– सफाई कर्मचारी रामसिंह तथा नरेश कुमार की सेवाएं की गई समाप्त, जबकि राजेश को किया गया निलंबित

– तीनों सफाई कर्मचारियों के विरूद्ध 14 नवंबर को हुई थी एफआईआर दर्ज

गुरूग्राम, 21 नवम्बर। गलत आचरण से नगर निगम गुरूग्राम की छवि को धूमिल करने वाले तीन सफाई कर्मचारियों पर गाज गिरी है। इसके तहत दो सफाई कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त की गई हैं, जबकि एक को निलंबित किया गया है।

नगर निगम गुरूग्राम द्वारा जारी आदेशों में कहा गया है कि सफाई कर्मचारी रामसिंह, नरेश कुमार तथा राजेश के खिलाफ पुलिस द्वारा 14 नवंबर को मुकदमा दर्ज किया गया था। इन कर्मचारियों के आचरण की वजह से नगर निगम गुरूग्राम की छवि खराब हुई है। इसके चलते सफाई कर्मचारी रामसिंह तथा नरेश कुमार की सेवाएं तुरंत प्रभाव से समाप्त कर दी गई हैं, जबकि तीसरे अन्य सफाई कर्मचारी राजेश को निलंबन आदेश जारी किए गए हैं।

उल्लेखनीय है कि गुरूग्राम के सिविल लाईंस थाने में 14 नवंबर को दर्ज एफआईआर नंबर 248 के अनुसार नगर निगम गुरूग्राम में बतौर ठेकेदार काम करने वाले व्यक्ति ने शिकायत दी थी कि नरेश मलकट, रामसिंह, राजेश व अन्य लोग शिकायतकर्ता से प्रत्येक माह 25 हजार रूपए दबाव डालकर मांगते हैं तथा ना देने की सूरत में उनकी गाडिय़ों को रोक देते हैं और गाडिय़ों में नुकसान पहुंचाते हैं। शिकायत में कहा गया कि प्रत्येक माह के हिसाब से इनमें लगभग 3 लाख रूपए दिए जा चुके हैं। नरेश प्रधान की लगातार धमकी भरी कॉल आ रही हैं कि या तो जनवरी से अब तक के पैसे दे दो, वरना गाड़ी नहीं चलने देंगे। शिकायत के आधार पर पुलिस द्वारा धारा-386, 34 व 120बी के तहत एफआईआर दर्ज करके  आगामी कार्रवाई की गई। इसके तहत सफाई कर्मचारी नरेश कुमार तथा रामसिंह को गिरफ्तार किया गया।

उक्त कर्मचारियों के गलत आचरण की वजह से नगर निगम गुरूग्राम की छवि धूमिल हुई है, जिसके चलते निगम द्वारा दो कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने के साथ ही एक पर निलंबन की कार्रवाई की गई है। इसके साथ ही पूरे प्रकरण की जांच के लिए एक कमेटी का गठन भी किया गया है, जिसमें अतिरिक्त निगमायुक्त, संयुक्त आयुक्त (स्वच्छ भारत मिशन), चीफ अकाऊंट ऑफिसर तथा विजिलैंस विंग के सलाहकार को शामिल किया गया है।

यह कमेटी सफाई कर्मचारियों की बार-बार होने वाली हड़ताल के कारणों, हड़ताल करवाने में किसी ठेकेदार या एजेंसी की संलिप्तता तथा कर्मचारियों को निगम रोल पर नियुक्त करवाने में सफाई यूनियन नेताओं या अन्य निगम कर्मचारियों की भ्रष्टाचार में सलिप्तता आदि की जांच करेगी। इस मामले में अगर कोई व्यक्ति शिकायत देना चाहता है, तो वह संयुक्त आयुक्त(स्वच्छ भारत मिशन) के कार्यालय में दे सकता है।

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