शिक्षा की बेहतरी के लिए आवाज उठाने वाले शिक्षकों पर राजद्रोह जैसे मुकदमे दर्ज किए जा रहे है सर्व कर्मचारी संघ के वरिष्ठ नेता ओमपाल भाल ने कहा कि 9 दिसंबर का प्रदर्शन ऐतिहासिक होगा, हरियाणा सरकार चाहे तो हम बातचीत के लिए तैयार है। कैथल, 29/11/2023 – जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल द्वारा जारी धरना आज 429 वें दिन भी जारी रहा, धरने की अध्यक्षता रणधीर ढुंढ़वा ने की, धरने पर उपस्थित साथियों को संबोधित करते हुए रणधीर ढुंढ़वा ने कहा कि मौजूदा सरकार शिक्षा विभाग के साथ साथ शिक्षा व्यवस्था से बड़े पैमाने पर खिलवाड़ कर रही है। पहले से ही चल रहे स्कूलों को मॉडल संस्कृति स्कूलों का नाम देने से शिक्षा व्यवस्था में सुधार नहीं हो सकता,यह केवल एक ढोंग ही हो सकता है। प्रदेश में सरकारी स्कूलों में जहां कई स्कूलों में आवश्यकता से अधिक शिक्षक मौजूद है वहीं कुछ स्कूलों में आवश्यकता से कम शिक्षक मौजूद है, जिससे प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था चौपट हो रही है, और शिक्षकों के सही समय पर तबादले नहीं होने से हरियाणा सरकार और शिक्षा विभाग द्वारा निर्मित शिक्षक ट्रांसफर पोलिसी भी अपंग हो चुकी है,अभी भी प्रदेश में 50000 से अधिक शिक्षकों के पद खाली पड़े है, इन पदों पर स्थाई भर्तियां की जा सकती है लेकिन प्रदेश के मुखिया इस संबंध में चुप है तथा शिक्षा की बेहतरी के लिए आवाज उठाने वाले शिक्षकों पर राजद्रोह जैसे मुकदमे दर्ज किए जा रहे है, रिटायर्ड कर्मचारी नेता बलवंत जाटान ने पुलिस अधीक्षक महोदया कैथल से निवेदन करते हुए कहा कि सुरेश द्रविड़ के खिलाफ दर्ज एफआईआर को तुरंत रद्द किया जाए, अन्यथा 9 दिसंबर को रिटायर्ड कर्मचारी ,विभिन्न संगठनों के साथ मिलकर जिला सचिवालय कैथल में प्रदर्शन में बढ़ चढ़ कर भाग लेंगे । सर्व कर्मचारी संघ के वरिष्ठ नेता ओमपाल भाल ने कहा कि 9 दिसंबर का प्रदर्शन ऐतिहासिक होगा, हरियाणा सरकार चाहे तो हम बातचीत के लिए तैयार है। सीटू व मनरेगा मजदूर यूनियन के वरिष्ठ नेता नरेश रोहेड़ा ने कहा कि राज्य मंत्री माननीया कमलेश डांढा ने चल रहे आंदोलन के लिए कोई ठोस भूमिका नहीं निभाई, जबकि शिक्षक नेता सुरेश द्रविड़ पर दर्ज एफआईआर और एफआईआर के अंतर्गत राजद्रोह का मुकदमा उनकी कोठी का मसला है। राज्य मंत्री श्रीमती कमलेश डांढा को इसमें सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए और जन भावनाओं की कदर करते हुए इस मसले का हल निकालना चाहिए। राज्य मंत्री श्रीमती कमलेश डांढा चाहे तो इस मसले का जल्द हल निकल सकता था लेकिन उनके उदासीनता पूर्ण रवैए से यह मसला और अधिक लम्बा होता जा रहा है। धरने पर आज जयपाल फौजी, कलीराम प्यौदा, वीरभान हाबड़ी, मामचंद खेड़ी सिम्बल, भीम सिंह तितरम, हजूर सिंह, रामेश्वर आदि भी उपस्थित थे। Post navigation चिराग योजना धरातल पर खरी नहीं है, इसको रद्द करना चाहिए या फिर इसमें सुधार करना चाहिए कृषि मंत्री जे पी दलाल को इतनी भी तहजीब नहीं है कि मां-बहनों-बेटियों की इज्जत कैसे की जाती है : बलवंत सिंह धनोरी