श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय का साप्ताहिक स्टूडेंट ओरिएंटेशन प्रोग्राम संपन्न।
अनुशासन, सेहत, प्रसन्नता और जीवन के लक्ष्यों पर हुए प्रेरणात्मक सत्र।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

पलवल : श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि विद्यार्थी जीवन में आचरण और उच्चारण अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। श्रेष्ठ उच्चार और उम्दा व्यवहार से विद्यार्थी सफलता के हर मुकाम को हासिल कर सकते हैं। उन्होंने स्टूडेंट ओरियंटेशन प्रोग्राम में विद्यार्थियों को अनुशासन और मेहनत के लिए प्रेरित किया। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने विद्यार्थियों को जीवन में ऊंचे लक्ष्य निर्धारित करने का आह्वान किया। साथ ही कौशल विकास के जरिए करियर को नई ऊंचाइयां देने के लिए विद्यार्थियों में जोश भी भरा। उन्होंने देश के पहले कौशल विश्वविद्यालय में दाखिला लेने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई दी।
कुल सचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय जीवन के तौर-तरीके और गरिमा से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में दाखिल होने के पश्चात विद्यार्थियों के लिए एक नया दौर शुरू होता है। इसमें उनकी मेहनत और लग्न सफलता का आधार तय करती है। कुलसचिव प्रो. ज्योति राणा ने विद्यार्थियों को स्वर्णिम भविष्य के लिए बधाई दी। डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. आर एस राठौड़ ने विद्यार्थियों को समग्र नियमों से अवगत करवाते हुए कहा कि आगे बढ़ने के लिए नियम बहुत जरूरी।

एक सप्ताह तक चले श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के स्टूडेंट ओरिएंटेशन प्रोग्राम में विद्यार्थियों के लिए विविधता से भरे सत्रों का आयोजन किया गया। शिक्षा शास्त्र के अधिष्ठाता प्रो. ऋषिपाल ने बताया कि विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के लिए उन्नत और उज्ज्वल वातावरण जरूरी है। इसी उद्देश्य से हमने एक सप्ताह का ओरिएंटेशन प्रोग्राम डिजाइन किया। इसमें विद्यार्थियों के लिए ईशा फाउंडेशन की ओर से नित्य एक सत्र आयोजित किया गया। इसके माध्यम से विद्यार्थियों को योग से लेकर एकाग्रता तक के विभिन्न आयामों से अवगत करवाया गया। प्रो. ऋषिपाल ने बताया कि विद्यार्थियों को प्रेरित करने और लक्ष्य निर्धारण के लिए सपने देखने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

आलोक शर्मा ने सपनों की शक्ति, प्रोफेसर के. सी. शर्मा ने हेल्दी लाइफ स्टाइल, विकास चंदवानी ने पब्लिक स्पीकिंग, डॉ. एम के. पाथी ने संचार और हरियाणा के प्रसिद्ध लोक कलाकार महावीर गुड्डू ने प्रसन्न रहने पर एक सत्र का आयोजन किया।
विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर प्रो. सुरेश कुमार ने विद्यार्थियों को अनुशासन का पाठ पढ़ाया, जबकि प्रो. ऋषिपाल ने चीफ वार्डन के रूप में विद्यार्थियों को छात्रावास के नियमों की अनुपालना का महत्व बताया।

अलग-अलग सत्रों में डीन प्रो. आशीष श्रीवास्तव, प्रोफेसर निर्मल सिंह, प्रोफेसर प्रिया सोमैया, प्रो. रणजीत सिंह, एसोसिएट डीन डॉ. सविता शर्मा, डॉ. संजय सिंह राठौर, डॉ. नीति, संयुक्त निदेशक विनीत सूरी, डॉ. नकुल और योग शिक्षक डॉ. सोहन लाल ने भी संबोधित किया।

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