जमा कराई गई जुर्माना राशि 24 प्रतिशत ब्याज दर से उपभोक्ता को की जाए वापिस

गुडग़ांव, 23 अगस्त (अशोक) : बिजली निगम द्वारा उपभोक्ता पर लगाए गए बिजली चोरी के मामले की सुनवाई करते हुए सिविल जज मानसी गौड़ की अदालत ने बिजली निगम के आरोपों को गलत करार देते हुए निगम को आदेश दिए हैं कि उपभोक्ता द्वारा जमा कराई गई जुर्माना राशि का भुगतान 24 प्रतिशत ब्याज दर से किया जाए।

जिले के गांव जानौला के उपभोक्ता बलजीत सिंह के अधिवक्ता क्षितिज मेहता से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2021 की 24 नवम्बर  को बिजली निगम ने उपभोक्ता पर आरोप लगाया था कि वह बिजली की मुख्य लाइन से डायरेक्ट सप्लाई लेकर बिजली की चोरी कर रहा था और उस पर 79 हजार 890 रुपए का जुर्माना लगा दिया था। उपभोक्ता ने बिजली निगम से आग्रह किया था कि उसके यहां कोई चैकिंग बिजली निगम ने नहीं की है, लेकिन बिजली निगम ने कोई ध्यान नहीं दिया और उसे प्रताडि़त भी किया। जुर्माना भरने के लिए उसे मजबूर कर दिया और उसने जुर्माना भर दिया और बिजली निगम के खिलाफ अदालत में केस दायर कर दिया था।

मामले की सुनवाई अदालत में चली। बिजली निगम ने अदालत में जो दस्तावेज व गवाह पेश किए, उनसे उपभोक्ता पर लगे बिजली चोरी के आरोप साबित नहीं हो सके। अदालत ने मामले को गलत पाते हुए बिजली निगम को आदेश दिया कि जमा कराई गई जुर्माना राशि 24 प्रतिशत ब्याज दर से उपभोक्ता को वापिस की जाए। अधिवक्ता का कहना है कि उपभोक्ता एक जिम्मेदार व्यक्ति है और बिजली चोरी के आरोप की वजह से वह दिमागी तौर पर भी परेशान रहा और समाज में उसकी मानहानि भी हुई। इस सबको लेकर वह बिजली निगम के खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी दायर करने की तैयारी में लग गया है।

error: Content is protected !!