न्यायपालिका को बचाने के लिए हस्ताक्षर कैंपेन शुरु किया
न्यायपालिका को बचाने की लड़ाई का नेतृत्व करें अधिवक्ता : अनुराग ढांडा
आज़ादी की लड़ाई में भी वकीलों का महत्वपूर्ण योगदान था, ये लोकतंत्र बचाने की लड़ाई : अनुराग ढांडा

पंचकूला, 22 सितंबर – आम आदमी पार्टी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने शुक्रवार को अधिवक्ता सम्मेलन में शामिल होकर न्यायपालिका को बचाने के लिए हस्ताक्षर कैंपेन शुरु किया। उन्होंने कहा कि आजादी के संघर्ष में जितना योगदान लीगल फैटरनिटी का रहा इतना शायद किसी और फैटरनिटी व कम्युनिटि का नहीं रहा। क्योंकि लीगल फैटरनिटी समाज से दो कदम आगे है। देश कानून और संविधान के हिसाब से चलता है और कानून सबसे पहले अधिवक्ता पढ़ते हैं। इसलिए देश में जो बदलाव होने हों वो आम लोगों से पहले अधिवक्ताओं को पता चलता है।

उन्होंने कहा कि किसी भी प्रदेश या देश में जिस तरफ लीगल फैटरनिटी जाना शुरु कर देती है या अपना ओपिनियन बनाना शुरु कर दें तो वो ओपिनियन धीरे धीरे आम जनता का ओपिनियन बनना शुरु हो जाता है। क्योंकि लोग मानते हैं कि आप उनसे ज्यादा समझते हैं। उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र के चार स्तंभ होते हैं उनमें से मीडिया का कोंप्रोमाइज हो चुका है, कुछ साथी अभी भी संघर्ष कर रहे हैं जो सत्ता के खिलाफ आवाज उठाते हैं। दूसरा स्तंभ है कार्यपालिका, कार्यपालिका अंग्रेजों के जमाने में भी कोई स्टैंड नहीं ले पाई, क्योंकि नियम के हिसाब से बंधे होते हैं। चौथा स्तंभ है न्यायपालिका जिसको कोंप्रमाइज करने में भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। इसलिए उसको बचाने के लिए उन लोगों को अपनी ताकत झोंकनी पड़ेगी जा देश और लोकतंत्र को बचाना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि पहले जब भी सरकार द्वारा कानून बनाकर कॉन्स्टिट्यूशन बेंच के फैंसल पलटे गए तो वजीर बनकर खड़े हो जाते थे। लेकिन आज कल तो कोर्ट के फैसले पलटने का सिस्टम रोज हो रहा है। जो के मनमाफिक नहीं है उसको सरकार विधायकों और सांसदों की ताकत से बदल रही है। तीसरा स्तंभ विधायिका, सांसदों और विधायकों को एजेंसी और पैसे के दम पर कंट्रोल कर लिया है। जो मौजूदा विधायिका है उसको कोंप्रोमाइज करने का सिस्टम निकाल लिया है और भविष्य में विधायिका कोंप्रोमाइज हो सके इसके लिए सीधा इलेक्शन कमीशन को टारगेट किया है। इसलिए न्यायपालिका को बचाने की जिम्मेदार सबसे पहले अधिवक्ताओं की है, क्योंकि यहीं से देश चलता हैं।

उन्होंने कहा कि इसलिए आम आदमी पार्टी ने न्यायपालिका को बचाने के लिए हस्ताक्षर कैंपेन चलाया है। पूरे देश में ये मैसेज जाना चाहिए कि देश के लोग और जो सबसे जागरुक वर्ग है सभी वकील एकजुट होकर संविधान के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश के खिलाफ खड़े हैं। जो भी लोकतंत्र को कोंप्रोमाइज करने की ताकतें हैं उनको पीछे हटना पड़ेगा। क्योंकि लीगल फैटरनिटी में बहुत ताकत है। उन्होंने अधिवक्ताओं से लोकतंत्र को बचाने की इस लड़ाई का नेतृत्व करने का अनुरोध किया। इस मौके पर आप लीगल सेल के प्रदेश अध्यक्ष मोक्ष पसरीजा, प्रदेश उपाध्यक्ष गेहल सिंह संधू, जिलाध्यक्ष रणजीत उप्पल, प्रदेश ज्वाइंट सेकेट्री अनिल रंगा, बार एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष जगपाल सिंह, भूपेन्द्र बेनीवाल, सरपंच पुरूषोतम, सुरेंद्र राठी और योगेश्वर शर्मा मौजूद रहे।

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