मूछें रखने पर मार डालना व जेएनयू हिंसा प्रकरण सहित इन सभी मामलों की पूरे देश में चर्चा हुई लेकिन सिलसिला फिर भी रुका नहीं बल्कि इस सरकार में इस तरह के अपराध और ज्यादा पोषित हुए।

वर्मा ने कहा कि 1949 में बाबा साहेब का पुतला फुकनें वाली इस आरएसएस और भाजपा को हमेशा से इनकी विचारधारा से चिढ़ रही है। ये लोग हमेशा उनके विचारों को खत्म करने पर लगे रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी केवल वोट बैंक की राजनीति करने के लिए अम्बेडकर जी के नाम पर दलितों के सामने नतमस्तक है, इनका आत्मसमर्पण उस वक्त और देखने लायक होता है जब ये लोग चुनावों में वोटों की फसल काटने के लिए दलितों के घर खाना खाने जाते हैं। उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार से और प्रदेश की खट्टर सरकार से कहा की वो इन वर्गों को संवैधानिक हक़ दिलाकर देश में व्याप्त भय के माहौल के बीच इनको न्याय दिलाने के लिए अपना राजधर्म निभाए, क्योंकि दलितों को न्याय दिलाने वाले कानूनों को आज कमजोर कर दिया गया है। उन्होनें कहा कि न्यायपालिका में दलितों व पिछडों का प्रतिनिधित्व नगण्य होने की वजह से भी इस वंचित तबके को न्याय नही मिल पाता, इसलिए सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट में आरक्षण दिए जाने की ज़रूरत है।

महिला कांग्रेस नेत्री सुनीता वर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में अपहरण के हर दिन औसतन 294 से अधिक, जबकि हर घंटे 12 से ज्यादा मामले तथा हर घंटे तीन मर्डर, हर दिन 78 हत्याओं के मामले दर्ज किये गये हैं। ये काफी चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में दलितों पर अत्याचार सातवें आसमान पर है थूक कांड, मूत कांड, सड़कों पर घसीटना यही भाजपा की उपलब्धि है। फिर भी आदिवासी समाज और दलित समाज इनका झंडा उठाने में ही फक्रता की अनुभूति करता है। लेकिन मोदी सरकार आज विकास की बात करते करते अपराध में विश्व गुरु बन बैठी है।

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