सीएम ने भाजपा हाईकमान के पाले में डाली गेंद

कुछ सांसदों, विधायकों की भी कटेगी टिकट

नए चेहरे पर खेला जाएगा दांव

अशोक कुमार कौशिक

मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के चुनाव नतीजों से उत्साहित भाजपा लोकसभा के साथ ही हरियाणा विधानसभा के चुनाव कराने की संभावनाएं तलाशने में जुट गई है। देश में अगले साल अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने प्रस्तावित हैं, जबकि हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल अगले साल ही अक्टूबर माह में पूरा हो रहा है।

ऐसे में भाजपा के रणनीतिकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम की लहर तथा अगले माह जनवरी में भगवान श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा का फायदा उठाने का कोई मौका चूकना नहीं चाह रहे हैं। लोकसभा चुनाव व विधानसभा चुनाव में भाजपा कुछ सांसदों और विधायकों के टिकट काटकर नए चेहरों पर दांव व लगाएगी।

तीन राज्यों के चुनाव नतीजे आने के तुरंत बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हिसार में लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव कराने के संकेत दे दिए हैं। हालांकि उन्होंने गेंद भाजपा हाईकमान तथा केंद्रीय चुनाव आयोग के पाले में डाल दी। मुख्यमंत्री ने कहा है कि यदि भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति तथा केंद्रीय चुनाव आयोग चाहेगा तो हरियाणा विधानसभा के चुनाव लोकसभा के साथ ही कराए जा सकते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का जादू चला

मुख्यमंत्री ने ऐसे बयान हालांकि दो-तीन बार पहले भी दिए हैं, लेकिन तीन राज्यों के चुनाव नतीजों के तुरंत बाद उनका यह कहना कि हम एक साथ चुनाव कराने को तैयार हैं, यह अपने आम में काफी महत्वपूर्ण है। तीन राज्यों के चुनाव नतीजों के बाद एक तो यह साफ हो गया कि वहां सिर्फ और सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का जादू चला है।

प्रधानमंत्री की विकास की एक गारंटी बाकी सभी तरह की गारंटियों पर भारी पड़ी हैं। ऐसे में भाजपा हरियाणा मे तीसरी बार सत्ता में आने का कोई मौका नहीं चूकना चाहती और इस मौके का फायदा उठाने के लिए उसे लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव कराने से बढ़िया दूसरा कोई विकल्प दिखाई नहीं दे रहा है। इसके लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख नेताओं के साथ भी चर्चा आरंभ कर दी गई है।

भाजपा का संगठन धरातल पर काम कर रहा है

हरियाणा में भाजपा संगठन और सरकार पहले से चुनाव के लिए तैयार हैं। भाजपा का संगठन धरातल पर काम कर रहा है, जबकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं के सफल तथा धरातल पर क्रियान्वयन के लिए पूरी तरह से सजग हैं। लोकसभा चुनाव में संभावित उम्मीदवारों व पार्टी की जीत-हार को लेकर भाजपा अब तक तीन सर्वे करा चुकी है। इन सर्वे में कुछ उम्मीदवारों को बदलने की रिपोर्ट सामने आई है।

सर्वे के आधार पर यदि भाजपा अपने उम्मीदवारों में बदलाव करती है तो उसे लोकसभा चुनाव में काफी फायदा होगा। यही स्थिति विधानसभा चुनाव को लेकर है। पार्टी में चर्चा है कि भाजपा के मौजूदा विधायकों में से करीब दो दर्जन विधायकों के टिकट बदले जा सकते हैं। लोकसभा चुनाव में भी लगभग आधा दर्जन सांसदों की टिकट कट सकती है। राज्य में यदि लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होंगे तो न तो टिकटों के बदलाव को लेकर किसी तरह की नाराजगी सामने आएगी और न ही कोई नेता पार्टी में विरोध का साहस जुटा पाएगा। युवा, जिताऊ, महिला, संघ से जुड़े लोगों के साथ जातिगत समीकरणों को भी ध्यान में रखा जाएगा।

केंद्र सरकार और आयोग फैसला लें तो हम तैयार

मनोहर लाल तीन राज्यों के चुनाव नतीजे काफी उत्साहित करने वाले हैं। यह केंद्र सरकार की कल्याणकारी व अंत्योदय पर आधारित योजनाओं पर लोगों की स्वीकारोक्ति की मुहर है। केंद्र व राज्यों के चुनाव एक साथ करवाने की योजना एक बड़ा कार्यक्रम है। केंद्र सरकार व चुनाव आयोग यदि ऐसा करते हैं तो हम पूरी तरह से तैयार हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की नीतियों व संबंधित राज्यों में हमारे घोषणापत्रों पर जनता ने विश्वास किया है।

इन राज्यों की जनता ने कांग्रेस को नकारकर साबित कर दिया है कि केवल नारे लगाने से बात नहीं बनती बल्कि धरातल पर कुछ करना पड़ता है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर पन्ना प्रमुख तक हमारे सब लोग मजबूत हैं। हमने पन्ना प्रमुख तक के नेटवर्क को सशक्त बनाया है, उसका सबसे बड़ा फायदा पार्टी को चुनाव में मिलता है, जो आगे भी मिलेगा। भाजपा सरकारों की अंत्योदय की भावना से काम करने की नीति को जनता पसंद कर रही है। 

error: Content is protected !!