महिलाओं का विधेयक राष्ट्रपति महिला विशाल भवन में सदन बुलाया मगर उन्हें नहीं ?
नई संसद की शुरुआत भी महिलाओं के काले अध्याय के साथ ? माईकल सैनी (आप)

गुरुग्राम 23 सितंबर 2023 – माईकल सैनी (आप) जिला मीडिया प्रभारी ने कहा कि नारी शक्ति वंदन विधेयक को नई संसद के पहले ही दिन पेश-पास करा लिया गया – बिल महिलाओं से जुड़ा होने के कारण कोई भी राजनीतिक दल महिलाओं से नाराजगी मोल नहीं लेना चाहते थे जिस वजह से सभी ने पक्ष में वोट किया महज दो वोट विपक्ष में गिरे – भारतीय राष्ट्रीय कोंग्रेस जो कह रही है कि राहुल गांधी इस विधेयक को बहुत पहले ही पास कराना चाहते थे जो अच्छी बात है मगर यहाँ माईकल सैनी कहते हैं कि कोंग्रेसीयों को इतना ही लगाव था तो अपनी ही पार्टी से ही महिलाओं को उनका हक-अधिकार देने की शुरुआत क्यों नहीं की – कोंग्रेस तो उनकी खुद की पार्टी थी वहां तो कोई विरोध भी नहीं कर सकता था फिर कितनों को लाभांवित किया ?

कुछ ऐसा ही सवाल विधेयक के पक्ष में वोट करने वाली तमाम राजनीतिक पार्टियों के लिए भी हैं ! खैर….

माईकल सैनी ने बताया कि महिला सशक्तिकरण की बात करने वाली भाजपा का महिलाओं के प्रति कैसा व्यवहार है यह सबके सामने आ गया है किसी से छिपा नहीं है , और उससे भी बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण बात देखिए कि महिलाओं के लिए ही बिल पास होने जा रहा था और देश के सर्वोच्च पद पर भी महिला ही बैठी हैं मोदीजी आपने इतना विशाल नया संसद भवन बना लिया , लगभग पूरा सदन इस बैठक में बुला लिया और उनको याद भी नहीं किया – केवल इसलिए कि वह एक आदिवासी महिला हैं ?
माईकल सैनी एक और सवाल जानना चाहते हैं कि मोदीजी महिला आरक्षण को ऊपरी सदन राज्यसभा में और विधानपरिषद में क्यों नहीं लागू किया ?

सबसे बड़ी बात हर सीट में रिजर्वेशन है तो फिर महिलाओं को मिले आरक्षण में पिछड़ी जातियों की महिलाओं को आरक्षण क्यों नहीं – दलित समाज की महिलाओं का आरक्षण क्यों नहीं ?

और फिर जनगणना हुई नहीं परिसीमन हुआ नहीं , जिसका कालखंड 2034 बताया जा रहा है यानी कि सपना बेचकर सत्ता में बने रहने का सपना देख डाला गया और महिलाओं के सपनों में रँग तो दिए मगर कैद में पुनः बंद कर लिए – ऐसी बदहवासी सत्ता के लिए पहली बार देखी है जहां आनन फानन में सदन बुलाया जाता है वह भी प्रथम महिला के बगैर , सभा की सदस्यों से लेकर दर्शकदीर्घा व शोशल मीडिया देख रही महिलाओं ने बखूबी देखा कि उन्हें छलिया किस प्रकार ठगना चाह रहा था ?

माईकल सैनी डिमांड करते हैं कि सभी राजनैतिक दल महिलाओं को वास्तव में आरक्षण देने के पक्ष में है तो अपने अपने दलों से 33% टिकटें महिलाओं को देना प्रारंभ करें आगामी चुनावों से ही सभी की स्पष्टता सामने आ जाएगी , हम जानते हैं ऐसा अब करना पड़ेगा और हाँ बगैर बीसीओबीसी, एससीएसटी का ध्यान किए तो कोई चलने की सोचे भी नहीं – मुँह की खाएगा ।

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