महिला आरक्षण बिल के मुताबिक, लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% रिजर्वेशन लागू किया जाएगा. लोकसभा की 543 सीटों में से 181 महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी. ये रिजर्वेशन 15 साल तक रहेगा दिल्ली – महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) बुधवार को लंबी चर्चा के बाद तो-तिहाई बहुमत से लोकसभा से पास हो गया. बिलके समर्थन में 454 और विरोध में 2 वोट पड़े. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने पर्ची से वोटिंग कराई. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी और औरंगाबाद से सांसद इम्तियाज जलील ने महिला आरक्षण बिल के विरोध में वोट किया. गुरुवार को इस बिल को राज्यसभा में पेश किया जाएगा. वहां से पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साइन के लिए भेजा जाएगा. राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा. महिला आरक्षण बिल नई संसद के लोकसभा में पास हुआ पहला बिल भी है. महिला आरक्षण बिल के मुताबिक, लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% रिजर्वेशन लागू किया जाएगा. लोकसभा की 543 सीटों में से 181 महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी. ये रिजर्वेशन 15 साल तक रहेगा. इसके बाद संसद चाहे तो इसकी अवधि बढ़ा सकती है. यह आरक्षण सीधे चुने जाने वाले जनप्रतिनिधियों के लिए लागू होगा. यानी यह राज्यसभा और राज्यों की विधान परिषदों पर लागू नहीं होगा. Post navigation ‘पीएम मोदी के लिए देश पहले, बाकि सब बाद में’ – सीएम मनोहर लाल महिला आरक्षण बिल लगभग सर्वसम्मति से पास तो हो गया, लेकिन लागू 2034 में ही हो पायेगा : विद्रोही