मीडिया शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए जरूरी है मीडिया एजुकेशन काउंसिल : डा: प्रज्ञा कौशिक

हिसार – आज तीव्र गति से बढते टैक्नोलाजी युग में तथ्य और मिथ्या के भेद को पहचानने की समझ और कौशल होना ज़रूरी हो गया है। अफ़वाहों, ग़लत सूचनाओं व दुस्सूचनाओं में अंतर समझना और व्यवहार में लाना आदत होना जरूरी बन गया है। वानप्रस्थ सीनियर सीटिजन क्लब सभागार , हिसार द्वारा ‘सूचना साक्षरता ‘ पर डेटालीड्स गूगल फैक्ट शाला मीडिया लिट्रेसी वर्कशाप , मीडिया एजुकेटर डॉक्टर प्रज्ञा कौशिक द्वारा ली गई।

क्लब के महासचिव डा : जे . के . डाँग ने डॉ : प्रज्ञा कौशिक का स्वागत करते हुए कहा कि डिजिटल टेक्नोलॉजी के आधुनिक युग में मोबाइल, कंप्यूटर, सोशल मीडिया से फ़र्ज़ी समाचार, साइबर अपराध एवं धोखाधड़ी से बचने के लिए सचेत एवं सतर्क रहने की अत्यंत आवश्यकता है ।

डा: प्रज्ञा कौशिक जानी – मानी मीडिया एजुकेटर हैं और विद्यालयों, महाविद्यालयो एवं विश्वविद्यालयों में समय समय पर मीडिया साक्षरता पर जागरूक करने के लिए कार्यशाला का आयोजन करती रहती हैं ।

क्लबके सदस्यों को संबोधित करते हुए डा: प्रज्ञा कौशिक ने गलत सूचना, दुष्प्रचार और गलत सूचना के बीच अंतर को पहचानने के बारे में विस्तृत जानकारी दी । उन्होंने सोशल और डिजिटल मीडिया पर नित्य नई उभरती हुई फर्जी खबरों के वर्तमान परिदृश्य पर चर्चा की । डॉ. कौशिक ने अफवाहों और फर्जी खबरों के प्रसार को पहचानने और रोकने में जागरूक ,जिम्मेदार व्यक्तियों की भूमिका क्या हो ,पर चर्चा की। उन्होंने डिजिटल मीडिया के लिए सेफ्टी टिप्स शेयर करते हुए सभी को गूगल पर गूगल लैंस की जानकारी दी ताकि तस्वीर की सत्यता की जांच की जा सके।

सीनियर सिटिजन भी अपने को सुरक्षित रखते हुए अन्य लोगों को भी भ्रामक समाचारों और सूचनाओं के शिकार होने से बचा सकें और उनसे संबंधित मीडिया क्षेत्र से नकली समाचारों की पहचान करने और उन्हें अलग करने के लिए तैयार किया गया ।
गलत सूचनाओं के खिलाफ मुकाबला करने और विभिन्न मिथकों को दूर करने में बहुत उपयोगी होगा।

ये हमारी ज़िम्मेदारी बनती है कि हम सब सूचनाओं के दुष्प्रचार व फ़र्ज़ी खबरों को रोकने में अपना योगदान दें।

उन्होंने प्रतिभागियों के विचार भी जाने और उनके प्रश्नों एवं संदेहों के संतोषजनक उत्तर भी दिए । उन्होंने सदस्य को प्रैक्टिकल ढंग से खबरों और चित्रों की सत्यता जानने के लिए गूगल लेंज़ का प्रयोग करना सिखाया।

वानप्रस्थ की ओर से सेवानिवृत दूर दर्शन निदेशक श्री अजीत सिंह ने डा: प्रज्ञा कौशिक का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह कार्यशाला वरिष्ठ नागरिकों के लिए अत्यंत लाभकारी जानकारी पूर्ण एवं शिक्षा प्रद थी । अगर हम सावधान और सतर्क रहें तो हम फ़र्ज़ी समाचारों एवं साइबर अपराधों से बच सकते हैं । उन्होंने कहा कि ऐसी कार्यशाला नई टेक्नोलॉजी के लिहाज़ से बहुत ही महत्व पूर्ण हैं । इसलिए समय – समय पर ऐसे प्रशिक्षण / कार्यशाला होते रहने चाहिए ताकि तेज़ी से परिवर्तित हो रही टेक्नोलॉजी से वरिष्ठ नागरिकों को अपडेट किया जा सके।

क्लब की ओर से श्रीमती राज गर्ग एवं संतोष डाँग ने डा : प्रज्ञा को एक पौधा भेंट करके सम्मानित किया। डा ए .एल . खुराना, श्रीं उम्मेद सिंह , डा अजीत कुण्डू, श्री नरेश बंसल , श्री एस . एस. लाठर, राज गर्ग , संतोष डाँग, श्री करतार सिंह , डा: एस . के . माहेश्वरी एवं डा: एस. के . अग्रवाल सहित दो दर्जन सदस्यों ने इस कार्यशाला में भाग लिया ।

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