हिसार – वानप्रस्थ सीनियर सिटीज़न क्लब मे बड़े उत्साह और हर्षोल्लास से अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाया गया। इस अवसर पर सदस्यों का स्वागत करते हुए क्लब के महासचिव डा: जे. के . डाँग ने कहा कि विश्व स्तर पर प्रति वर्ष एक अक्तूबर को अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य बुजुर्गों को प्रभावित करने वाले मुद्दों, जैसे कि बुढ़ापा और बड़े दुर्व्यवहार के बारे में जागरूकता बढ़ाना और समाज में वृद्ध लोगों द्वारा किए गए योगदान की सराहना करना है। श्रीं मती वीना अग्रवाल ने ईश्वर – वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। वानप्रस्थ संस्था ने वृद्धजन दिवस पर अपने पाँच वरिष्ठतम सदस्यों क्रमश: श्री हरीश कुमार गोसाईं, डा: प्रेम चंद गुप्ता. डा : एस. के . गर्ग, डा: सुशील कुमार माहेश्वरी एवम् डा: पुष्पा सतीजा को शॉल ओढ़ा कर एवं एक पौधा भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर डा: सुनीता श्योकंदं ने “वरिष्ठ नागरिक एवं समाज : समस्या एवं समाधान “ पर अपने विचार व्यक्त किऐ। उन्होंने ने कहा भारत में बुजुर्गा की आबादी तेजी से बढ़ रही है ।1950 में बुजुर्गो 5% थे जो बढ़ कर 2016 में 10% हुऐ है और 2050 में 20% तक वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। उन्होंने सरकार की ओर से शुरू की गई विभिन्न योजनाओं का ब्योरा दिया। बुढ़ापा जीवन का अंतिम पड़ाव है ।अधिकतर लोगो में कार्य करने के क्षमता कम हो जाती है और भरण – पोषण के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है। अकेलापन ओर घुटन भरी जिंदगी जीनी पड़ती है । वरिष्ट नागरिकों को अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना चाहिए और स्वयं – स्वास्थ्य समूह विकसित किए जाने चाहिए ।वरिष्ठ नागरिक को अपना समय का सदुपयोग समाज में विभिन्न तरह से योगदान करके करना चाहिए।बुजुर्गों को परिवार के साथ अपना अनुभव एवम् ज्ञान साझा करना चाहिए जिससे परिवार में आदर्श माहौल बना रहेगा। परिवार किसी भी समाज का मूल आधार होता है और सुगठित परिवार समाज को बेहतर बनाते हैं।वरिष्ठ नागरिक अंशकालिक नौकरी या एनजीओ के साथ काम करके सामाजिक एवं आर्थिक विकास में योगदान दे सकते हैं । जैसे बुजुर्गो को सरकार और समाज से उम्मीद होती है वैसे ही समाज को भी बुजुर्गो से कुछ आशाएँ होती है ।इसीलिए सहअस्तिव में रहना चाहिए। इसी प्रकार समाज विकास और समृद्वि की ओर बढ़ सकता है। इस अवसर पर वृद्धजनों के मनोरंजन के लिए विश्व प्रसिद्ध महान पार्श्व गायक एवम् भारत रत्न से सम्मानित लता मंगेशकर जी के गीतों का विशेष आयोजन किया गया मंच का संचालन करते हुए डा: नीलम यादव ने कहा कि लता जी ने 36- भाषायों में 30,000 से अधिक गानों में अपनी आवाज़ दी। उन्होंने लता जी के एक भजन “ सत्यम शिवम सुंदरम् “ से शुरुआत की। हरियाणा के जाने माने गायक डा: राम कुमार सैनी ने“ नगरी-नगरी द्वारे-द्वारे ढूँढूँ रे सांवरिया” गीत गाया। वही डा: नीलम यादव ने “ लग जा गले कि फिर ये हसीं रात हो न हो…..”गायाडा: श्याम सुंदर धवन ने अपनी मधुर आवाज़ में“हमें और जीने की चाहत न होती..“ गाया। श्री मती श्यामा गोसाईं ने “ मिलती है ज़िंदगी में मोहब्बत कभी-कभी….”पेश किया। श्रीमती वीना अग्रवाल ने लता जी का मन भावन प्रसिद्ध गीत“ आएगा आएगा आएगाआएगा आएगा आने वाला …..गाकर पुरानी यादें ताज़ा कर दी। डा: आशा क्वात्रा ने“ अजीब दास्तां है येकहाँ शुरू कहाँ खतमये मंज़िलें है कौन सी…ने खूब तालियाँ बटोरी डा: कमलेश कुकरेजा ने “ आपकी नज़रों ने समझा,प्यार के काबिल मुझे…… श्री प्रेम केडिया ने “एक प्यार का नगमा हैमौजों की रवानी है…..” गाया। डा: दवीना ठकराल ने” मैं तो कब से खड़ी इस पारये अँखिया थक गयी पंथ निहार…..”गा कर खूब वाह वाह लूटी श्री सुरजीत जैन ने “ जाना था हमसे दूर, बहाने बना लिये”…. गायाश्री करतार सिंह जी ने“ सौ साल पहले, मुझे तुमसे प्यार थाआज भी है और कल भी रहेगा….. पर सदस्यों ने खूब तालियाँ बजाई। डा: सुशील माहेश्वरी ने” जादूगर सैंया, छोड़ो मेरी बैंया, हो गई आधी रात, अब घर जाने दो” …….अपनी मधुर आवाज़ में गाया वहीं श्रमती इन्दु माहेश्वरी ने मेरा कोई भी दोस्त बूढ़ा नहीं हुआ….,“ कोई पी रहा दारू , कोई बन गया साधु मस्ती में जी रहे हैं ,नहीं भी कोई भी बेक़ाबू …. “ उन्होंने शामे – ज़िंदगी पर स्वरचित कुछ पंक्तियाँ बोली“ ज़िंदगी की शाम भी एक रोज़ ढल ही जाएगी ,धुँध सी छायी है जो , वह रोशनी लेजाएगी…….” पेश की डा: कमलेश एवं डा: अजीत कुकरेजा ने एक युगल गीत“ हमसफ़र मेरे हमसफ़र, पंख तुम परवाज़ हमज़िंदगी का साज़ हो”….गीत गाया। डा: सैनी ने राग भैरवी पर आधारित लोकप्रिय गीत “ मोहे भूल गए साँवरिया, भूल गए साँवरिया , आवन कह गये, अजहुं न आये …गा कर सब का दिल लूट लिया। डा: नीलम एवं डा आर.सी. यादव दंपति ने“मेहबूब मेरे मेहबूब मेरेमेहबूब मेरेतू है तो दुनिया कितनी हसीन हैंजो तू नहीं तो कुछ भी नहीं हैं”……पेश किया। डा: कमल एवं डा: धवन दंपति ने “ तुम्हारी नज़र क्यों खफ़ा हो गई“…पेश किया। सदस्यों का धन्यवाद करते हुए श्रीमती राज गर्ग ने सम्माननीत वरिष्ठतम सदस्यों को मुबारक दी और आज के गायकों , डा: सुनीता शिओकंद एवं डा: नीलम यादव का धन्यवाद किया। इस कार्यक्रम में 60- से अधिक वरिष्ठ नागरिकों ने भाग लिया । जलपान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ । Post navigation जींद में वैश्य संकल्प रैली हर दृष्टिकोण से ऐतिहासिक रही-बजरंग गर्ग बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार जी का जातिगत जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक करना ऐतिहासिक कदम : हनुमान वर्मा