विश्वविद्यालय में हुआ टाउन हॉल का आयोजन, विद्यार्थियों ने ली अनुशासन और निष्ठा की शपथ।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

पलवल : श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि हमारे तीन शिक्षक और तीन विद्यार्थी कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में पढ़ने के लिए जाएंगे। विद्यार्थियों और शिक्षकों को वैश्विक अवसर उपलब्ध करवाने के लिए हम कटिबद्ध हैं। वह मंगलवार को विश्वविद्यालय में आयोजित टाउन हॉल में मुख्यातिथि के रूप में बोल रहे थे। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर के शिक्षण संस्थानों के साथ तालमेल स्थापित कर शैक्षणिक गुणवत्ता को वैश्विक स्तर पर लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय दूसरे विश्वविद्यालयों से कई लिहाज से अलग है। अकादमिक विकास के साथ सीखने की प्रक्रिया को अधिक सशक्त किया जा रहा है।

कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि डिग्री एक पासपोर्ट के रूप में काम करती है, लेकिन असली काबिलियत पढ़ाई के दौरान अनुभवों से आती है। विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ किताबी ज्ञान के अलावा दूसरे मूल्यों को अपने व्यक्तित्व का हिस्सा बनाना चाहिए। सर्वश्रेष्ठ प्रोजेक्ट बनाने वाले विद्यार्थियों को एक लाख रुपए तक का इनाम दिया जाएगा। उन्होंने विद्यार्थियों से अन्वेषण और आविष्कार का आह्वान किया।

कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों की पढ़ाई किसी भी सूरत रुकने नहीं देंगे। इंडस्ट्री से स्कॉलरशिप का प्रावधान किया जा रहा है। विद्यार्थियों को चांसलर और वाइस चांसलर अवार्ड भी दिए जाएंगे। यहां विभिन्न खेलों के लिए मैदान बनेंगे। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में स्पोर्ट्स एकेडमी खोली जाएंगी। फुटबाल, क्रिकेट, बैडमिंटन, टेबल टेनिस, हॉकी, वॉलीबाल और योग सहित विभिन्न खेल शुरू होंगे। अंतर्राष्ट्रीय स्तर को ध्यान में रखते हुए खेल परिसर विकसित किया गया है।

कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने कहा कि पैशन, पोसिबिलिट और पॉजिटिविटी से श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय आगे बढ़ रहा है। इसमें कुलपति डॉ. राज नेहरू के नेतृत्व की संकल्प शक्ति समाहित है। प्रोफेसर ज्योति राणा ने लैंगिक भेद के प्रति आगाह करते हुए कहा कि एक दूसरे का सम्मान करें। हमारे किसी भी कार्य दूसरे का हौसल नहीं टूटना चाहिए। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने कहा कि विद्यार्थियों की मेहनत से विश्वविद्यालय का नाम वैश्विक फलक पर जाएगा। उन्होंने कहा कि हौसलों में कमी न आने दें और स्वयं के लिए स्वयं को निवेश करें। विद्यार्थियों ने इस मौके पर अनुशासन की शपथ ली और श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय को बेहतरीन व सुंदर बनाने का संकल्प लिया। यह शपथ दिलाते हुए डॉ. नकुल ने विद्यार्थियों को आत्मानुशासन के लिए प्रेरित किया।

अकादमिक अधिष्ठाता प्रो. आर एस राठौड़ ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने कई बड़े परिवर्तन किए हैं। उन्होंने कहा कि कुलपति डॉ. राज नेहरू ने केजी टू पीजी मॉडल अपनाने के साथ – साथ सीखने पर केंद्रित प्रोग्राम शुरू किए। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में जो अनुपम प्रयोग पहले से किए गए, उनकी ही झलक राष्ट्रीय शिक्षा नीति में दिखाई देती है। प्रो. राठौड़ ने नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क को भी विस्तार से समझाया।

प्रॉक्टर प्रो. सुरेश ने कहा कि अनुशासन बिना विद्यार्थी सफल नहीं हो सकता। दुनिया के सफलतम लोगों का अनुभव है कि वह हमेशा अनुशासन में रहे। इसीलिए प्रत्येक विद्यार्थी को जीवन में अनुशासन में रहना बहुत आवश्यक है। प्रो. सुरेश ने विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय परिसर के नियम कायदों से अवगत करवाते हुए रैगिंग से आगाह किया।

प्लेसमेंट पा चुके पूर्व छात्रों ने अपने अनुभव साझा किए और अपनी सफलता के लिए विश्वविद्यालय के शिक्षकों के प्रति आभार ज्ञापित किया। डॉ. सुरभि गोयल ने मंच संचालन किया। डॉ. वैशाली माहेश्वरी ने विद्यार्थियों से अनुभव साझा करवाए।

इस अवसर पर डीन प्रोफेसर आशीष श्रीवास्तव, प्रो. निर्मल सिंह, प्रो. प्रिया सोमैया और प्रो. रणजीत सिंह भी उपस्थित थे।

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