जींद , 8 नवम्बर :–हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा के लिए पिछड़े वर्गों के लोगों एवं आवेदन कर्ताओं ने सभी तीनों स्तरों के लिए योग्यता अंकों व फीस में छूट देने की सरकार से मांग की है। मीडिया से बातचीत व साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए गांव सुदकैन खुर्द के पिछडा़ वर्ग के सतीश कुमार जांगडा़ ने डीआईपीआरओ रिटायर्ड सुरेन्द्र कुमार वर्मा कोथ की गौरवमयी उपस्थिति में बताया कि हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा आगामी 2 व 3 दिसम्बर को होने वाली इस परीक्षा के लेवल-1, 2 व 3 के लिए आवेदन 10 नवम्बर तक भरे जाने हैं लेकिन फीस छूट में पिछडा़ वर्ग के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है। पिछडा़ वर्ग के आवेदन कर्ताओं को लेवल वन प्राईमरी टीचर(पीआरटी) के लिए 1 हजार रुपये, लेवल-2 प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक(टीजीटी) के लिए 1800 रुपये व लेवल-3 पोस्ट ग्रैजुएट टीचर(पीजीटी) के लिए 2400 रुपये फीस निर्धारित की गई है जबकि अनुसूचित जातियों एवं दिव्यांगों के लिए छूट देकर क्रमशः500,900 व 1200 रुपये की फीस निर्धारित की गई है। उन्होंनें कहा कि पिछडा़ वर्गों के बच्चों को छूट ना देकर और उन्हें सामान्य श्रेणी के बराबर मानकर उनके साथ भेदभाव व अन्याय किया जा रहा है। इसके अलावा योग्यता अंकों में भी हरियाणा के पिछडा़ वर्ग के बच्चों को कोई राहत नहीं दी गई है। लेवल-2 के लिए 82 अंकों में से एससी एवं दिव्यांगों के लिए छूट देकर 60 प्रतिशत अंक निर्धारित हैं जबकि बीसी एवं अन्य कैटेगरी के लिए 90 अंकों में से 60 प्रतिशत अंक निर्धारित किये गये हैं। बीसी को अन्यों की श्रेणी में रखकर उनके अधिकारों से वंचित किया गया है जो अन्यायपूर्ण है। उन्होंनें हरियाणा सरकार एवं हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड प्रशासन से मांग की है कि एससी की भान्ति पिछडे़ वर्गों के बच्चों को भी फीस व योग्यता अंकों में छूट दी जाए ताकि पिछडा़ वर्ग के बच्चे भी राहत महसूस कर सकें। डीआईपीआरओ रिटायर्ड सुरेन्द्र वर्मा ने कहा कि सरकार पिछड़े वर्गों के युवाओं व अन्य बीसी लोगों के हितों की अनदेखी कर रही है। उन्होंनें कहा कि हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में फीस व योग्यता अंकों में पिछड़े वर्गों को उचित छूट मिलनी चाहिए जिसके लिए वे हकदार हैं। उन्होंनें चेतावनी देते हुए कहा कि पिछडे़ वर्गों के साथ अन्याय व भेदभावपूर्ण रवैया अपनाना जाना सरकार को महंगा साबित हो सकता है। इसलिए समय रहते सरकार पिछड़े वर्गों की सुध ले और उनके हितों की तरफ ध्यान दें ताकि वर्षों से उपेक्षित पिछड़े वर्गों का भी उत्थान व कल्याण सम्भव हो सके। उन्होंनें विधायिका एवं न्यायपालिका में पिछड़े वर्गों के अधिकारों एवं आरक्षण की भी मांग उठाई है। पिछडा वर्ग के राममेहर सुदकैन, विक्की कश्यप व रजत कम्बोज एवं अन्य बीसी के लोगों ने भी हरियाणा सरकार से प्रतियोगी परीक्षाओं में फीस व योग्यता अंकों में पिछड़े वर्गों को छूट देने की मांग की है। Post navigation राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की आयुर्वेदिक क्षेत्रीय समीक्षा बैठक- संजीव कौशल लोक सम्पर्क अधिकारी रिटायर्ड सुरेन्द्र वर्मा ने एमपी नायबसिंह सैनी को सौंपा ज्ञापन