भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार की संवेदनहीनता से जा रही मेहनतकश कामगारों की जान

दो साल में सीवर लाइन और एसटीपी की गैस ले चुकी 50 से अधिक लोगों की जान

चंडीगढ़, 24 नवंबर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व केंंद्रीय मंत्री एवं हरियाणा कांग्रेस कमेटी की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार की संवेदनहीनता के कारण मेहनतकश कामगारों की लगातार जान जा रही है। महज दो साल के अंदर ही 50 से अधिक लोगों की मौत सीवर लाइन व एसटीपी की गैस के कारण हो चुकी है। इसलिए प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक प्रत्येक मृतक के परिजनों को 30-30 लाख रुपये मुआवजा राशि तुरंत प्रभाव से जारी करनी चाहिए।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि रोहतक में सीवर लाइन की सफाई के दौरान दो कामगारों की मौत की सीधी जिम्मेदार प्रदेश सरकार है क्योंकि यह सरकार न तो सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए प्रावधानों को लागू कर पा रही है और न ही मैनुअल स्कैवेंजर्स और उनके पुनर्वास अधिनियम, 2013 की पालना कर पा रही है। इस अधिनियम के तहत एसटीपी या सीवर लाइन में किसी भी कर्मी को उतारे जाने पर प्रतिबंध है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जींद, गुड़गांव, फरीदाबाद, पलवल, पानीपत, बहादुरगढ़ की घटनाएं किसी से भी छिपी नहीं हैं, जब एसटीपी और सीवर की गैस ने गरीब परिवारों के चूल्हे को ही बुझा दिया। लगातार हो रही मौतों से पता चलता है कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार पूरी तरह से गरीब सफाई कर्मियों की विरोधी है। प्रदेश सरकार को किसी भी एसटीपी, हौद व सीवर लाइन में सफाई कर्मियों के उतरने पर तुरंत प्रतिबंध लगाते हुए इनकी सफाई के तौर-तरीकों में बदलाव करना चाहिए।

कुमारी सैलजा ने कहा कि एसटीपी व सीवर लाइन पर कार्यरत कर्मियों के लिए बनाए गए कानून को न तो सरकारी विभागों में लागू करवाया जा रहा है और न ही ठेकेदारों पर कानून मानने का दबाव बनाया जा रहा है। आज रोबोट का युग है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जमाना है। इसके बावजूद सीवर व एसटीपी की सफाई में प्रदेश सरकार इनका प्रयोग नहीं कर रही है। प्रदेश सरकार को चाहिए कि सीवर लाइनों की सैटेलाइट मैपिंग कराए और थ्री-डी तकनीक का सहारा लेते हुए इनकी सफाई कराए। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसके लिए अगर रोबोट खरीदने पड़े तो खरीद ले, लेकिन लोगों की जान जाने से जरूर बचाए। सफाई कर्मियों को एसटीपी, हौद व सीवर लाइनों में उतारने के जिम्मेदार अफसरों, कंपनियों पर ठोस कार्रवाई न होने की वजह से भी उनके हौंसले बुलंद हैं और वे बार-बार नियमों की अवहेलना कर रहे हैं।

error: Content is protected !!