– आरडब्ल्यूए, वरिष्ठ नागरिकों सहित अन्य सहयोगी नागरिकों की भागीदारी से सफाई व्यवस्था को किया जा रहा है दुरूस्त – हड़ताली सफाई कर्मचारियों को निगम प्रशासन ने किया स्पष्ट-काम नहीं करने वालों को नहीं मिलेगा वेतन – सफाई व्यवस्था दुरूस्त करने के लिए निजी एजेंसियों के अलावा, ट्रैक्टर-ट्रॉली व अतिरिक्त मैनपावर की गई नियुक्त – आरडब्ल्यूए व शहर के गणमान्य व्यक्तियों की मांग-हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों को ना दिया जाए हड़ताल अवधि का वेतन, काम नहीं तो वेतन नहीं का फार्मूला लागू करे सरकार गुरूग्राम, 30 अक्तुबर। शहर की सफाई व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए नगर निगम प्रशासन पूरी तरह से जुटा हुआ है। इसके तहत सभी संयुक्त आयुक्त अपने-अपने जोन में मौके पर उपस्थित रहकर कचरा उठान तथा सफाई व्यवस्था को सुनिश्चित करवा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि नियमित व निगम रोल पर नियुक्त सफाई कर्मचारियों की बेबुनियादी हड़ताल के चलते नगर निगम गुरूग्राम ने सफाई व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए आरडब्ल्यूए प्रतिनिधियों, वरिष्ठ नागरिकों व अन्य गणमान्य नागरिकों की भागीदारी के साथ विभिन्न क्षेत्रों से कचरा उठान सुनिश्चित किया जा रहा है। इसके तहत अतिरिक्त मैनपावर, टै्रक्टर-ट्रॉली सहित अन्य सफाई संसाधन आरडब्ल्यूए प्रतिनिधियों, वरिष्ठ नागरिकों तथा अन्य गणमान्य नागरिकों को उपलब्ध करवाए गए हैं। ये सभी अपने-अपने क्षेत्रों में कचरा उठान तथा सफाई व्यवस्था को दुरूस्त करने में जुटे हुए हैं। नगर निगम गुरूग्राम क्षेत्र में कार्य कर रही सभी निजी एजेंसियों को अलग-अलग क्षेत्र अलॉट किए हुए हैं। एजेंसी के कर्मचारी अपने-अपने क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था कार्य में लगे हुए हैं। नगर निगम गुरूग्राम द्वारा एजेंसियों को स्पष्ट व कड़े निर्देश दिए गए हैं कि वे उनको आवंटित क्षेत्रों में कचरा उठान व सफाई व्यवस्था को सुनिश्चित करें। जो एजेंसी अपना कार्य सही प्रकार से नहीं करती है, उस पर नियमानुसार पैनल्टी लगाई जा रही है तथा उसके बावजूद भी कार्य में कोताही बरतने वाली एजेंसी को ब्लैकलिस्ट करने की भी कार्रवाई की जा सकती है। ‘काम नहीं तो वेतन नहीं’ फार्मूला हो लागू : शहर के आरडब्ल्यूए प्रतिनिधि, वरिष्ठ नागरिक तथा गणमान्य व्यक्ति सरकार तथा निगम प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि हड़ताली कर्मचारियों को हड़ताल अवधि के दौरान का वेतन ना दिया जाए। पिछली हड़ताल के दौरान जानकारी मिली थी कि हड़ताली कर्मचारियों को सरकार व निगम प्रशासन द्वारा वेतन की अदायगी कर दी गई थी। सरकार को ‘काम नहीं तो वेतन नहीं का फार्मूला’ लागू करना चाहिए, ताकि भविष्य में बेबुनियादी हड़ताल ना हो। नगर निगम गुरूग्राम के संयुक्त आयुक्त (स्वच्छ भारत मिशन) डा. नरेश कुमार के अनुसार हड़ताल पर बैठे सफाई कर्मचारियों से बार-बार हड़ताल खत्म करके काम पर लौटने की अपील की गई है, लेकिन सफाई यूनियन के प्रतिनिधि व हड़ताली कर्मचारी अड़े हुए हैं। नगर निगम गुरूग्राम द्वारा पहले की स्पष्ट किया गया है कि काम नहीं करने वाले कर्मचारियों को वेतन की अदायगी नहीं की जाएगी। इसके साथ ही जो कर्मचारी सफाई व्यवस्था सुधार कार्य में बाधा उत्पन्न करने की कोशिश कर रहे हैं, उनके खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाकर कानूनी व अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। Post navigation बोधराज सीकरी की अगुवाई में हरियाणा के सभी जिलों की पंजाबी, अरोड़ा व खत्री सभाएं, बिरादरी, मंच व संस्थाएँ एक छत्र के नीचे आई दिवाली पर भरपूर रोशनी से जगमग होगा शहर