कैथल, 04/11/2023 – जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल द्वारा जारी धरना आज 404 वें दिन भी जारी रहा, धरने की अध्यक्षता रामशरण राविश व बलवंत जाटान ने संयुक्त रूप से की, रामशरण राविश ने कहा कि आजादी के बाद जन सेवा के विभागों के विस्तार का जो उस समय की सरकारों ने बीड़ा उठाया था ,जिसमे शिक्षा को प्राथमिकता के आधार पर लिया गया था, लेकिन आज की सरकार उन सब को नकार ही नही रही है बल्कि चौपट करने पर उतारू है, शिक्षा का बजट जो पहली व दूसरी पांच वर्षीय योजनाओ मे छ प्रतिशत तक करने का लक्ष्य तय किया था, उसे नकारते हुए शिक्षा के फैलाव पर लगभग रोक लगा दी गई है, निजी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सारे प्रयास किये जा रहे है, उन्हें फैलने फूलने के मौके दिए जा रहे है, बजट का बड़ा हिस्सा ऐप्स व एनजीओ को सौंपा जा रहा है, और तो और सरकारी कोष से अब चिराग योजना के तहत निजी स्कूलों मे पढ़ने वाले बच्चो की फीसे भी अब सरकार अदा करेंगी, बढ़ती आबादी के अनुरूप नए स्कूल खोलने पर लगभग रोक लगा दी गई है.
हजारों पद टीचरो के खाली पड़े है उन्हें भरने की कोई ठोस योजना सरकार के पास नही है, कौशल रोजगार निगम के माध्यम से नाम मात्र की भर्तियां करने की कवायद की जा रही है जो शिक्षित युवाओ के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।बलवंत जाटान ने कहा कहा कि बुजुर्ग को वृद्धावस्था पेंशन समय पर दी जाए, बुजुर्गों को पेंशन महिने की 7 तारीख से पहले हर हाल में मिलनी चाहिए। बलवंत जाटान ने कहा कि आज देश में राजनीतिक बदलाव की आवश्यकता है, इसलिए आज समाज के विचारों को बदलने की भी आवश्यकता है,जिस मात्रा में हम यह बदलाव करेंगे,उसी मात्रा में देश में परिवर्तन होगा।
यह बदलाव बहुत जरूरी है ताकि देश के संविधान, लोकतंत्र, संसद के चरित्र, सार्वजनिक संस्थाओं और स्वतंत्र पत्रकारिता को सुरक्षित किया जा सके।