गुरूग्राम, 24 अगस्त।  आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में भारत निरन्तर स्पेस सेक्टर, डिफेंस सेक्टर सहित अन्य क्षेत्रों में नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। दिनांक 23 अगस्त को जैसे ही चन्द्रयान 3 की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग हुई, मानो हर भारतवासी की आंखों की चमक दोगुनी हो गई, चेहरे खुशी से खिल उठे, हर तरफ तिरंगे की विजय पताका लहराने लगी। इसरो के वैज्ञानिकों की मेहनत सफल हुई और देश की शक्ति और क्षमता से पुनः पूरा विश्व परिचित हो गया।

चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग देश के सभी वैज्ञानिकों के कारण ही संभव हो पाई है, इस मिशन से जुड़े इसरो के समस्त वैज्ञानिक बधाई के पात्र हैं। हमने धरती पर जो संकल्प लिया वह संकल्प चन्द्रयान 3 की सफल लैंडिंग से चांद पर पूरा हुआ है। यह हर भारतीय के लिए कभी न भूलने वाला क्षण है।

ऐसी ऐतिहासिक घटनाएं जीवन में चिरंजीव चेतना बन जाती हैं। जीवन ऐसे विलक्षण पलों का अवलोकन कर धन्य हो जाता है। यह सिर्फ एक सफलता नहीं बल्कि विकसित भारत का शंखनाद है। जीत के चंद्रपथ पर चलने वाले ये क्षण 140 करोड़ लोगों की उमंग का प्रतिबिंब हैं।

इस पल के लिए इसरो के वैज्ञानिकों ने वर्षों तक परिश्रम किया, उस परिश्रम के फलीभूत होने से भारत की साख विश्व पटल पर और भी ज्यादा मजबूत हुई है। भारत की भावी पीढ़ियों के लिए भी हमारे वैज्ञानिकों का यह परिश्रम और सफलता प्रेरणापुंज है।

दुनिया के तमाम बड़े देश जो नहीं कर पाए, वो सफलता भारत ने हासिल की है। भारत के चंद्रयान-3 ने बुधवार शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा की सतह पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग की। इसके साथ ही चांद के साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला भारत विश्व का पहला देश बन गया। भारत की इस अनुकरणीय उपलब्धि ने दुनिया को देश की ताकत का लोहा मनवा दिया है। भारत ने बता दिया है कि अंतरिक्ष के असली सिकंदर हम ही हैं। अब चांद हमारा है।

कभी कहा जाता था चंदा मामा दूर के हैं। पर पृथ्वी से चन्द्रयान 3 ने चांद पर पहुंचकर इस बार रक्षाबंधन के पर्व की खुशी को भी दोगुना कर दिया है। पृथ्वी और चंद्रमा के मिलने का ऐसा अद्भुत संयोग चन्द्रयान 3 के चांद पर पहुंचने से हुआ है। भारत चन्द्र क्रांति करने वाला देश बन गया है। यह संयोग अब चांद से जुड़े तथ्यों को भी बदलने में अहम भूमिका निभाएगा।

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