कटु सत्य यह है कि भाजपा खट्टर राज में विगत 9 सालों में व्हाईट कालर जोब की सभी सरकारी भर्तीयों में भारी लेन-देन हुआ है : विद्रोही
नई-नई तिकडमे अपनाकर ऐसी व्यवस्था की गई कि व्हाईट कालर जोब केवल तीन जातियों के संघीयों को ही मिले : विद्रोही

20 अक्टूबर 2023 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के इस दावे को हास्यास्पद बताया कि प्रदेश भाजपा सरकार की प्राथमिकता मैरिट के आधार पर सरकारी भर्तीया करने की है। विद्रोही कहा कि कटु सत्य यह है कि भाजपा खट्टर राज में विगत 9 सालों में व्हाईट कालर जोब की सभी सरकारी भर्तीयों में भारी लेन-देन हुआ है। साथ में नियमों की आड़ में केवल तीन जातियों के संघी की भर्ती हो सके, इसका सत्ता दुरूपयोग से प्रबंध भी किया है। भाजपा राज में हरियाणा में एचएसएससी व एचपीएससी द्वारा की गई सभी व्हाईट कालर जोब की सरकारी भर्तीयों के क्या तो पेपर लीक हुए या उत्तर सीट को खाली छोडकर दोबारा बाद में लिखा गया पूर्व वर्ष के ही प्रश्न पत्रों को ही पूछा गया और संघीयों को बताया गया कि पूर्व का पेपर रिपीट होगा। इस तरह नई-नई तिकडमे अपनाकर ऐसी व्यवस्था की गई कि व्हाईट कालर जोब केवल तीन जातियों के संघीयों को ही मिले।

विद्रोही ने कहा कि एचसीएस सिविल, एचसीएस नागरिक सिविल भर्तीयों में चयनित उम्मीदवारों के नाम और उनकी बैकग्राऊंड चीख-चीखकर खुद ही बता रही है कि इनमें तीन जातियों के संघीयों को ही येनकेन प्रकेरण भर्ती किया गया है। पिछडे, दलित, वर्ग की आरक्षित सीटों पर भी पूरे उम्मीदवार चयन करने की बजाय योग्य उम्मीदवार नही मिले, ऐसा बहाना बनाकर आरक्षण को भी हरियाणा की सरकारी भर्तीयों में अप्रसांगिक बना दिया। हरियाणा देश का इकलौता राज्य है जहां पेपर लीक होने पर भी और प्रमाण सामने आने पर भी एफआईआर दर्ज के बाद भी पेपर लीक हुई परीक्षाओं के आधार पर सरकारी नौकरियां देकर खुलेआम भर्तीयों में धांधलिया की गई। द्वितीय व प्रथम श्रेणी की नौकरियां हरियाणा में नोटो के बोरे भरकर रिश्वत लेकर दी जाती है, यह साबित होने पर भी मुख्यमंत्री खट्टर जी मैरिट के आधार पर सरकारी नौकरियां देने का बेसुरा राग अलाप रहे है।

विद्रोही ने कहा कि आरक्षण की मजबूरी के चलते कुछ व्हाईट कालर जोब भाजपा सरकार पिछडे, दलितों को देने को बेशक मजबूर है, वरना बचे पदों पर मोटा माल लेकर तीन जातियों के संघीयों को ही 9 सालों से हेराफेरी से चयनित किया जा रहा है। गुप डी की चपरासी, सेवादारों की नौकरिया व पुलिस सिपाही की नौकरियों के लिए तीन जातियों के संघी नाममात्र का आवेदन करते है, इसके चलते गु्रप डी व पुलिस सिपाही भर्तीयों में केवल किसान, मजदूर के बच्चों को ही नौकरी देने के अलावा कोई अन्य विकल्प नही है। हरियाणा में चपरासी, सेवादारों व पुलिस सिपाही की भर्ती में ही थोडी बहुत कथित पारदर्शिता, मैरिट दिखी है, लेकिन यह पारदर्शिता व मैरिट व्हाईट कालर जोब में दूर-दूर तक नही दिखती और भाजपा खट्टर राज में एक सुनियोजित हेराफरी से व्हाईट कालर जोब केवल तीन जातियों के संघीयों को देकर पूरे प्रदेश को ठग रही है और बेरोजगार युवाओं के साथ क्रूर मजाक कर रही है।

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