रैली के जरिए भाजपा-रामपुरा हाउस को ताकत दिखाने की कवायद जिलास्तरीय नेताओं ने बनाई रैली के प्रचार से दूरी अशोक कुमार कौशिक नारनौल । नांगल चौधरी के विधायक डा. अभय सिंह यादव अटेली हल्के के गांव दोंगडा अहीर में आगामी 10 दिसंबर को जन विश्वास के नाम रैली का आयोजन कर रहे है। रैली की सफलता सुनिश्चित करने के लिए विधायक अपने सिपहसालारों के साथ पिछले एक महीने से जिले के ग्रामीण इलाकों की खाक छान रहे हैं। वह गांवों का दौरा कर ग्रामीणों को रैली का निमंत्रण दे रहें हैं। कहने को तो कहा जा रहा है कि यह रैली जिले में अब तक के सभी रिकार्ड ध्वस्त करेगी, लेकिन अंदर खाने देखा जाए तो विधायक द्वारा आहूत यह आयोजन भाजपा व रामपुरा हाउस को अपनी ताकत दिखाने और जिले में अपना राजनैतिक वजूद दर्शाने की एक कवायद ही है । कुछ लोग इस रैली के बहाने जनता की नब्ज टटोल विधायक डा. अभय सिंह यादव की तमन्ना अब जोर पकड़ने लगी है और उनकी मंशा है कि अब अगली पारी वह सांसद का दरवाजा खटखटाना शुरू करें । वैसे भी विधायक और रामपुरा हाउस के सरदार राव इंद्रजीत में के बीच पिछले सात सालों से छत्तीस का आंकड़ा बना है । दूसरी बात यह है कि भाजपा के जिले के कोई भी बड़े नेता उनके साथ दिखाई नहीं दे रहे। जिले में भाजपा को लेकर गुटबंदी साफ दिखाई दे रही है। गाहे बगाहे एक दूसरे की काट करने से कोई भी पक्ष पीछे नहीं रहता। यहां फर्क इतना है कि हैं राव राजा के सरदार बोलते नहीं , उनके समर्थक जबाव देने से चूकते नहीं। वहीं विधायक सीधे सपाट परोक्ष टिप्पणी करने से हिचकिचाते नहीं । अब जबकि विधायक ने हल्का नांगल चौधरी से बाहर निकल अपनी ताकत दिखाने का मन बनाया है तो स्वाभाविक है कि रामपुरा हाउस की राजनीति प्रभावित होगी । यही एक कारण रैली की सफलता और असफलता जिले में गंभीर मुद्दा बन चुकी है । विचारणीय है कि विधायक पिछले एक महीने से गांव दर गांव जाकर लोगों को रैली का निमंत्रण दे रहें हैं और दावा भी कर रहें हैं कि उनकी यह रैली अब तक की सबसे बड़ी रैली होगी। यह भी एक प्रश्न है कि बिना जिले के किसी विधायक या मंत्री ,पूर्व मंत्री को साथ लिए बैगर विधायक किस बिना पर इतना बड़ा दावा ठोक रहे हैं , यह तो विधायक ही जाने , लेकिन इतना जरूर है कि अब इस आयोजन को लेकर जिले की राजनीति अवश्य गर्मा गई है। यहां लोग चटकारे लेकर यह बात कह रहे है कि क्या अकेला चना भाड़ फोड़ देगा? उधर मंत्री ओमप्रकाश, पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा तथा जिला अध्यक्ष दयाराम यादव ने गत दिनों एक पत्रकार वार्ता के दौरान यह साफ़ कर दिया था कि उन्हें इस रैली के बारे में कोई जानकारी नहीं है और उनका कोई सरोकार नहीं है। अब विधायक जी को चोट पहुंची और उन्होंने महेन्द्रगढ़ हल्के के गांवों में दौरों के लिए अपने साथ पूर्व मंत्री के विरोधी पूर्व जिला अध्यक्ष को अपने साथ ले लिया। वैसे तो विधायक ने रामबिलास शर्मा को दीपावली के दिन निमंत्रण दिया, लेकिन चर्चा है कि कमोबेश अब यह आयोजन पार्टी के जी का जंजाल बनता जा रहा है । एक तरफ रामपुरा हाउस की नाराज़गी तो दूसरी तरफ़ भाजपा जिला कार्यकर्ताओं और नेताओं की अनदेखी आगे चलकर पार्टी के लिए मुसीबत का कारण ना बन जाए। Post navigation अब राजस्थान और छत्तीसगढ़ में OPS का क्या होगा? हरियाणा में भी अकेले ओपीएस से जादू की उम्मीद नहीं ! प्रचंड मोदी लहर में लोकसभा के साथ ही हरियाणा के चुनाव कराने पर मंथन