गुरुग्राम पुलिस के 14 जांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया.

हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज लापरवाह पुलिस अधिकारियों से जबरदस्त नाराज हैं. उन्होंने डीजीपी से इस बारे में बात की. उन्होंने डीजीपी से कहा कि जो भी अधिकारी एक साल से किसी केस को न सुलझा सका हो उसे सस्पेंड कर दो. इस चर्चा के बाद डीजीपी ने 14 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया. अभी 358 पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई बाकी है.

गुरुग्राम. हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज कार्रवाई में देरी के चलते अधिकारियों से नाराज हैं. उन्होंने कुछ मामलों में इस कथित देरी के चलते अधिकारियों को निलंबित करने के निर्देश दिए. उनके निर्देश के बाद गुरुग्राम पुलिस के 14 जांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया. पुलिस के अनुसार, 14 अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश 26 अक्टूबर की शाम को दिया गया. जल्द ही और भी अधिकारियों को निलंबित किया जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्री ने राज्य के पुलिस महानिदेशक(डीजीपी) से फोन पर बातचीत की थी.

विज ने डीजीपी से एक साल से अधिक समय से लंबित प्राथमिकी के निपटारे में विफल रहने के लिए राज्य भर के 372 अधिकारियों को तुरंत निलंबित करने का निर्देश दिया था. यह बातचीत 23 अक्टूबर को विज द्वारा डीजीपी को लिखे पत्र से पहले हुई थी. इसमें जांच अधिकारियों को निलंबित करने को कहा गया था. निलंबन के लिए चिन्हित किए गए 372 पुलिसकर्मियों में से 60 पुलिसकर्मी गुरुग्राम जिले के हैं. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) दीपक गहलावत ने जांच के बाद 26 अक्टूबर शाम 14 जांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया.

ये जांच अधिकारी हुए सस्पेंड
वहीं शेष बचे अधिकारियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई की जाएगी. पुलिस ने बताया कि निलंबित किए गए 14 अधिकारियों में डीएलएफ फेज-3 थाने के एएसआई कर्मबीर, हेली मंडी थाने के एएसआई ओम प्रकाश, पीएसआई धर्मेंद्र, सेक्टर 14 थाने के एसआई नारपाल, सेक्टर 10ए थाने के एएसआई जगदीश, एएसआई महावीर, एएसआई अशोक, एएसआई संदीप, पालम विहार थाने के एएसआई धर्मबीर, सेक्टर 53 थाने के एएसआई राजेश, फर्रुखनगर थाने के एएसआई अनिल एवं रूपेश, बादशाहपुर थाने के एएसआई अशोक और सेक्टर 39 अपराध इकाई में तैनात एएसआई सुभाष शामिल हैं.

error: Content is protected !!