चंडीगढ़, 22 अगस्त – हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने उद्योग और ऊर्जा विभाग के अधिकारियों को पीएम-कुसुम योजना के तहत मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एमएमएलपी) और सौर ऊर्जा उत्पादन बुनियादी ढांचे की स्थापना हेतु राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्रबंधन लिमिटेड (एनएचएलएमएल) के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने की सभी औपचारिकताओं को 15 दिनों के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव आज यहां प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) योजना के तहत एमएमएलपी और सौर ऊर्जा उत्पादन बुनियादी ढांचे की स्थापना के संबंध में बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को समयबद्ध तरीके से एमएमएलपी और सौर ऊर्जा उत्पादन बुनियादी ढांचे की स्थापना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्रबंधन लिमिटेड (एनएचएलएमएल) के सीईओ श्री प्रकाश गौड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि एनएचएलएमएल भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) का पूर्ण स्वामित्व वाला स्पेशल पर्पस व्हीकल (एसपीवी) है। एनएचएलएमएल को देशभर में 35 स्थानों पर मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एमएमएलपी) विकसित करने का महत्वपूर्ण कार्य सौंपा गया है। भारत सरकार की आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) द्वारा अनुमोदित 35 एमएमएलपी साइट में हरियाणा में दो स्थानों- अंबाला और हिसार में एमएमएलपी विकसित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के लिए भी एक एमएमएलपी प्रस्तावित है। इसके लिए एनएचएलएमएल ने हरियाणा सरकार से 100 से 150 एकड़ तक की भूमि को चिह्नित करने का अनुरोध किया है और इस प्रकार की भूमि रेल लाइनों, डीएफसी और राष्ट्रीय राजमार्गों के पास स्थित होनी चाहिए। इसके अलावा, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, औद्योगिक केंद्रों या उत्पादन केंद्रों के निकट होने से एमएमएलपी की व्यावसायिक व्यवहार्यता सुनिश्चित करने की भी सिफारिश की गई। हरियाणा में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क की संभावित स्थापना अपार संभावनाओं को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और रोजगार के अवसर पैदा होने के साथ-साथ ये पार्क प्रदूषण में कमी लाने और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र की दक्षता बढ़ाने में योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि एनएचएलएमएल ने पीएम कुसुम योजना के तहत परियोजनाओं को लागू करने की योजना बनाई है, जिसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना है। इस योजना योजना के तहत, एनएचएलएमएल राष्ट्रीय राजमार्गों, एक्सप्रेसवे के साथ इंटरचेंज पर सौर डेवलपर्स को भूमि प्रदान करेगा। इसके बाद डेवलपर्स रेस्को (रिन्यूएबल एनर्जी सर्विस कंपनी) मोड में परियोजनाओं को क्रियान्वित करेंगे, जो डिज़ाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ऑपरेट और ट्रांसफर मॉडल के समान है। डेवलपर्स 25 वर्षों की अवधि के लिए बोली मूल्य पर राज्य की बिजली कंपनियों को बिजली प्रदान करेंगे। राज्य डिस्कॉम पीएम कुसुम योजना के तहत डेवलपर्स का चयन करेंगे और बोली मूल्य पर उनसे बिजली खरीदेंगे। डिस्कॉम भूमि के उपयोग के लिए एनएचएलएमएल को लीज रेंट का भी भुगतान करेगी। इन पायलट परियोजनाओं का कार्यान्वयन हरित और आत्मनिर्भर राजमार्गों के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं राजमार्गों के कार्बन फूटप्रिंट्स को कम करने और उनकी ऊर्जा दक्षता में सुधार करने में मदद करेंगी। बैठक में वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आनंद मोहन शरण, एनएचएलएमएल के वरिष्ठ अधिकारी कर्नल अनिल सेन, जोनल अधिकारी, उत्तरी क्षेत्र, श्री अंकित संगराई, एसई, जोनल कार्यालय, चंडीगढ़, श्री नरेंद्र कुमार, एसई, जोनल कार्यालय, चंडीगढ़ उपस्थित थे। Post navigation एक रिसर्च पेपर से क्यों घबराई है सरकार? केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री पहुंचे संत कबीर कुटीर