श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय पहुंचा जापानी दूतावास और कृषि मंत्रालय का प्रतिनिधिमंडल।
कुलपति डॉ. राज नेहरू ने जापानी प्रतिनिधिमंडल का किया भव्य स्वागत।
उच्च स्तरीय बैठक में जापानी भाषा पढ़ रहे विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण रोड मैप तैयार।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

पलवल : जापानी दूतावास ने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में जापानी भाषा में डिप्लोमा कर रहे विद्यार्थियों को अपने देश में रोजगार से जोड़ने की पेशकश की है। बुधवार को जापानी दूतावास और वहां के कृषि मंत्रालय के प्रतिनिधिमंडल ने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय का दौरा कर कुलपति डॉ. राज नेहरू और कुल सचिव प्रोफेसर ज्योति राणा सहित विभिन्न डीन और फैकल्टी के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। जापानी प्रतिनिधिमंडल ने सीधा विद्यार्थियों के साथ भी संवाद कायम किया और उन्हें जापान में आकर काम करने की पूरी प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी।

कुलपति डॉ. राज नेहरू ने जापानी मेहमानों का भव्य स्वागत किया और भारत-जापान के निरंतर प्रगाढ़ होते जा रहे संबंधों के लिए दूतावास के अधिकारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारत और जापान का रिश्ता सदियों पुराना है। इस नाते से हम भावनात्मक तौर पर भी जापान के करीब हैं। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने जापान के मानकों के अनुसार कुशल मानवीय संसाधन तैयार करने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने जापान की ज़रूरतें पूरी करने के लिहाज से ही जापानी भाषा के डिप्लोमा का करिकुलम तैयार किया है। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने बताया कि विश्वविद्यालय पहले से ही मारुति सुजुकी और डाइकी जैसी जापानी कंपनियों के साथ काम कर रहा है। आने वाले समय में जो विद्यार्थी जापानी भाषा में पारंगत होकर निकलेंगे उनके लिए भी जापान में अथाह संभावनाएं हैं। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने बताया कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय हरियाणा सरकार की पहल पर 30 हजार से भी ज्यादा विद्यार्थियों को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मार्केट की जरूरतों के हिसाब से स्किल्ड बनाने की योजना पर काम कर रहा है।

जापान के सलाहकार प्रोफेसर अशोक कुमार चावला ने कहा कि भारत और जापान की मैत्री और मधुर हो रही है। साल 2027 तक जापान भारत में बड़े स्तर पर निवेश करने की तैयारी में है। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय इस भागीदारी को बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभा सकता है। प्रोफेसर चावला ने कहा कि हरियाणा और भारत सरकार जापानी भाषा को बढ़ावा देने के लिए गंभीरता से काम कर रही हैं। खुद हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल भी जापानी भाषा सीख रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो विद्यार्थी जापानी भाषा में एन- 4 लेवल हासिल कर लेंगे, उनके लिए अच्छे रोजगार की संभावनाएं हैं।

जापान के नेशनल चैंबर ऑफ़ एग्रीकल्चर के जनरल मैनेजर कुरोटानी ने कहा कि हमारे देश में कृषि क्षेत्र में आपार संभवानाएं हैं। विद्यार्थी जापानी भाषा और कृषि का टेस्ट पास करके जापान आ सकते हैं।

नकायामा के एमडी नकायामा कांजी ने विद्यार्थियों को जॉब रोल के लिए तैयार होने के लिए प्रेरित किया। प्लानिंग ग्रुप लीडर तोगाकी मिहो, देवा तोयोसुमी, वाताबे तकाशी और आऊकी कोहे ने जापानी भाषा में डिप्लोमा कर रहे विद्यार्थियों के साथ सीधी बातचीत की और उन्हें वर्क वीजा के बारे में जानकारी दी। विद्यार्थियों को जापान में रोजगार और उससे जुड़ी विविध जानकारियों से संबंधित वीडियो दिखाया गया और उन्हें लिट्रेचर प्रदान किया गया। जापान के विदेश मंत्रालय की फर्स्ट सेक्रेटरी औता मसामी ने कुलपति डॉ. राज नेहरू के साथ बैठक में जापान में विद्यार्थियों के लिए रोजगार की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की। प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्रालय की उप सचिव सुमन कंसोटिया, लक्ष्मी नारायण गोस्वामी और थगावा रयुनोसके भी शामिल थे। बैठक में कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा, डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रोफेसर आर एस राठौड़, डीन प्रोफेसर आशीष श्रीवास्तव, जापानी भाषा की प्रोफेसर मंजूश्री चौहान, जापानी भाषा की शिक्षक कॉन्सम मर्सिडा, डॉ. नकुल, डॉ. कल्पना, विशेष कार्य अधिकारी संजीव तायल, डॉ. सोहन लाल, मीनाक्षी कौल, राहुल और अजय भी उपस्थित थे।

स्किल डिपार्टमेंट ऑफ लैंग्वेज के अध्यक्ष प्रोफेसर डी के गंजू ने जापानी प्रतिनिधिमंडल का आभार ज्ञापित किया। सहायक प्रोफेसर भावना रूपराई ने मंच का संचालन किया।

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