भारी भरकम सांसदों से चुनौती पेश कराएगी भाजपा या खुद का घटा रही वजन ?

गुरुग्राम 14 अक्टूबर 2023 पाँच राज्यों के आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों के मद्देनजर भाजपा ने राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश के चुनावी रण में अपने काफी हैवीवेट सांसदों को प्रत्याशी घोषित कर सूची जारी की जिसे देख लगता है भाजपा ने एक तीर से दो शिकार साधे है एक तो यह कि सामने खड़ी विपक्ष की टीम इन सभी भारी भरकम प्रतिद्वंद्वियों को देख घबराहट में विचलित हो जाए और यदि नहीं हुई तो कम स कम इस प्रकार के नेता जो भाजपा पर ही बोझ बने हुए हैं उनसे छुटकारा मिल जाए !

यह बात कहते हुए आम आदमी पार्टी जिला मीडिया प्रभारी माईकल सैनी ने बताया कि जिस प्रकार कबड्डी प्लेयर सामने वाले खिलाड़ी पर मानसिक दबाव बनाते हैं तथा उनका वजन देख रणनीति बनाते हैं कुछ वैसा ही प्रयोग मोदीजी ने करते हुए वजनी खिलाड़ीयों की टीम चुनावी मैदान में ला खड़ी कर दी भले उस टीम की रुचि खेलने की न रही हो , खिलाड़ी अनिच्छा जाहिर कर चुके हों मगर टीम तो घोषित हो चुकी है अब न तो भाजपा और न भाजपाई सांसद ही इंकार कर सकते हैं चुनाव तो लड़ना ही होगा फिर परिणाम समूचे देश को पहले से ही ज्ञात क्यों न हों ? खैर रुसवा और बेआबरू होकर निकाले जाने से तो बेहतर होगा कि जनता द्वारा मात खाकर घर बैठा जाए वैसे भी कई वर्षों से सत्ता की मलाई चाट रहे इन सांसदों का फर्ज भी तो यही बनता है कि वह पार्टी के मिटने से पहले खुद फना हो जाएं !

माईकल सैनी कहते हैं कि जिस प्रकार मोटी तोंद वाले पुलिस कर्मियों की फिटनेस हेतु उन्हें प्रशिक्षण केंद्र भेज दिया जाता है ठीक उसी प्रकार इन भाजपाई सांसदों का चुनावी मैदान में उतारा जाना भी जरूरी समझा होगा मोदी-शाह ने वरना ऐसे थोड़े ही ना कोई दल अपने होनहार काबिलों को बलिबेदी पर चढाता है ?

सैनी कहते हैं जिन सांसदों का इस्तेमाल कर भाजपा विपक्षी दलों के समक्ष चुनौती पेश करना चाहती थी वह तो स्वम् ही धर्म संकट में फंस गए हैं मगर इन्हें अब अपनी श्रेष्ठता तो सिद्ध करनी ही पड़ेगी क्योंकि हुक्म आका ने दिया है और पैगाम साफ है करो या मरो भले ही इन नेताओं को लगता हो कि इनकी इच्छा और क्षमताओं के विरुद्ध इन्हें चुनावी मैदान में धकेल गया है तो भी इनको पार्टी के लिए अपनी उपयोगिता तो प्रदर्शित करनी ही पड़ेगी ।

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