शनिवार के बाद संडे को देखते हुए किसानों को चिंता संडे को खरीद या नहीं फसल अवशेषों से पशुओं के लिए चारा बनाकर चारे की कमी को दूर करें अभी तक जिले की मंडियों में 8200 मीट्रिक टन बाजरा खरीदा गया डीसी का किसानों से आह्वान, फसलों को साफ एवं सुखाकर मंडियों में लाएं फतह सिंह उजाला पटौदी मंडी नगर परिषद 29 सितंबर। नई अनाज मंडी जटौली मंडी मे बाजरे की भारी आवक को मध्यनजर रखते हुए व मंडी मे जाम की स्थिति व अव्यवस्था उत्पन्न न हो तथा मंडी में किसानों की ढेरिया करवाने में समस्या न हो तथा उठान कार्य मे तेजी लाने के लिए व्यापारियों एवं खरीद एजेंसी से विचार-विमर्श करने उपरांत जिला प्रशासन द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि शुक्रवार के बाद अब शनिवार 30 सितम्बर को नई अनाज मंडी जटौली में बाजरे के गेटपास जारी नहीं किए जाएंगे। गौर तलब है कि पटौदी इलाके की अनाज मंडी जाटोली अनाज मंडी में बाजरा की फसल की बंपर आवक को देखते हुए शुक्रवार को यहां मंडी में बाजरा बेचने वाले किसानों को गेट पास उपलब्ध नहीं होने के विषय में जिला प्रशासन के द्वारा बताया गया था । लेकिन अब लगातार दूसरे दिन शनिवार को भी शुक्रवार जैसा हवाला देते हुए गेट पास जारी नहीं करने की बात कही गई है । शनिवार के बाद संडे को देखते हुए बाजरा उत्पादक किसानों को यह भी चिंता सता रही है, कि संडे को खरीद एजेंसी के द्वारा बाजरा की खरीद की भी जाएगी या फिर नहीं की जाएगी ? लगातार दो दिन बाजरा की बिक्री नहीं होने से मजबूरी में बहुत से किसान कम दाम पर खुले बाजार में बाजार की फसल बेचने को मजबूर हो रहे हैं । एक बार फिर से जिला प्रशासन ने किसानों से अपील की है कि किसी भी प्रकार को असुविधा से बचने शनिवार 30 सितंबर को अपनी फसल की आवक मंडी मे लेकर न आए। मंडियों में अब तक 12 हजार मीट्रिक टन बाजरा डीसी निशांत कुमार यादव ने बताया कि जिला में विभिन्न खरीद एजेंसियों द्वारा बाजरे की खरीद जारी है। जिला की मंडियों में अब तक 12 हजार मीट्रिक टन की आवक हुई है जिसमें से 8 हजार 200 मीट्रिक टन की खरीद की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि उचित एवं औसत गुणवत्ता (एफएक्यू) वाले बाजरे की खरीद प्रचलित बाजार दर पर उन किसानों से की जा रही है, जो मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकृत और सत्यापित हैं। किसानों को प्रचलित मंडी दर और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के अंतर का भुगतान राज्य सरकार की भावांतर भरपाई योजना के तहत दिया जाएगा। डीसी ने बताया कि गुरुग्राम में बाजार खरीद काफी बेहतर है।गुरुग्राम जिले में कुल आवक 12,000 मीट्रिक टन हुई है, जिसमें से हैफेड द्वारा 8200 मीट्रिक टन (आवक का 68 प्रतिशत) की खरीद की जा चुकी है। उन्होंने किसानों का आह्वान किया है कि वे अपनी फसलों को साफ एवं सुखाकर मंडियों में लाए। किसान फसल अवशेषों को न जलाए। फसल अवशेषों से पशुओं के लिए चारा बनाकर चारे की कमी को दूर किया जा सकता है। फसल अवशेष जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है तथा जानमाल की हानि होनेे का अंदेशा बना रहता है। फसल अवशेष जलाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कमजोर होती है तथा किसान के मित्र कीट भी नष्ट हो जाते हैं। Post navigation यातायात जोनल अधिकारियों (Traffic ZO) के बड़े पैमाने पर किए तबादले यातायात कंजेशन को दूर करने हेतू ट्रायल करने के लिए कई कट किए गए बंद