सता की कुर्सी पर बैठे अंहकारी लोग जनता द्वारा दान में व पंचायती जमीन में बनाए गए सरकारी स्कूलों को धड़ाधड़ बंद करके बड़े बड़े धन्नासेठों व कार्पोरेट जगत के हवाले करना चाहते है प्रदेश के 50000 से अधिक खाली पड़े पदों पर भर्ती न करके बच्चों को स्कूलों से भगाया जा रहा है, फिर कम छात्र संख्या के नाम पर सैकड़ों स्कूलों को बंद किया जा रहा है कैथल, 22/11/20223 – जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल द्वारा जारी धरना आज 422 वें दिन भी जारी रहा, धरने की अध्यक्षता जन शिक्षा अधिकार मंच के संयोजक जयप्रकाश शास्त्री ने की, जयप्रकाश शास्त्री ने इस अवसर पर कहा कि सत्ता में बैठे लोग इतने निरंकुश हो गए है कि 422 दिन बीत जाने पर भी नींद नहीं टुटी है,आज सता की कुर्सी पर बैठे अंहकारी लोग जनता द्वारा दान में व पंचायती जमीन में बनाए गए सरकारी स्कूलों को धड़ाधड़ बंद करके बड़े बड़े धन्नासेठों व कार्पोरेट जगत के हवाले करना चाहते है। नई शिक्षा नीति 2020 इसी दिशा की ओर बढ़ते कदमों का दस्तावेज है, जिसे संसद में बिना बहस के कोरोना काल में सरकारी आदेश से लागू कर दिया गया,उसी के दिशा निर्देश में शिक्षा और स्कूलों को बर्बाद करने के कदम उठाए जा रहे है, जैसे प्रदेश के 50000 से अधिक खाली पड़े पदों पर भर्ती न करके बच्चों को स्कूलों से भगाया जा रहा है, फिर कम छात्र संख्या के नाम पर सैकड़ों स्कूलों को बंद किया जा रहा है, अध्यापकों की भर्ती करके बच्चों की संख्या बढ़ाई जा सकती है, लेकिन मौजूदा सरकार इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाना चाहती, यह हमारे प्रदेश के लिए चिंताजनक स्थिति है। राज्य में लड़कियों के आठवीं तक के स्कूलों को बंद कर दिया गया है, कैथल जिले में भी ऐसे 9 स्कूल है। इस अवसर पर राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ कैथल के पूर्व जिला प्रधान राजेश बैनिवाल ने कहा कि हरियाणा सरकार को चिराग योजना को तुरंत रद्द कर देना चाहिए और बंद किए गए कन्या स्कूलों को दोबारा खोलना चाहिए तथा स्कूलों को मर्जर करने की प्रक्रिया को भी बंद कर देना चाहिए और शिक्षक नेता सुरेश द्रविड़ पर दर्ज एफआईआर को रद्द कर देना चाहिए व जन शिक्षा अधिकार मंच के साथियों से बातचीत करके शिक्षा से संबंधित मुद्दों का समाधान करना चाहिए, लोकतंत्र में बातचीत करके मसलों का हल निकालना बेहद सकारात्मक है,उन्होंने सभी सामाजिक संगठनों से 9 दिसंबर को होने वाले प्रदर्शन में भाग लेने की भी अपील की है, नई शिक्षा नीति 2020 का दस्तावेज भी सार्वजनिक शिक्षा को सिकोड़ने वाला और शिक्षा के क्षेत्र में धन्नासेठों को बढ़ावा देने वाला होगा। धरने पर आज जयपाल फौजी, संजीव मुंदड़ी, सुखपाल मलिक, जयप्रकाश शास्त्री, शमशेर तितरम, सुभाष,राजीव , विनोद कुमार, बलवान सिंह,राजू, रामसिंह, सतबीर प्यौदा, जयप्रकाश शास्त्री, वीरभान हाबड़ी, मामचंद खेड़ी सिम्बल, रणधीर ढुंढ़वा,बलवंत रेतवाल,भीम सिंह तितरम, बलवंत धनोरी, रामेश्वर,हजूर सिंह , बलवंत जाटान, बलबीर सिंह, इंद्र सिंह, नवाजा राम, जगबीर सिंह आदि भी उपस्थित थे। Post navigation मुख्यमंत्री मनोहर लाल क्या शिक्षा के मुद्दों पर शिक्षक संगठनों और जन शिक्षा अधिकार मंच से संवाद करेंगे ? 20 नवंबर से 28 नवंबर तक शिक्षकों को ड्राप आउट सर्वे के लिए लगाया गया है, बच्चों की परिक्षाएं सिर पर है…..