चिराग योजना को तत्काल वापिस लिया जाए और शिक्षक नेता सुरेश द्रविड़ पर दर्ज एफआईआर को रद्द किया जाए कैथल, 30/11/2023 – जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल द्वारा जारी धरना आज तेज बारिश और हवाओं के बीच भी जारी रहा, धरने का 430 वां दिन है और धरने की अध्यक्षता बलवंत रेतवाल ने की, उन्होंने हरियाणा सरकार से मांग करते हुए कहा कि चिराग योजना को तत्काल वापिस लिया जाए और शिक्षक नेता सुरेश द्रविड़ पर दर्ज एफआईआर को रद्द किया जाए। अखिल भारतीय किसान सभा के सचिव बलवंत धनोरी ने कहा कि यह धरना गत वर्ष 28 सितंबर 2022 से शुरू हुआ था और लगातार जारी है, बहुत से आंधी और तूफान तथा बारिश के बावजूद यह धरना जारी है,कई बड़े बड़े नेता इस धरने पर पहुंचे हैं और लाखों लोग इस धरने पर आए है , बहुत से लोगों ने यहां रजिस्टर में हस्ताक्षर किए और बहुत से लोगों ने हस्ताक्षर नहीं किए, लेकिन उन्होंने अपनी उपस्थिति दी है, लाखों लोगों की उपस्थिति और लगातार 430 वें दिन भी धरना जारी ,यह हमारी बहुत बड़ी जीत है,असली जीत भी जल्द होगी, किसान नेता बलवंत सिंह धनोरी ने यह भी कहा कि कृषि मंत्री जे पी दलाल को इतनी भी तहजीब नहीं है कि मां-बहनों-बेटियों की इज्जत कैसे की जाती है,भिवानी जिले के गिगनाऊ गांव में कहीं गई अमर्यादित टिप्पणी के लिए क्या भाजपा उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करेगी ? यदि भाजपा ईमानदार होगी तो जरूर करेगी और यदि भाजपा में बैठे लोग ईमानदार नहीं हैं तो वे ऐसा नहीं करेंगे,लेकिन कितनी दुखद बात है कि शिक्षक नेता सुरेश द्रविड़ पर सरकार के खिलाफ जायज और सही सवाल उठाने पर ही राजद्रोह का केस दर्ज कर दिया गया, इससे पता चलता है कि भाजपा नेताओं में कितना दोगलापन है। जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल के संयोजक जयप्रकाश शास्त्री ने कहा कि 9 दिसंबर का प्रदर्शन ऐतिहासिक होगा, इसमें कई बड़े नेता भाग लेंगे,जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल के प्रैस प्रवक्ता सुरेश द्रविड़ ने प्रैस को जारी बयान में बताया कि 9 दिसंबर के प्रदर्शन में भारतीय किसान यूनियन चढुनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार गुरनाम सिंह चढुनी तथा नैक्डोर के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक भारती,युनियनिष्ट मिशन के संयोजक सरदार मनोज सिंह दूहन, दिल्ली विश्वविद्यालय की सहायक प्रोफेसर डॉ रितु भी धरने को समर्थन देने पहुंचेगी,सर्व कर्मचारी संघ तथा अनेक शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधि भी इस प्रदर्शन में शामिल होंगे,धरने पर आज कलीराम प्यौदा, सतबीर सिंह, जयपाल फौजी, हजूर सिंह, वीरभान हाबड़ी,भीम सिंह तितरम,माम चंद खेड़ी सिम्बल, बलवंत जाटान, रामशरण राविश आदि भी उपस्थित थे। Post navigation पहले से ही चल रहे स्कूलों को मॉडल संस्कृति स्कूलों का नाम देने से शिक्षा व्यवस्था में सुधार नहीं हो सकता हरियाणा सरकार केवल घोषणाएं कर रही है धरातल पर इनको लागू नहीं किया जा रहा