– डीसी निशांत कुमार यादव ने कहा, केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के नवीनतम निर्देशों की गुरुग्राम में होगी पालना सुनिश्चित – सीएक्यूएम द्वारा सभी सम्बंधित विभाको को निर्देश जारी किये हैं की श्रेणीबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (GRAP) को लागु किया जाये इसके तहत स्टेज -1 “Poor” (AQI-201-300), स्टेज -2 “Very Poor” (AQI-301-400), स्टेज -3 “Severe” (AQI-401-500), स्टेज -4 “Severe+” (AQI > 450)- इन विभिन्य मानक सत्रों के अनुरूप उप समिति वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग समय समय पर दिशानिर्देश जारी करेंगी– सीएक्यूएम द्वारा पावर बैक अप के लिए डीजी सेट के इस्तेमाल को लेकर विभिन्न श्रेणियों में जारी किए नए निर्देश– पहली अक्टूबर से आपातकालीन व आवश्यक सेवाओं को छोडक़र गुरुग्राम में डीजल चालित जेनरेटर्स के संचालन पर लगी रोक गुरुग्राम, 01 अक्टूबर। केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में गुरुग्राम सहित अन्य जिलों में बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए डीजल चालित जेनरेटर्स के इस्तेमाल को लेकर नए निर्देश जारी किए है। नवीनतम निर्देशों के अनुसार एनसीआर के तहत आने वाले क्षेत्र में पहली अक्टूबर से औद्योगिक, वाणिज्यिक, आवासीय व कार्यालय परिसरों में (बिजली आपूॢत के बाधित होने की स्थिति में केवल पावर बैकअप के लिए) डीजी सेट के इस्तेमाल को लेकर नियमों की पालना सुनिश्चित करनी होगी। वहीं आपातकालीन व विशेष सेवाओं में डीजी सेट के इस्तेमाल पर 31 दिसंबर तक राहत का प्रावधान किया गया है। हितधारकों के साथ व्यापक चर्चा के उपरांत जारी हुए निर्देशडीसी निशांत कुमार यादव ने नवीनतम निर्देशों की जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व में विभिन्न हितधारकों द्वारा रखे गए तर्कों और प्रस्तुतियों, जमीनी स्तर के कार्यान्वयन में मुद्दों, आरईसीडी की उपलब्धता, दोहरी ईंधन प्रणालियों, सीपीसीबी-फोर मानकों के लिए नए जेनसेट की उपलब्धता आदि की विस्तृत समीक्षा के उपरांत सीएक्यूएम ने डीजी सेट के लिए विनियमित संचालन के लिए एक अनुसूची को अपनाने का निर्देश दिया है। इस अनुसूची में वर्णित नियम एनसीआर में औद्योगिक, वाणिज्यिक, आवासीय और कार्यालय प्रतिष्ठानों आदि सहित सभी क्षेत्रों में लागू किए जाएंगे। यह नियम डीजी सेट की क्षमता, उपयोग के लिए विनियम व उत्सर्जन पर नियंत्रण के लिए अपनाई जाने वाली प्रणाली के संदर्भ में होंगे। स्वच्छ ईंधन से चलित व उत्सर्जन नियंत्रण डिवाइस (ईसीडी) युक्त डीजी सेट के संचालन की अनुमतिडीसी ने बताया कि एलपीजी, प्राकृतिक गैस, बायोगैस, प्रोपेन व ब्यूटेन पर चलने वाले सभी क्षमताओं के डीजी सेट, केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा तीन नवंबर 2022 को जारी अधिसूचना संख्या जीएसआर 804(ई) के निर्धारित मानकों के अनुसार 800 किलोवाट तक की सभी क्षमताओं के बिजली उत्पादन सेट, 800 किलोवाट और उससे अधिक (उत्सर्जन मानकों की सख्ती से अनुपालन के अधीन), 125 किलोवाट से 800 किलोवाट तक दोहरी ईंधन प्रणाली मोड व प्रमाणित वेंडर या एजेंसी द्वारा रेट्रोफिटेड ईसीडी के संचालन पर ग्रैप अवधि के दौरान भी किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं होगा।इसी तरह, दोहरी ईंधन प्रणाली से चालित 19 किलोवाट से 125 किलोवाट क्षमता तक के डीजी सेट पर भी इस अवधि में प्रतिबंध प्रतिबंध नहीं होगा। हालांकि इस प्रावधान में यह भी स्पष्ट किया गया है कि क्षेत्र में गैस आपूर्ति का तंत्र न होने पर ही केवल आपातकालीन सेवाओं के लिए भी नियमों की पालना करते हुए डीजी सेट का संचालन किया जा सकता है। वहीं 19 किलोवाट से कम क्षमता के पोर्टेबल डीजी सेट को भी ग्रैप अवधि के दौरान केवल आपातकालीन स्थिति में नियमों की पालना सुनिश्चित करते हुए इस्तेमाल किया जा सकता है। इन सेवाओं के लिए रहेगी 31 दिसंबर तक छूटहरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी विजय चौधरी ने 31 दिसंबर तक राहत प्राप्त क्षेत्रों की जानकारी देते हुए बताया कि केंद्रीय वायु गुणवत्ता आयोग की नवीनतम गाइडलाइन के अनुसार आवासीय एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में लिफ्ट, एस्केलेटर व ट्रैवलेटर आदि के संचालन में डीजी सेट का इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि यह भी सुनिश्चित करना होगा इन स्थानों पर डीजी सेट का इस्तेमाल केवल लिफ्ट के संचालन तक ही सीमित करना होगा और किसी भी प्रकार की व्यावसायिक या अन्य गतिविधियों के लिए डीजी सेट के इस्तेमाल की निर्धारित अवधि के दौरान मनाही रहेगी। इसके साथ ही चिकित्सा सेवाएं (अस्पताल, नर्सिंग होम व स्वास्थ्य देखभाल आदि सुविधाएं) जिनमें जीवन रक्षक चिकित्सा उपकरणों, उपकरणों, दवाओं और दवाओं के निर्माण में शामिल इकाइयां शामिल हैं। रेलवे सेवाएं व रेलवे स्टेशन के लिए, मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन और एमआरटीएस सेवाएं, ट्रेनों और स्टेशन सहित, हवाई अड्डे और अंतर- राज्य बस टर्मिनल (आईएसबीटी), सीवरेज शोधन संयंत्र, वाटर पंपिंग स्टेशन, राष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा व राष्ट्रीय महत्व से जुड़ी परियोजनाओं के साथ-साथ दूरसंचार और आईटी/ डेटा सेवाओं के लिए इस अवधि में डीजी सेट के इस्तेमाल की छूट रहेगी। नवीनतम निर्देशों के तहत इस विषय में कानूनों, नियमों, विनियमों, निर्देशों आदि के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत कार्रवाई से बचने के लिए, उपरोक्त सूचीबद्ध आपातकालीन सेवाओं में उपयोग किए जा रहे डीजी सेट के 31 दिसंबर या उससे पहले उचित उत्सर्जन नियंत्रण तंत्र (एईसीएम) स्थापित किया जाएगा। Post navigation पंजाबी समुदाय का हाथ हमेशा कांग्रेस के साथ : कैप्टन अजय यादव गुड़गांव में एलर्जी क्रॉस टॉक का आयोजन