शुद्धि का पर्व है श्रावणी उपाकर्म वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक ऋषिकेश, 31 अगस्त : देश भर में संचालित श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष एवं कुरुक्षेत्र स्थित श्री जयराम विद्यापीठ के संचालक ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से जयराम संस्थाओं में श्रावणी उपाकर्म किया गया। जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी के सानिध्य में ऋषिकेश त्रिवेणी घाट में भी बटुक ब्रह्मचारियों के साथ मुख्य श्रावणी उपाकर्म का कार्यक्रम वैदिक परम्परानुसार सम्पन्न किया गया। इस में षट्कर्म, तीर्थ आवाहन, हेमाद्रि संकल्प, दस स्नान आदि के बाद जयराम अन्नक्षेत्र ट्रस्ट परिसर में विधिवत् ऋषिपूजन किया गया। इस अवसर में ब्रह्मचारी ने परम्परा के बारे में बटुक ब्रह्मचारियों एवं उपस्थित लोगों को पावन पर्व की महिमा के बारे में बताया। ब्रह्मचारी ने कहा कि यह पावन परम्परा वैदिक काल से चली आ रही है। यह पर्व हमारी आत्मशुद्धि एवं संस्कार शुद्धि का पर्व है तथा साथ ही वैदिक परम्परा के संरक्षण एवं संवर्धन का पर्व है। हमारी संस्कृति वैदिक संस्कृति है। हमें इसका संरक्षण एवं संवर्धन करना करना चाहिए व इसके बताए दिव्य मार्ग में हमें चलना चाहिए। तभी हमारा मानवीय मार्ग प्रशस्त होगा। Post navigation पढ़ाई के साथ-साथ कौशल विकास बहुत जरूरी : कपिल मदान प्रेरणा वृद्धाश्रम में सूर्य मिशन के लिए आदित्य एल-1 के प्रस्थान पर किया गया पूजन एवं बुजुर्गों ने भी दिखाया उत्साह