पत्रकारों को पेंशन से वंचित रखने के लिए सरकार ने जोड़ा एफआईआर वाला प्रावधान- हुड्डा

पत्रकारों के अधिकार व उनकी स्वतंत्रता छीनना चाहती है बीजेपी-जेजेपी- हुड्डा

चंडीगढ़, 27 नवंबरः पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पत्रकारों के लिए बनाई गई पेंशन नीति की शर्तों पर सवालिया निशान खड़ा किया है। हुड्डा का कहना है कि सरकार ने पत्रकारों पर दबाव बनाने और उन्हें पेंशन से वंचित करने के लिए जानबूझकर एफआईआर वाली शर्त जोड़ी है। पेंशन नीति में कहा गया है कि अगर किसी पत्रकार पर एफआईआर हुई तो उसे पेंशन नहीं दी जाएगी।

हुड्डा ने कहा कि बीजेपी और बीजेपी-जेजेपी सरकारों द्वारा प्रेस की स्वतंत्रता का हनन करने के लिए बार-बार पत्रकारों के विरुद्ध एफआईआर को हथियार की तरह इस्तेमाल किया है। देश की न्यायिक व्यवस्था कहती है कि महज मामला दर्ज होने से किसी को दोषी नहीं माना जा सकता। पेंशन नीति का यह प्रावधान पूरी तरह गैर-कानूनी है। वैसे भी पेंशन एक सम्मान निधि है, जिसपर इस तरह की शर्त नहीं लगाई जा सकती। केवल इसमे जघन्य अपराधी को पेंशन का लाभ ना मिले केवल पालिसी में ये शामिल हो सकता है । सभी योग्य पत्रकारो पर इस तरह का दबाव ना बनाया जाए । अगर मौजूदा सरकार ऐसा नहीं करती तो कांग्रेस सरकार बनने पर एफआईआर वाले प्रावधान को खत्म किया जाएगा ताकि पत्रकारों के अधिकार व स्वतंत्रता सुरक्षित रखा जा सके।

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