कांग्रेस नेता अशोक अरोड़ा ने कहा, रोजगार की तलाश में हरियाणा से पलायन कर चुके यह युवा
हरियाणा सरकार को समस्या की वास्तविक तह में जाकर करना होगा समाधान

चंडीगढ़. हरियाणा के पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक अरोड़ा ने कहा कि प्रदेश में युवाओं द्वारा स्वयं को नये मतदाता के रूप में पंजीकृत नहीं कराने का मामला बेहद चिंताजनक है। राज्य सरकार को इसकी तह में जाकर नये मतदाताओं को वोट बनवाने के लिए प्रेरित करना चाहिए। अरोड़ा ने कहा कि राज्य सरकार की नाकामी की वजह से ही नये मतदाता खुद को पंजीकृत कराने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं, क्योंकि अधिकतर युवा बेरोजगार हैं और वह रोजगार की तलाश में न केवल हरियाणा बल्कि एक राज्य से दूसरे राज्य में भटक रहे हैं, जिस कारण उनके पास स्वयं को मतदाता के रूप में पंजीकृत कराने का समय ही नहीं है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रदेश सरकार नये मतदाताओं की वोट बनवाने के प्रति उदासीनता को उनकी आधुनिकता के रूप में परिभाषित कर सकती है, लेकिन सच्चाई यह नहीं है। असली बात यह है कि युवा पूरी तरह से बेरोजगार हो चुके हैं। रोजगार की तलाश में हरियाणा के अधिकतर युवा प्रदेश छोड़ चुके हैं। कोई कनाडा जा चुका है तो कोई अन्य देशों में गया हुआ है। कुछ युवा जाने की तैयारी में हैं। इसलिए नये युवा मतदाताओं की वोट बनवाने में कोई रुचि नहीं है।

अशोक अरोड़ा ने बताया कि हरियाणा में 18 से 19 साल के चार लाख से अधिक ऐसे युवा हैं, जो नई वोट बनवाने के लिए पात्रता की श्रेणी में आते हैं। इनमें से सिर्फ एक लाख 72 हजार ने ही मतदाता सूची में नाम दर्ज कराया है। इस आयु वर्ग के मतदाताओं का राष्ट्रीय औसत 4.29 प्रतिशत है, जबकि हरियाणा में 1.72 प्रतिशत युवा ही नए मतदाता के तौर पर जुड़े हैं। नूंह, गुरुग्राम और पलवल में एक हजार पुरुष मतदाताओं पर महिलाओं का आंकड़ा 800 से 900 के बीच में ही है। सरकार को इसके असली कारणों की तह में जाकर समस्या का गहराई से समाधान करना चाहिये। उन्होंने कहा कि राज्य में  90 विधानसभा क्षेत्र हैं। इस हिसाब से औसत आधार पर एक विधानसभा में करीब पांच हजार युवाओं ने वोट नहीं बनवाये हैं, जो कि बहुत ही आश्चर्यजनक है।

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