जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल द्वारा जारी धरना आज 420 वें दिन भी जारी रहा

सरकार से आग्रह करते हैं कि शिक्षक सुरेश द्रविड़ पर दर्ज एफआईआर को तुरंत रद्द किया जाए

कैथल, 20/11/2023 – जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल द्वारा जारी धरना आज 420 वें दिन भी जारी रहा, धरने की अध्यक्षता जयपाल फौजी व संजीव मुंदड़ी ने संयुक्त रूप से की,जयपाल फौजी ने कहा कि निजीकरण इस सरकार की नीतियों के केंद्र में है,जब बीपीसीएल, सीईएल,एयर इंडिया,पवन हंस आदि जैसी दुधारू गायों की बिक्री उस गति से नहीं बढ़ रही थी जैसा वे चाहते थे , सरकार राष्ट्रीयकरण मुद्रीकरण पाइपलाइन (एन एम पी) परियोजना लेकर आई, जिससे लोगों के पैसे से निर्मित विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र की संपत्तियों को बड़े कार्पोरेट्स को बिना किसी निवेश के पैसा कमाने के लिए सौंपने का रास्ता शुरू किया गया है, निजीकरण से देश का उधार नहीं होगा, यहां तक कि रक्षा उपकरण बनाने वाली 41 आयुध फैक्ट्रियों को भी उनके निजीकरण से पहले 7 निगमों में बदल दिया गया है,जो स्पष्ट रूप से एक राष्ट्र-विरोधी कदम है, जिससे लगभग 80000 कर्मचारी भी प्रभावित हुए हैं। सरकार में बैठे लोगों की नजर रक्षा, रेलवे आदि की विशाल जमीनों पर है। इस दर्द का रोना शिक्षक नेता सुरेश द्रविड़ ने रोया तो इसमें गलत ही क्या था ? शिक्षक नेता सुरेश द्रविड़ पर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कर दिया गया। हम सरकार से आग्रह करते हैं कि शिक्षक सुरेश द्रविड़ पर दर्ज एफआईआर को तुरंत रद्द किया जाए।

आज इस अवसर पर संजीव मुंदड़ी ने कहा कि जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल द्वारा जारी प्रचार अभियान का बड़े पैमाने पर असर हो रहा है। गत दिवस गुहला चीका में भाजपा द्वारा आयोजित पन्ना प्रमुख सम्मेलन में भाजपा कार्यकर्ताओं ने ही हरियाणा की शिक्षा व्यवस्था को लेकर शिक्षा मंत्री के सामने ही सवाल उठाए हैं जो जन शिक्षा अधिकार मंच की बहुत बड़ी जीत है। ये उस कार्यकर्ता की प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था और जनता के प्रति ईमानदारी भी हो सकती है और यह जन शिक्षा अधिकार मंच का प्रभाव भी हो सकता है।  हम उस भाजपा कार्यकर्ता संजीव कुमार के आभारी हैं जिन्होंने बिना किसी लाग लपेट की मौजूदा शिक्षा व्यवस्था को प्रदेश के शिक्षा मंत्री के सामने रखा है। भाजपा कार्यकर्ता ने जहां शिक्षा मंत्री को खरी खरी सुनाई ,वहीं यहां तक कह दिया कि इन भाषणों से भाजपा सत्ता में आने वाली नहीं है। उन्होंने धरातल पर कार्य करने की जरूरत भी बता डाली, उन्होंने स्कूलों की खस्ता हालत की ओर भी इशारा किया। स्कूलों में अध्यापक नहीं है इन बातों को भी शिक्षा मंत्री के सामने रखा, शिक्षा मंत्री ने कार्यकर्ता को यह सब लिखकर देने को कहा तथा कार्यवाही करने का आश्वासन भी दिया।

 ऐसे साथी के हम आभारी हैं। हमें सच के साथ खड़े होना चाहिए। सही बात को सुनना चाहिए।

शिक्षक नेता सुरेश द्रविड़ ने भी निजीकरण का विरोध किया है तथा मौजूदा शिक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर किया है, इसलिए प्रदेश सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए और सुरेश द्रविड़ पर दर्ज एफआईआर को रद्द करना चाहिए।

जन शिक्षा अधिकार मंच के संयोजक जयप्रकाश शास्त्री ने कहा कि सरकार हमें बातचीत का न्योता दे ,हम स्वागत करेंगे। हमारी बातचीत को सुना जाए,जनहित-देशहित में ही जन शिक्षा अधिकार मंच का गठन किया गया है, इसमें विभिन्न विचारधाराओं और विभिन्न संगठनों के साथी शामिल है, यह किसी विशेष विचारधारा का संगठन नहीं है बल्कि देश हित, जनहित में शिक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर करने तथा शिक्षा व्यवस्था में सुधार करने के लिए ही बनाया गया है, धरने पर आज रणधीर ढुंढ़वा, सतबीर प्यौदा, रामदिया, वीरभान हाबड़ी, मामचंद, मलकीत, जगबीर,भीम सिंह, रामशरण राविश, बलवंत रेतवाल, बलबीर सिंह, राजेश कुमार आदि भी उपस्थित थे।

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