गांव बलेवा निवासी हरिकिशन लखेरा ने दहेज के खिलाफ कठोर कदम उठाया

हरिकिशन के बेटे गौरव का विवाह झज्जर निवासी ओमप्रकाश की बेटी से तय हुआ

विवाह समारोह के आयोजन में दहेज न लेने के बैनर भी लगाए

फतह सिंह उजाला 

पटौदी 2 दिसंबर । अभी मामा के द्वारा अपनी भांजी के भात में एक करोड़ से अधिक नगदी और 30 तोले सोना एवं 2 किलो चांदी के जेवरात भेंट करने की चर्चा ठंडी भी नहीं हुई । इसके विपरीत भात और लग्न में केवल मात्र 1 रुपया और नारियल  स्वीकार कर दहेज के खिलाफ अपने दृढ़ संकल्प का परिचय करवाया गया, यह मामला पटौदी क्षेत्र के गांव बालवा का है । सरकार भले ही दहेज प्रथा को रोकने के लिए कितने ही दावे करे , लेकिन साधन संपन्न धनाडिया वर्ग दहेज लिए और दिए बिना नहीं मानते  है।

मगर इस दहेज प्रथा जैसी कुरीति के खिलाफ  पटौदी विधानसभा क्षेत्र के गांव बलेवा निवासी हरिकिशन लखेरा ने दहेज के खिलाफ कठोर कदम उठाते हुए अपने बेटे की शादी में दहेज को ना कहते हुए लग्न में सिर्फ एक रुपया नारियल लिया। हरिकिशन ने लोगों को दहेज न लेने व न देने के लिए समारोह स्थल पर दहेज के खिलाफ बैनरों के माध्यम से बहुत ही सुंदर संदेश दिया।

दामाद व समधी मिला जो दहेज के खिलाफ

हरिकिशन की दहेज विरोधी इस मुहिम का गांव की सरपंच सहित सभी रिश्तेदारों ने भरपूर सराहना की। हरिकिशन व उनका परिवार इस बिना दहेज की होने वाली शादी को लेकर बहुत प्रसन्न है। साथ ही शादी में आए एक रिश्तेदार ने गोदी में उठाए हुए अपने बेटे की शादी के लिए यह प्रण लिया कि वह अपने इस बेटे की जब भी शादी करेंगे बिना दहेज करेंगे। हरिकिशन को बहुत प्रसन्नता हुई कि उनकी इस मुहिम से लोग प्रभावित होकर दहेज को ना कहने लगे। हम आपको बतां दे हरिकिशन के बेटे गौरव का विवाह झज्जर निवासी ओमप्रकाश की बेटी के साथ तय हुआ है। ओमप्रकाश ने बताया कि हर पिता का अरमान होता है कि वह अपनी बेटी को दहेज में कुछ सामान दे । मगर उन्हें बहुत खुशी है कि उन्हें ऐसा दामाद व समधी मिला जो दहेज के खिलाफ है।

शगुन के तौर पर सिर्फ एक रूपया व नारियल

जिन्होंने शगुन के तौर पर सिर्फ एक रूपया व एक नारियल लिया। इसी प्रकार चरखी दादरी से भात देने आए हरिकिशन के साले निरंजन लाल ने बताया कि उनके जीजाजी व बहन ने साफ कहा कि वे भात में  सिर्फ एक रुपया लेंगे। मुझे खुशी है कि हरिकिशन जी ने इस प्रकार का सराहनीय कार्य किया। 

हरिकिशन का परिवार उदाहरण बना 

गांव बलेवा की महिला सरपंच शशी यादव ने कहा कि हमारे गांव के लिए हरिकिशन व उनका परिवार एक उदाहरण बना है जिसने दहेज को ना कहा है। इस अवसर पर मामन, ईश्वर सिंह, धर्मवीर, शिवदत्त, कृष्ण कुमार, विनोद कुमार, दिनेश कुमार, पवन शर्मा, सूबे सिंह, इंदरजीत कटारिया, धीरज शर्मा, संतलाल, राहुल समेत अनेक रिश्तेदार वह बंधु गण उपस्थित थे।

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