-सरकारी कॉलेजों में स्टाफ के अभाव के चलते, बंद हो रहे हैं कोर्स:-कुमारी सैलजा -नौकरी देने में असफल हुई भाजपा की केंद्र व राज्य सरकार:-सैलजा चंडीगढ़–15 अक्टूबर 2023 – अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को उनकी शैक्षणिक योग्यता के अनुसार रोजगार नहीं मिल रहा है। इससे स्कूल-कॉलेजों में ड्रॉप आउट के मामले बढ़ रहे हैं। भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार भी ड्रॉप को रोकने में नाकाम साबित हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के साथ ही केंद्र सरकार भी सरकारी स्तर पर नौकरियां देने में नाकाम साबित हुई है। मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि गठबंधन सरकार स्वयं की उपलब्धियों का ढिंढोरा पीटने के लिए सरकारी कॉलेज तो खोल रही है,लेकिन इनमें संस्थानों के अभाव के चलते परिणाम शून्य आ रहे हैं। सरकारी शिक्षण संस्थानों में स्टाफ तक का इंतजाम नहीं है जिसके कारण विद्यार्थी इन कॉलेजों में दाखिला लेने से बचते हैं। जिसकी वजह से बाद में कोर्स को ही प्रदेश सरकार बंद कर रही है। उन्होंने बताया कि यदि राज्य सरकार कोर्स बंद होने के कारणों की तह तक जाए तो फिर सरकार और शिक्षा निदेशालय के स्तर की और अधिक खामियां उजागर हो जाएंगी। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रदेश का एक भी सरकारी कॉलेज ऐसा नहीं है, जहां आवश्यकता अनुसार स्टाफ के सभी पद भरे हों। सरकारी कॉलेजों में प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर के 60 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कॉलेजों में पढ़ाई ही नहीं होगी तो फिर छात्र क्यों दाखिला लेंगे। कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकारी नौकरी के वायदे पर न तो केंद्र सरकार खरी उतरी है और न ही राज्य सरकार केवल घोषणाओं से जनता को गुमराह करने का काम किया जा रहा है। यदि युवाओं को उनकी शिक्षा व प्रतिभा के अनुसार सरकारी नौकरी मिलती तो फिर अन्य युवा भी पढ़ाई के प्रति जरूर आकर्षित होते तथा स्कूल-कॉलेज से ड्रॉप आउट की संख्या नहीं बढ़ती। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दाखिला लेने वालों की संख्या में ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गई है। सरकारी एजेंसियों के आंकड़ों के अनुसार प्रतिवर्ष यह संख्या बढ़ रही है और सिलसिला तीन साल से लगातार जारी है, लेकिन सरकार का कोई भी प्रतिनिधि इस बारे में बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा जो भाजपा सरकार की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह है। केंद्र व प्रदेश सरकार नई शिक्षा नीति का ढोल पीट रही हैं, जबकि छात्रों को कॉलेजों तक पहुंचाने की दिशा में कोई भी कदम उठाने को तैयार नहीं हैं। कुमारी सैलजा ने कहा कि स्नातक करने वालों को उनकी योग्यता के अनुसार तथा पीजी करने वाले विद्यार्थियों को उनकी शिक्षा के अनुसार नौकरी का प्रबंध सरकार को करने होंगे, तभी कॉलेजों व अन्य सरकारी शिक्षण संस्थानों में छात्रों की संख्या बढ़ सकती है,अन्यथा आगामी चुनाव में रोजगार न मिलने की आस टूटने से मायूस होकर पढ़ाई छोड़ने वाले देश व प्रदेश के युवा भाजपा को सत्ता से बाहर करने में अहम भूमिका निभाएंगे। Post navigation वर्तमान राज्य सरकार के लगभग 9 वर्षों में तहसील, ब्लाॅक और जिला स्तर पर हुए भरपूर विकास कार्य-मुख्यमंत्री मनोहर लाल मुख्यमंत्री ने अंबाला के शहजादपुर में किया जन संवाद कार्यक्रम