संविधान के अंदर समाहित हमारे कर्तव्यों का अध्ययन स्कूलों में कराना चाहिए : बोधराज सीकरी

गुरुग्राम। दिनांक 28-11-2023 को द्रोण पब्लिक स्कूल और द्रोणा कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन, रवि नगर, गुरुग्राम के लगभग पाँच सौ विद्यार्थी स्कूल के, बीस विद्यार्थी बी.एड कॉलेज से, पचास अध्यापक और अध्यापिकाएं और तीस के करीब अन्य प्रशासनिक स्टाफ आदि लगभग छ: सौ साधकों ने श्री गजेंद्र गोसाई जी की संगीतमय हनुमान चालीसा पाठ रूपी गंगा में 11-11 बार स्नान किया। स्कूल के अध्यक्ष श्री भीष्म भारद्वाज ने सुन्दर आयोजन कर यह सिद्ध किया कि उनके स्कूल के विद्यार्थी वास्तव के संस्कारवान हैं क्योंकि सभी विद्यार्थी अनुशासन में बैठ कर पाठ में पूरी रुचि ले रहे थे। अंतिम पाठ में जब गोसाई जी ने नृत्य का संपुट प्रारंभ किया तो विद्यार्थियों और अध्यापकों ने खूब नृत्य किया और ऊर्जा से वातावरण को आध्यात्मिक दृष्टिकौन से सक्रिय कर दिया।

हनुमान चालीसा पाठ के बाद श्री बोधराज सीकरी ने विद्यार्थियों को प्रेणादायी वक्तव्य देकर उनके अंदर नई ऊर्जा का संचार किया। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों के लिए हनुमान चालीसा पाठ इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि हनुमान चालीसा का प्रथम शब्द श्री “ गुरु “ है। विद्यार्थियों के लिए जीवन में “गुरु” का बहुत बड़ा महत्व है और उसके बाद बोधराज सीकरी ने गुरु तत्व की परिभाषा और भावार्थ बच्चों को समझाया और बताया कि हनुमान चालीसा पाठ में जैसे तुलसीदास जी ने हनुमान जी को विद्यावान गुणी और चातुर बताया है , इसी प्रकार विद्यार्थियों यदि जीवन में शिक्षित बनना चाहते हो, गुणी बनना चाहते हो और अच्छा बनना चाहते हो तो आपको हनुमान चालीसा पाठ का नियमित रूप से पठन करना चाहिए। उसके बाद उन्होंने रामायण, गीता और गुरु ग्रंथ साहिब के प्रथम और अंतिम शब्द की अलग तरह से विवेचना समझाकर बच्चों को बताया कि हमें ग्रन्थों का स्वाध्याय कैसे करना चाहिए और क्यों करना चाहिए। अपने दूसरे मंत्र में प्रसन्नचित होने का तरीका और समय की मर्यादाओं में काम करना चाहिए और व्यक्ति को किसी भी निर्णय लेने से पूर्व अध्ययन, स्वाध्ययन, समीक्षा, मंथन और चिंतन भी करना चाहिए। बोधराज सीकरी ने युवाओं को बताया कि आपके पास ऊर्जा है और बड़ों के पास अनुभव। यदि दोनों मिलकर अनुभव और ऊर्जा का मिश्रण करें तो सफलता का विस्फोट होगा। इस प्रकार कई अन्य आध्यात्मिक उदाहरण देकर बच्चों को संस्कारवान बनाने का मंत्र दिया और अंत में विद्यार्थियों को समझाया कि राष्ट्र सर्वोपरि है। चाहे हम किसी भी धर्म जाति से संबंध रखते हों। अतः राष्ट्र के प्रति अपनी कर्तव्य परायणता और संविधान के अंदर समाहित हमारे कर्तव्यों का भी अध्ययन स्कूल में कराना चाहिए। यदि हमें अपने संविधान के अनुसार कर्तव्यों का आभास और ज्ञान होगा तो हम राष्ट्र भक्त वास्तव में कहलाएंगे।

इसके बाद स्कूल के अध्यक्ष श्री भीष्म भारद्वाज ने अपने सम्बोधन में जहां एक ओर बोधराज सीकरी को आदरणीय के साथ पूजनीय कहा कि जिस प्रकार से उन्होंने प्रेरणादायक वक्तव्य दिया है। वास्तव में वो मेरे लिए पूजनीय है और उन्होंने स्कूल के बारे में और स्कूल के अंदर स्थापित श्री हनुमान मंदिर का विस्तारपूर्वक हाल बताया। हनुमान चालीसा पाठ आरती और राष्ट्रगान के साथ समापन हुआ।

यहां पर श्री गजेंद्र गोसाई के अतिरिक्त पंडित भीमदत्त, श्री धर्मेन्द्र बजाज, श्री सुखदेव और श्री बवेजा जी भी उपस्थित रहे।

डॉ.अलका शर्मा की उपस्थिति मंच के माध्यम से काफी प्रेरणादायक रही। श्री बोधराज सीकरी ने अपने सम्बोधन के दौरान डॉ.अलका शर्मा का परिचय भी दिया।

इस प्रकार रवि नगर में 600 साधकों ने 11-11बार कुल 6600 पाठ किए।

जामपुर शिव मंदिर ईस्ट ऑफ कैलाश में 35 लोगों ने पाँच-पाँच बार पाठ किया।

इसके अतिरिक्त “ जनता रिहैबिलिटेशन ट्रेनिंग सेंटर भीमगढ़ खेड़ी गुरुग्राम’ के 40 विद्यार्थियों ने सामूहिक रूप से गायकी के साथ 21-21 बार हनुमान चालीसा का पाठ किया। इसका आयोजन श्री नरेंद्र शर्मा और श्री पी.पी मेहता ने किया। यह पाठ निरंतर हर मंगलवार चलेगा।

संतोष नासा जी, कृष्णा कालोनी के घर में 15 महिलाओं ने 3-3 बार श्री हनुमान चालीसा का पाठ किया।

इसके अतिरिक्त गीता भवन के प्रांगण में श्री कृष्ण कृपा सेवा समिति गुरुग्राम द्वारा आयोजित गीता जयंती निमित्त कार्यक्रम जिसकी अध्यक्षता श्रद्धेय स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने की थी, उसमें लगभग 100 साधकों ने सात-सात बार कार्यक्रम से पूर्व हनुमान चालीसा का पाठ किया।

यानी पांच स्थानों पर हनुमान चालीसा का पाठ हुआ। इस प्रकार कुल 790 साधकों ने 8,360 हनुमान चालीसा पाठ किये।

अब तक 154 स्थानों पर 437,927 पाठ 31,031 साधकों द्वारा पिछले सप्ताह तक हुए थे।

सब पाठ को मिलाकर 159 स्थानों पर कुल 4,46,287 हनुमान चालीसा पाठ 31,821 साधकों द्वारा किये जा चुके हैं।

error: Content is protected !!