श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में इंडस्ट्री क्लस्टर मीट आयोजित।
उद्योग की नई जरूरतों के लिए मिल कर काम करने का रोड मैप तैयार।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

पलवल : श्री विश्वकर्मा कौशल विद्यालय के कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि हम उद्योग की बदलती जरूरतों को पूरा करेंगे। विद्यार्थियों को इंडस्ट्री की अपेक्षाओं के अनुसार तैयार किया जा रहा है। विश्वविद्यालय इंडस्ट्री के कर्मियों की ट्रेनिंग और अप स्किलिंग के लिए भी पूरी तरह तैयार है। वह शुक्रवार को विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित इंडस्ट्री क्लस्टर मीट में उद्योगपतियों को संबोधित कर रहे थे।

कुलपति डॉ. राज नेहरू ने इस मीट में उद्योगपतियों से सीधा संवाद कायम करते हुए उनकी जरूरतों पर बात की। उन्होंने कहा कि हम इंडस्ट्री की जरूरत के हिसाब से ट्रेनिंग डिजाइन करेंगे। इंडस्ट्री अपने कर्मियों की स्किल को अपग्रेड करना चाहती है तो उसके लिए भी पूरी तरह से तैयार हैं। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि एनएसक्यूएफ के अंतर्गत शॉर्ट टर्म कोर्स भी डिजाइन किए जा सकते हैं। उन्होंने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में कैपेसिटी बिल्डिंग करने की बात कही और साथ ही उद्योगों को ऑटोमेशन पर केंद्रित होने के लिए भी आह्वान किया। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने उद्योगपतियों को विश्वविद्यालय की वर्ल्ड क्लास लैब, मशीन और फैकल्टी के सदुपयोग का खुला न्योता दिया।

श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने उद्योगपतियों का स्वागत किया और विश्वविद्यालय की दोहरी शिक्षा प्रणाली के मॉडल की विशेषताओं से उन्हें अवगत करवाया। प्रोफेसर ज्योति राणा ने उद्योगपतियों को इंडस्ट्री के विकास में हर संभव सहयोग की पेशकश की।

फरीदाबाद इंडस्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष एच एल भूटानी में कहा कि इंडस्ट्री में ट्रेनिंग का बहुत महत्व है। वर्तमान में सीएनसी पर जोर देने की बहुत आवश्यकता है। इसके लिए श्रमिकों को प्रोत्साहित किया जाना जरूरी है। एच एल भूटानी ने प्रशिक्षण में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की मदद लेकर स्वरोजगार और नए स्टार्टअप को बढ़ावा देने की बात कही।

आईसीओएसएमआईए के चेयरमैन कपिल मलिक ने सुझाव दिया कि स्किल अपग्रेड करने की जरूरत है। सॉफ्ट स्किल पर भी काम किए जाने की आवश्यकता है। कपिल मालिक ने आइटीआई स्टाफ को भी अपग्रेड करने का सुझाव दिया।

डीएलएफ इंडस्ट्रीज के चेयरमैन जे पी मल्होत्रा ने इंडस्ट्री की आवश्यकताओं और चुनौतियों को चिन्हित कर उन पर काम करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि देश में वर्क फोर्स बहुत है, लेकिन स्किल्ड लोगों की कमी है।

डीन एकेडमिक्स अफेयर्स प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली और भविष्य की कार्ययोजनाओं पर प्रस्तुति दी। इंडस्ट्री इंटीग्रेशन सेल के संयुक्त निदेशक विनीत सूरी ने विवरण प्रस्तुत करते हुए कलस्टर के प्रतिनिधियों का आभार ज्ञापित किया। डिप्टी डायरेक्टर डॉ. वैशाली महेश्वरी ने मंच संचालन किया।

इस अवसर पर डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की क्लस्टर इंचार्ज सोनिया चौहान, आईएसएमई के प्रोजेक्ट हेड संजय वोहरा, एफआईए के सदस्य संजय वधावन, प्रोजेक्ट कोर्डिनेटर अमित सिंह, फरीदाबाद आईटीआई के प्रिंसिपल भगत सिंह, प्लेसमेंट ऑफिसर रजत राणा, विश्वविद्यालय के डीन प्रो. आशीष श्रीवास्तव, डीन प्रो. प्रिया सोमैया, डीन प्रो. रणजीत सिंह, संयुक्त निदेशक अम्मार खान, प्रो. डी के गंजू, प्रो. जॉय कुरियाकोजे, डॉ. संजय राठौड़ और राजेंद्र सिंह सहित काफी संख्या में उद्योग से जुड़े लोग उपस्थित थे।

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