जम्मू कश्मीर में आतंकी हमले में हुए सभी शहीदों को दी श्रद्धांजलि 
पाकिस्तान क़ा पुतला फूंक लगाए गए पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे और मारे जूते   
अमर शहीद अमर रहे व भारत माता की जय के नारे लगाए

फतह सिंह उजाला                                       

पटौदी मंडी नगर परिषद / जाटोली 16 सितंबर । पाकिस्तान प्रायोजित और समर्थित आतंकी गतिविधियों सहित आतंकी हमले लगातार जारी है। भारत सरकार और भारतीय सेना के जवान और अधिकारी लगातार आतंकवादियों की तलाश करते हुए आतंकवादियों का खात्मा भी करते आ रहे हैं। हाल ही में आतंकवादियों के द्वारा जम्मू कश्मीर में किए गए कायराना हमले में भारतीय सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस के जवानों की शहादत के उपरांत उनके अंतिम संस्कार की चिता की गर्माहट ठंडी भी नहीं हुई कि सैनिकों की खान कहे जाने वाले अहिरवाल क्षेत्र के पटौदी के गांव जाटोली जो की पूर्व सेना अध्यक्ष केंद्र में मंत्री वीके सिंह की ससुराल है, वहां शनिवार को लोगों के द्वारा पाकिस्तान का पुतला फूंका गया। इतना ही नहीं जलते पाकिस्तान के पुतले को जूते से मारते हुए पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे भी लोगों ने लगाए। 

जाटोली गाँव जो पहले से ही अमर शहीद दलीप सिंह और अमर शहीद नेत्रपाल सिंह की शहादत के नाम से जाना जाता है । वहा शनिवार को जम्मू कश्मीर में आतंकी हमले में शहीद हुए सेना के कर्नल मनप्रीत सिंह , मेजर आशीष सिंह, जम्मू कश्मीर पुलिस के ड़ी एस पी हुमायूं भट्ट व राइफलमैन रवि कुमार को भारत माता की रक्षा करते हुए अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान देने पर पुष्प अर्पित कर उनको सच्चे मन से श्रद्धांजलि अर्पित कर अमर शहीद अमर रहे व भारत माता की जय के नारे लगाए। 

इस अवसर पर पूर्व सेनिकों ने व सामाजिक संगठन से संबद्ध लोगो ने अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि ये पाकिस्तान अपनी ओछी हरकतों से बाज नही आ रहा है  । ये उसकी पुरानी आदत है कि वो हमेशा पीठ पीछे छुप कर धोखे से वार करता है। क्योंकि आपने सामने की लड़ाई में पाकिस्तान ने हमेशा घुटने टेके है। सभी लोगो ने भारत सरकार से मांग की है कि हमारे शहीदों क़ा बलिदान व्यर्थ नही जाना चाहिए और पाकिस्तान व आतंकवाद को जड़ से खत्म करना चाहिए। इस मौके पर पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे के साथ पाकिस्तान क़ा पुतला भी फूंका गया। इस अवसर पर भारतीय किसान संघ के पदाधिकारी, टेसवा के  पदाधिकारी , सेना संगठनों से जुड़े हुए  पूर्व  सेना अधिकारी और पूर्व  सैनिक विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं शहीद स्थानीय नागरिक भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।                 

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