बड़ी चौपाल पर बिखरेगी सांस्कृतिक छटा, मेले का पूरा थीम दीवाली त्योहार पर रहेगा केंद्रित दीवाली शॉपिंग के स्टॉल्स पर रहेगा फोकस, प्रथम उत्सव को खास बनाने की तैयारी चंडीगढ़, 19 अक्टूबर – विश्व प्रसिद्ध सूरजकुंड मेला परिसर में पहला दीवाली उत्सव मनाने के लिए सभी तैयारियां अंतिम चरण में हैं। तीन नवंबर से शुरू होने वाला यह उत्सव 10 नवंबर तक चलेगा। उत्सव की तैयारियों को लेकर हरियाणा पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव एमडी सिन्हा ने संबधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर सुरक्षा व्यवस्था, पार्किंग व्यवस्था, फायर सेक्रेटरी, स्वास्थ्य सेवाओं, सफाई व्यवस्था, बिजली व्यवस्था सहित अन्य दिशा-निर्देश दिए। प्रधान सचिव कहा ने कि मेले का स्वरूप अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड मेले से छोटा रहेगा लेकिन इसके बावजूद पर्यटकों के उत्साह को देखते हुए हरियाणा पर्यटन विकास निगम इस उत्सव को भी भव्य व आकर्षक बनाने की तैयारियों में जुट गया है। उन्होंने बताया कि मेले में आने वाले पर्यटकों के लिए 30 रुपये की एंट्री टिकट रखी गई है जबकि 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए एंट्री फ्री रहेगी। इसके अलावा, स्कूली विद्यार्थी अपना पहचान पत्र दिखाकर व पत्रकार अपने पहचान पत्र के आधार पर एंट्री कर सकते है। उन्होंने कहा कि सूरजकुंड मेला परिसर में यह पहला दीवाली उत्सव होगा और आने वाले वर्षों में यह बड़ा स्वरूप लेगा। इस दौरान लोग मेले में आकर दीवाली की खरीदारी कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि फरवरी माह में लगने वाले अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में हर साल लाखों पर्यटक देश-विदेश की कला-संस्कृति, खान-पान, हैंडीक्राफ्ट का आनंद लेने व खरीदारी के लिए आते हैं। इस बार पर्यटकों की मांग को देखते हुए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने मेला परिसर में पहली बार दीवाली उत्सव आयोजित करने का तोहफा दिया है। इस दिवाली उत्सव के आयोजन के लिए परिसर का एक तिहाई क्षेत्र ही प्रयोग किया जाएगा। शुरुआत में पहले साल करीब 300 स्टॉल तैयार किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय मेले का फोकस हैंडीक्राफ्ट रहता है परन्तु इस मेले का फोकस हैंडीक्राफ्ट होने की बजाए दीवाली के सामान व त्यौहार से जुड़ी खरीदारी पर केंद्रित किया जाएगा। मेले में बड़ी चौपाल पर लगातार सांस्कृतिक कार्यक्रम चलेंगे जिसमें पूरी तरह से भारतीय सांस्कृतिक परंपराओं की झलक दिखाई देगी। उन्होंने बताया कि दीपोत्सव इस दीवाली मेले का खास आकर्षण रहने वाला है। प्राचीन सूरजकुंड को दीपों से सजाकर दीपोत्सव करने के लिए आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से अनुमति लेने के लिए पत्र भी लिखा गया है। जल्द ही यह अनुमति मिलने की भी उम्मीद है। अगर अनुमति नहीं मिलती है तो परिसर की बड़ी चौपाल पर ही दीपोत्सव किया जाएगा। मेले में खान-पान के लिए विशेष तौर पर फूड कोर्ट सजाई जा रही है। यहां दीवाली मेले में आने वाले पर्यटक अच्छे खान-पान का आनंद ले सकेगें। उन्होंने कहा कि मेले का उद्देश्य पर्यटकों के त्योहारी सीजन को खास बनाना है और इसके लिए हरियाणा पर्यटन विकास निगम तैयारियों को बेहतर बनाने में जुटा है। Post navigation फेस स्कैन से लगेगी मनरेगा मजदूरों की हाजिरी, नहीं हो सकेगी धांधली : कैबिनेट मंत्री श्री देवेंद्र सिंह बबली हास्यास्पद है ……. प्रदेश भाजपा सरकार की प्राथमिकता मैरिट के आधार पर सरकारी भर्तीया करने की : विद्रोही