जहां कालेज हैं वहां पर आज भी विद्यार्थी जूझ रहे हैं प्राध्यापकों की कमी से।

चंडीगढ़, 26 अगस्त। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा है हर 20 किमी पर राजकीय महाविद्यालय खोलने की प्रदेश सरकार की घोषणा भी जुमला बनकर रह गई है, कालेजों में पहले से ही प्राध्यापकों की कमी से विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित हो रही है, सरकार को सबसे पहले खाली पड़े पदों को भरने की दिशा में काम करना चाहिए क्योंकि किसी भी देश का भविष्य वहां की युवा पीढ़ी पर निर्भर होता है। उच्च शिक्षा के लिए आज भी प्रदेश के युवाओं की दूसरे राज्यों की ओर गमन करना पड़ रहा है।

मीडिया को जारी एक बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि प्रदेश में करीब 180 सरकार कॉलेज है जिसमें प्राध्यापकों के करीब 8000 पद है जिनमें से 3600 पद भरे हुए है यानी 4400 पद खाली है। सरकार की ओर से दावा किया गया है कि प्रदेश में एडेड कॉलेजों की संख्या 97 में है और प्राइवेट कॉलेजों की संख्या 94 है। सरकारी कॉलेज में करीब 21 लाख से अधिक विद्यार्थी, एडेड कॉलेजों में करीब 14 लाख और प्राइवेट कालेज में करीब 32 हजार विद्यार्थी पढ़ते है। उन्होंने कहा कि कालेज में मूलभूत सुविधाओं का प्रबंध होना चाहिए और प्राध्यापकों के पदों पर नियुक्ति होनी चाहिए। प्राध्यापकों की कमी से जूझ रहे कॉलेजों में विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षा के स्तर में सुधार न होने से परीक्षा परिणाम भी प्रभावित होता है।

उन्होंने कहा है कि वर्ष 2019 के बाद सरकारी कॉलेजों में प्राध्यापकों की स्थायी नियुक्तियां नहीं हुई है, बार बार भर्ती करने की घोषणा कर युवाओं के साथ खिलवाड़ किया जाता रहा। कॉलेजों में अनुबंधित या अतिथि प्राध्यापकों से काम चलाया जा रहा है जिनकी नौकरी पर उन्हें हटाए जाने की तलवार हर समय लटकी रहती है, इनको स्थायी नियुक्तियां प्रदान की जा सकती है पर सरकार ऐसा करने से भी बच रही है। जब भी चुनाव को समय आता है युवाओं के लिए बंपर नौकरी देने की घोषाणाएं की जाती है बाद में चुनाव आचार संहिता का हवाला देकर आगे कदम नहीं बढ़ाया जाता। उन्होंने कहा कि युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार का शौक बन गया है। आने वाले चुनाव में युवा इस सरकार को सबक सिखाकर रहेगा।

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