गलत गणना के कारण संपत्ति धारकों से लिया गया था विकास शुल्क मामला संज्ञान में आने पर सरकार ने लिया निर्णय चंडीगढ़, 20 नवंबर- हरियाणा सरकार ने उन संपत्ति मालिकों को विकास शुल्क लौटाने का फैसला लिया है जिनकी संपत्तियों पर विकास शुल्क लागू नहीं होता लेकिन उन्होंने इसे अदा कर दिया था। सरकार ने यह निर्णय मामला संज्ञान में आने पर लिया है। इस फैसले से 1588 संपत्तियों के मालिकों को यह शुल्क वापिस मिलेगा। शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि विभाग ने लगभग 1588 संपत्तियों की पहचान की है जहां संपत्ति मालिकों ने एचएसवीपी, एचएसआईआईडीसी, लाइसेंस कॉलोनियों, सीएलयू प्राप्त संपत्तियों, लाल-डोरा आवासीय संपत्तियों एवं कृषि संपत्तियों में विकास शुल्क अदा कर दिया था। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा संबंधित नगर पालिकाओं को ऐसी संपत्तियों का विवरण उपलब्ध करवा दिया गया है। प्रवक्ता ने कहा कि इन संपत्ति धारकों को एसएमएस के माध्यम से भी सूचना दी गई है कि वे इस संदर्भ में निर्धारित प्रावधानों के तहत एनडीसी पोर्टल पर आवेदन करके अदा की गई विकास शुल्क की राशि को वापस प्राप्त कर सकते हैं। इस प्रकार के संपत्ति धारकों को कुल 5 करोड़ 19 लाख रुपए की राशि वापस की जा रही है। उन्होंने संपत्ति मालिकों से आग्रह किया कि वे https://ulbhryndc.org पर जाकर अपना सम्बन्धित विवरण उपलब्ध करवाएं ताकि इस बारे में विभाग द्वारा आगामी कार्यवाही की जा सके। प्रवक्ता ने बताया कि अब तक 51 संपत्ति धारकों ने अपने आवेदन एनडीसी पोर्टल पर किए हैं। जल्द इन आवेदनों को प्रोसेस किया जाएगा। उन्होंने बताया कि संबंधित कर्मचारियों को भी इसे लेकर ट्रेनिंग दी जा चुकी है ताकि वे जल्द से जल्द संपत्ति धारकों को विकास शुल्क लौटाने का प्रोसेस पूरा कर सकें। Post navigation भाजपा सरकार कर रही रोङवेज बसों का जमकर दुरूपयोग : दोदवा गठबंधन सरकार की अनदेखी के चलते राजकीय विद्यालयों में शिक्षा का स्तर हुआ शून्य: कुमारी सैलजा