एचपीएससी के बाद एचईआरसी का चेयरमैन भी नॉन हरियाणवी

सीएमओ में भी कोई बंगाल से, कोई बिहार से तो कोई किसी अन्य प्रदेश से

चंडीगढ़, 23 नवंबर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, कांग्रेस कार्य समिति की सदस्य एवं हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार का हरियाणा एक-हरियाणवी एक का नारा महज दिखावा है। हकीकत तो यह है कि इस सरकार को हरियाणवियों से नफरत है और सिर्फ बाहरी ही पसंद हैं। इसलिए ही एचपीएसपी के बाद एचईआरसी चेयरमैन भी हरियाणा से बाहर के व्यक्ति को लगाया गया है। यही नहीं, सीएमओ में भी बाहरियों की ही भरमार है।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि जब से आलोक वर्मा को एचपीएससी चेयरमैन बनाया गया है, आयोग भ्रष्टाचार, पेपर लीक के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। कितनी ही भर्तियों पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट स्टे लगा चुका है या फिर रद्द कर चुका है। लगातार विवादों में रहने के बावजूद प्रदेश सरकार ने इनके कारनामों को खुला आशीर्वाद दिया हुआ है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एचईआरसी चेयरमैन के लिए प्रदेश के कितने ही काबिल लोगों ने आवेदन किया हुआ था, लेकिन उन्हें दरकिनार कर हिमाचली मूल के नंदलाल शर्मा को तैनात करना सरासर गलत है। गठबंधन सरकार के इस कदम से साबित होता है कि उसे प्रदेश के अफसरों, इंजीनियर्स और अन्य काबिल लोगों पर भरोसा ही नहीं है। इसलिए ही मुख्यमंत्री कार्यालय में भी बिहार, बंगाल, उत्तर प्रदेश, पंजाब समेत अन्य राज्यों के लोगों की तैनाती की गई है, जो दिन भर मूल हरियाणवियों को परेशानी में डालने वाली स्कीम और योजनाएं बनाते रहते हैं।

कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा की हरियाणवी विरोधी सोच के कारण ही निजी क्षेत्र की नौकरियों में स्थानीय युवाओं को आरक्षण का कानून हाई कोर्ट में टिक नहीं पाया था। क्योंकि, इन्होंने जानबूझकर इसमें खामियां छोड़ दी थी। सरकारी नौकरियां देने के लिए बनाए गए दो बड़े आयोग एचपीएससी और एचएसएससी में बाहर से लाकर आईआरएस अफसर की तैनाती करना और दोनों जगह की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी उसे ही सौंपने से साबित होता है कि प्रदेश सरकार अब हरियाणवियों को सरकारी नौकरी भी नहीं मिलने देगी। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इससे पहले भी क्लास-1 व क्लास-2 की नौकरियों में हरियाणा निवासियों के मुकाबले अन्य राज्यों के युवाओं का चयन किए जाने के मामले सामने आते रहे हैं। इससे पता चलता है कि नागपुर और दिल्ली के इशारे पर भर्तियां और नियुक्तियां हो रही हैं। चहेतों को एडजस्ट करने के लिए ही हरियाणा का प्रयोग किया जा रहा है। यह बात प्रदेश के लोगों को समझ आ चुकी है और अगले चुनाव में वोट की चोट से इस सभी का बदला लेने का मन बना चुके हैं।

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