नए संसद भवन में विशेष सत्र की बैठक 20 सितंबर से शुरू होगी.

दिल्ली: आज यानी सोमवार, 18 सितंबर से संसद का पांच दिवसीय “अमृत काल” सत्र  शुरू हो रहा है. संसद के विशेष सत्र के एजेंडे में भारत के संसदीय लोकतंत्र के विकास पर चर्चा शामिल है.इस सत्र के दौरान कुल आठ विधेयकों को चर्चा और पारित कराने के लिए सूचीबद्ध किया गया है, जिनमें मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति संबंधी विधेयक भी शामिल है.

10 अहम जानकारियां

संसद के विशेष सत्र में आज यानी सोमवार को संसद के 75 साल के सफर पर चर्चा होगी.  लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्यसभा में बीजेपी के वरिष्ठ नेता पीयूष गोयल द्वारा संसद के 75 साल पूरे होने पर होने वाली चर्चा का उद्घाटन किये जाने की संभावना है.

मंगलवार को सुबह 11 बजे, एक समारोह में भारतीय संसद की समृद्ध विरासत को याद किया जाएगा और भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया जाएगा. इस समारोह के लिए सेंट्रल हॉल में लोकसभा और राज्यसभा सांसदों की एक बैठक होगी. इसके बाद एक फोटो सेशन होगा.

सेंट्रल हॉल में मंगलवार के समारोह के बाद विशेष सत्र की बैठक को नए संसद भवन में शिफ्ट कर दिया जाएगा. चूंकि उस दिन  गणेश चतुर्थी है, इसलिए नए संसद भवन बिल्डिंग में प्रवेश से पहले एक पूजा का आयोजन हो सकता है. नए संसद भवन में विशेष सत्र की बैठक 20 सितंबर से शुरू होगी.

सरकार ने मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्य अवधि) बिल, पोस्ट ऑफिस बिल, अधिवक्ता (संशोधन) बिल और प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियॉडिकल बिल’ को सत्र में चर्चा एवं पारित कराने के लिए शामिल किया है.

रविवार को उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने नये संसद भवन के गज द्वार पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया. इस अवसर पर लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला भी मौजूद थे.

संसद के विशेष सत्र से पहले रविवार को सर्वदलीय बैठक  बुलाई गई. इस बैठक में कई दलों के नेता शामिल हुए. हालांकि, इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे अनुपस्थित रहे. कल प्रधानमंत्री मोदी अपना 73वां जन्मदिन मना रहे थे. वहीं, कांग्रेस नेता खरगे हैदराबाद में पार्टी की कार्य समिति की बैठक में भाग ले रहे थे.

कल शाम को आयोजित सर्वदलीय बैठक में नवीन पटनायक की बीजू जनता दल और के चंद्रशेखर राव की भारत राष्ट्र समिति सहित कई दलों ने महिला आरक्षण विधेयक को पेश करने पर जोर दिया.

इस सप्ताह की शुरुआत में सरकार ने देश के नाम बदलने या “एक राष्ट्र एक चुनाव” पर विधेयक के बारे में कई दिनों की अटकलों पर विराम लगाते हुए एजेंडे की घोषणा की, सरकार ने दावा किया कि विशेष सत्र के एजेंडे का खुलासा करने की कोई परंपरा नहीं है, जिसका विपक्ष ने कड़ा विरोध किया है.

संसद के विशेष सत्र को बीजेपी की ध्यान भटकाने वाली रणनीति बताते हुए विपक्षी नेताओं ने कहा कि यह महत्वपूर्ण मुद्दों को प्राथमिकता देने का समय है इससे पहले, सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर विशेष सत्र में चर्चा के लिए मणिपुर में हिंसा और पहलवानों के प्रदर्शन सहित नौ मुद्दों को सूचीबद्ध किया था.

इससे पहले भारत की आजादी के 50 साल पूरे होने पर संसद का एक विशेष सत्र भी आयोजित किया गया था.यह सत्र  15 अगस्त 1997 को आधी रात में बुलाया गया था.

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