भारतीय कुश्ती संघ की सदस्यता रद्द कर दी गई है। कुश्ती की वर्ल्ड गवर्निंग बॉडी यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने यह फैसला किया है।
इस साल की शुरुआत से ही भारतीय कुश्ती विवादों में चल रही है। मई में यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने भारतीय कुश्ती संघ को सदस्यता रद्द करने की धमकी भी दी थी।

दिल्ली – यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने भारतीय कुश्ती संघ को बड़ा झटका दे दिया है। उन्होंने डब्ल्यूएफआई की की सदस्यता की रद्द कर दी है। चुनाव में देरी की वजह से यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने यह फैसला लिया है। मई के अंत में यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने चुनाव के बारे में जानकारी नहीं देने पर भारतीय कुश्ती महासंघ को निलंबित करने की भी धमकी दी। 12 अगस्त को कुश्ती संघ का चुनाव होना था लेकिन इससे एक दिन पहले ही पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने इसपर रोक लगा दी।

45 दिनों में करवाने थे चुनाव

यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने अपने बयान में मई में भारतीय कुश्ती संघ से 45 दिनों के अंदर चुनाव करवाने को कहा था। लेकिन करीब 3 महीने होने के बाद भी चुनाव नहीं हुए हैं। इसी वजह से यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने यह एक्शन लिया है। भारतीय ओलंपिक संघ ने 27 अप्रैल को तदर्थ पैनल नियुक्त किया था और समिति को 45 दिनों के भीतर चुनाव कराने थे। पहले 7 मई को चुनाव होने थे लेकिन लेकिन खेल मंत्रालय ने इस प्रक्रिया को अमान्य घोषित कर दिया था। जुलाई में होने वाले चुनाव से पहले असम रेसलिंग एसोसिएशन अपनी मान्यता को लेकर असम हाईकोर्ट पहुंच गई। जिसके बाद कोर्ट ने चुनाव पर स्टे लगा दिया।

बैन होने का क्या होगा असर

कुश्ती संघ पर बैन लगने के बाद भारतीय पहलवानों को आगामी विश्व चैंपियनशिप में भारतीय झंडे के नीचे प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति नहीं होगी। भारतीय पहलवानों को 16 सितंबर से शुरू होने वाली ओलिंपिक-क्वालीफाइंग विश्व चैंपियनशिप में ‘तटस्थ एथलीटों’ के रूप में खेलना होगा।

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