राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय की अध्यक्षता में स्पेस इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी को लेकर गुरूग्राम में हुई बैठक
स्पेस इंजीनियरिंग क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने बैठक में किया व्यापक विचार विमर्श
राज्यपाल ने कहा, अंतरिक्ष क्षेत्र में अवसरों की अपार संभावनाएं, अब इस दिशा में बढना होगा आगे

गुरूग्राम, 25 अगस्त। अंतरिक्ष में भारत की श्रेष्ठतम उपलब्धि चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग के उपरांत अब हरियाणा में भी स्पेस इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी को प्रोत्साहन देने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय की अध्यक्षता मंे शुक्रवार को गुरूग्राम के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में स्पेस इंजीनियरिंग के क्षेत्र में देश की प्रतिष्ठित ईकाई अनंत टैक्नोलॉजिज लिमिटिड के एमडी डा. पी. सुब्बाराव के साथ राज्य के विभिन्न विश्व विद्यालयों के कुलपति तथा इस क्षेत्र में काम करने वाली संस्थाओं के प्रतिनिधियों की बैठक हुई।

राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने चंद्रयान 3 की उपलब्धि पर हर्ष जाहिर करते हुए कहा कि इसरों के वैज्ञानिकों की मेहनत के चलते भारत आज दुनिया का पहला देश बना है जोकि चंद्रमा के साउथ पोल पर पहुंचा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अमृतकाल के दौरान भारत कों अतंरिक्ष में यह उपलब्धि प्राप्त हुई। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में अवसरों की अपार संभावनाएं हैं ऐसे में अब हमें इस दिशा में आगे बढना होगा। प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों में स्पेस इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी से संबंधित पाठ्यक्रम शुरू करने होंगे। जिससे हरियाणा के युवाओं को अंतरिक्ष क्षेत्र में करियर बनाने के अवसर प्राप्त होंगे।

उन्हांेने हरियाणा की बेटी एंव अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला को स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने अंतरिक्ष में जाने का जो सपना देखा था उसे पूरा भी किया। आज वह हमारे साथ -साथ बेटियों के लिए भी प्रेरणा बनी हुई है। हरियाणा ऑटो मोबाइल, खाद्यान्न उत्पादन, बास्मति निर्यात, आईटी सेक्टर, खेलों तथा विभिन्न क्षेत्रों में देश का अग्रणी राज्य है। ऐसे में अब हमें स्पेस इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी में भी आगे बढना होगा। हरियाणा देश के उन राज्यों में भी शामिल है जोकि स्पेस एप्लीकेशन्स के उपयोग से विभिन्न सेवाओं को बेहतर ढंग से क्रियान्वित कर रहा है। हरियाणा रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन्स सैंटर (हरसक) के माध्यम से कृषि व अन्य क्षेत्रों में नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं।

बैठक में पहुंचे अनंत टैक्नोलॉजिज लिमिटिड के एमडी डा. पी. सुब्बाराव जोकि पहले देश की स्पेस एजेंसी इसरो में भी काम कर चुके हैं, ने बताया कि स्पेस इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नालॉजी के क्षेत्र में आगे बढने के अपार अवसर हैं। चंद्रयान 3 की सफलता के उपरांत यह आवश्यक भी हो गया है कि अब हमें इस ओर आगे बढना चाहिए। उन्होंने गुगल मैप का उदाहरण देते हुए बताया कि स्पेस टेक्नोलॉजी की बदौलत ही इससे जनमानस का जीवन सरल हुआ है। हरियाणा के विश्वविद्यालयों को भी इस दिशा में आगे बढना चाहिए। उन्होंने नई शिक्षा नीति तथा इंडियन स्पेस पॉलिसी – 2023 में शामिल विभिन्न बिंदुओं का जिक्र करते हुए कहा कि इनका उद्देश्य भविष्य में अवसरों के लिए एक नया स्पेस पैदा करना है। इसरों भी अपने रिसर्च एण्ड डेवलेपमेंट के लिए विद्यार्थियों को प्रोत्साहन देता है। ऐसे में हरियाणा के युवा स्पेस क्षेत्र में आगे बढने के अनेक अवसर प्राप्त करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि अनंत टेक्नोलॉजिज इसरो व दुनिया के विभिन्न देशों के स्पेस मिशन में निरंतर सहयोगी रही है।

बैठक में इसरों के पूर्व वैज्ञानिक सचिव डा. वी एस हेगड़े ने पीपीटी के माध्यम से स्पेस ईरा, स्पेस इकोनॉमी-वैल्यु चेन, भारतीय संदर्भ, इनोवेशन इंडस्ट्री तथा स्पेस इकोनॉमी में अवसर आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बैठक में पहुंचे विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने पॉवर प्वाइंट पें्रजेन्टेशन को ध्यानपूर्वक देखा और स्पेस इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी के प्रति रूचि दिखाई और विशेषज्ञों के साथ सार्थक चर्चा की। राज्यपाल ने बैठक के उपरांत इस विषय में विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों तथा स्पेस क्षेत्र में काम कर रहे विशेषज्ञों की एक कमेटी गठित कर इस दिशा में आगे बढने की बात कही। उन्होंने कहा कि इस विषय में वे जल्द ही मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल से भी बात करेंगे ताकि हरियाणा स्पेस क्षेत्र में एक बड़ी छलांग लगा सके।

इस अवसर पर राजभवन के संयुक्त सचिव अमरजीत सिंह, उच्चत्तर शिक्षा विभाग हरियाणा के साईंस एण्ड टेक्नोलॉजी विभाग के महानिदेशक डा. के के कटारियां, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलपति डा. राजबीर सिंह, कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा, दीनबंधु छोटूराम यूनिवर्सिटी ऑफ साईंस एण्ड टेक्नोलॉजी, मुरथल की कुलपति अर्चना मिश्रा, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डा. बी आर कंबोज, गुरू जम्भेश्वर यूनिवर्सिटी ऑफ साईंस एण्ड टेक्नोलॉजी, हिसार के कुलपति प्रो. एन आर बिश्नोई, महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय, कैथल के कुलपति प्रो. रमेश चंद्र भारद्वाज, श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार डा. ज्योति राणा, हरसक के डायरेक्टर डा. सुल्तान सिंह, साईंस एण्ड टेक्नोलॉजी विभाग हरियाणा के साईंटिफिक ऑफिसर विशाल तथा इंडियन इस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साईंस एण्ड टेक्नोलॉजी तिरूवनंतपुरम के पूर्व निदेशक प्रो. विनय कुमार डडवाल भी मौजूद रहे।

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