-भिवानी नगर परिषद सहित जिला प्रशासन के 13 अधिकारियों के खिलाफ दी थी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो मुख्यालय को शिकायत -पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो महानिदेशक से मांगी रिपोर्ट, 9 नवंबर को होगी सुनवाई -भिवानी के दिनोद गेट पर 50 करोड़ की शामलात धर्मशाला की भूमि पर अवैध कब्जा में शिकायतों को दबाने के लगे थे आरोप भिवानी, 07 नवंबर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो हरियाणा महानिदेशक को दी गई एक शिकायत पर भिवानी के आरोपी आईएएस अधिकारी को ही जांच अधिकारी बनाए जाने के मामले में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने कड़ा संज्ञान लेते हुए महानिदेशक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो हरियाणा से रिपोर्ट तलब की है वहीं इस मामले में 9 नवंबर को अगली सुनवाई भी निर्धारित कर दी है। दरअसल भिवानी के दिनोद गेट सरकुर्लर रोड स्थित करीब 50 करोड़ कीमत की शामलात धर्मशाला की भूमि पर अवैध कब्जा किए जाने के संबंध में शिकायत पर 2017 से अधिकारी शिकायतों को दबाते आ रहे हैं और हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं कर रहे। इसी मामले में अशोका कॉलोनी निवासी इंद्रपाल ने 9 मई 2023 को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो हरियाणा महानिदेशक को शिकायत दी थी। जिसमें भिवानी के वर्तमान उपायुक्त नरेश नरवाल सहित तीन आईएएस अधिकारियों व नगर परिषद के दो डीएमसी(नगर आयुक्त) नगर परिषद में रह चुके तीन कार्यकारी अधिकारी(ईओ) नगर परिषद भिवानी के दो सचिव और तीन तहसीलदारों के खिलाफ शिकायत दी थी। जिसमें भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो हरियाणा के महानिदेशक ने किसी निष्पक्ष जांच कराए जाने की बजाए 16 अगस्त 2023 को भिवानी के उपायुक्त नरेश नरवाल के पास ही ये शिकायत जांच के लिए भेज डाली। जबकि शिकायतकर्ता इंद्रपाल ने अपनी शिकायत में सभी 13 अधिकारियों की मिलीभगत बताते हुए खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर उच्च स्तरीय विजिलेंस जांच की मांग की थी। शिकायतकर्ता की शिकायत में उपायुक्त नरेश नरवाल पर भी मामले में कोई कार्यवाही नहीं किए जाने के गंभीर आरोप लगाए थे। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो महानिदेशक की ओर से आरोपी आईएएस अधिकारी को शिकायत भेजकर इस मामले में कार्यवाही का जिम्मा सौंप दिया। इस मामले में शिकायतकर्ता इंद्रपाल ने अधिवक्ता अभिनव अग्रवाल के माध्यम से 2 नवंबर को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में इसकी याचिका लगाई। जिस पर सोमवार को सुनवाई करते हुए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक से रिपोर्ट तलब की है और इस मामले में 9 नंबवर की अगली सुनवाई तय कर दी है। शिकायत में इन 13 अधिकारियों को बनाया था मिलीभगत का आरोपी इंद्रपाल ने अपनी शिकायत में 1996 से लेकर अब तक नगर परिषद में रहे अधिकारियों व जिला प्रशासन के अधिकारियों को मामले में कार्यवाई नहीं किए जाने पर मिलीभगत का आरोपी बनाया था। जिसमें भिवानी नगर परिषद के तत्कालीन ईओ रघुनाथ सिंह, तत्कालीन ईओ वीके सिंह, तत्कालीन ईओ हरदीप सिंह, तत्कालीन नगर परिषद सचिव स्वरूप सिंह, तत्कालीन नगर परिषद सचिव राजेश महता, भिवानी तहसील के तहसीलदार संजय कुमार व अन्य, भिवानी के तत्कालीन उपायुक्त अंशज सिंह, तत्कालीन उपायुक्त अजय कुमार, वर्तमान उपायुक्त भिवानी नरेश नरवाल, नगर परिषद के तत्कालीन नगर आयुक्त राहुल नरवाल, तत्कालीन नगर आयुक्त धीरेंद्र खडकटा व अन्य के नाम शामिल हैं। 90 फीसदी शिकायतों में आरोपी को ही बनाया जा रहा जांच अधिकारी स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि संगठन भ्रष्टाचार के खिलाफ 2014 से लड़ाई लड़ता आ रहा है। प्रदेशभर में सभी संबंधित विभागों में 90 फीसदी शिकायतों में उसी विभाग के आरोपी मुखिया को ही जांच अधिकारी बनाया जा रहा है, जिस पर गंभीर आरोप लगाए जाते हैं, ऐसे में लोगों को न्याय मिलने की उम्मीद धुमिल हो रही है वहीं भ्रष्टाचार में डूबे अधिकारियों का हौंसला और अधिक बढ़ रहा है। इसी को लेकर अधिवक्ता अभिनव अग्रवाल के माध्यम से इंद्रपाल द्वारा न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा। Post navigation भूकम्प में मारे गए लोगों की आत्मिक शांति के लिए पांच दिवसीय यज्ञ बोर्ड अध्यक्ष द्वारा आज किया गया नौंवा ‘सीधा संवाद कार्यक्रम’, धनतेरस व दीपावली पर्व की दी सभी को शुभकामनाएं