बाजरे की सरकारी खरीद शुरू नही होने से बाजरा उत्पादक किसान को बाजरे का 600 से 800 रूपये प्रति क्विंटल कम भाव अनाज मंडियों में मिल रहा है जो किसान की लूट है : विद्रोही मोदी सरकार ने बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2500 रूपये प्रति क्विंटल घोषित किया है जबकि मंडियों में बाजरा 1700 से 1900 रूपये प्रति क्विंटल में बिक रहा है : विद्रोही 11 सितम्बर 2023 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने न्यूनतम समर्थन मूल्य 2500 रूपये प्रति क्विंटल भाव से बाजरे की सरकारी खरीद 15 सितम्बर से शुरू करने की मांग को लेकर आज हरियाणा में विभिन्न स्थानों पर धरना दे रहे किसान संगठनों की मांग का कांग्रेस की ओर से समर्थन करते हुए भाजपा-जजपा सरकार से आग्रह किया कि किसानों की जायज मांग को स्वीकार करे। विद्रोही ने कहा कि इस वर्ष समय से पूर्व बाजरे की बिजाई व कटाई के चलते मंडियों में बाजरे की आवक के मध्यनजर किसानों की यह मांग जायज है कि इस वर्ष बाजरे की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद 1 अक्टूबर की बजाय 15 सितम्बर से शुरू हो। अपनी इसी मांग को लेकर किसान संगठन सोमवार को रेवाडी सहित विभिन्न स्थानों पर धरना देकर सरकार को ज्ञापन दे रहे है, उसका कांग्रेस जोरदार समर्थन करते हुए किसानों की 15 सितम्बर से बाजरे की सरकारी खरीद करने का भाजपा सरकार से आग्रह करती है। मोदी सरकार ने बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2500 रूपये प्रति क्विंटल घोषित किया है जबकि मंडियों में बाजरा 1700 से 1900 रूपये प्रति क्विंटल में बिक रहा है। विद्रोही ने आरोप लगाया कि बाजरे की सरकारी खरीद शुरू नही होने से बाजरा उत्पादक किसान को बाजरे का 600 से 800 रूपये प्रति क्विंटल कम भाव अनाज मंडियों में मिल रहा है जो किसान की लूट है। भाजपा सरकार का परम्परागत ढंग से 1 अक्टूबर से ही बाजरा व धान की एमएसपी पर सरकारी खरीद करने पर अडऩा उचित नही है। सरकार का काम परम्परा के नाम पर अड़कर किसानों को लुटवाने की बजाय जमीनी धरातल की वास्तविकता को समझकर किसान को उसका वाजिब हक दिलाना प्राथमिकता होनी चाहिए। यदि सरकार 15 दिन पहले एमएसपी पर बाजरे की सरकारी खरीद शुरू कर देती है तो भी सरकार को इसमें कोई नुकसान नही होने वाला क्योंकि सरकार तो उन्ही किसानों का बाजरा एमएसपी पर खरीदेगी जिन्होंने सरकारी पोर्टल पर रजिस्टेऊशन करवा रखा है। विद्रोही ने कहा कि जब सरकार ने निश्चित किसानों का ही निश्चत मात्र में बाजरा एमएसपी पर खरीदना है तो इससे सरकार को क्या फर्क पड़ता है कि वह खरीद 1 अक्टूबर से हो या 15 सितम्बर से। किसान को लुटने से बचाने भाजपा-जजपा सरकार बाजरे की सरकारी खरीद किसानों की मांग अनुसार 15 सितम्बर से शुरू करे। Post navigation मुख्यमंत्री राजनीतिक लाभ के लिए रोजगार पर असत्य बोलकर हरियाणा की जनता को ठगते है : विद्रोही पीएम फसल बीमा योजना किसान हित के लिए शुरू की गई या बीमा कम्पनियों की तिजौरी भरने के लिए ? विद्रोही