बीमा कंपनियों के हाथों बिकी खट्टर सरकार : अनुराग ढांडा
महंगी बिजली से आजादी चाहते हैं प्रदेश के लोग : अनुराग ढांडा
नूंह दंगे में सीएम खट्टर की भूमिका की जांच होनी चाहिए : अनुराग ढांडा
रणदीप सुरजेवाला का जनता को राक्षस कहना अशोभनीय : अनुराग ढांडा
महिला उत्पीड़न के आरोपी भाजपा के नेता ही क्यों होते हैं?: अनुराग ढांडा

सोनीपत/चंडीगढ़, 20 अगस्त – आम आदमी पार्टी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने रविवार को प्रेसवार्ता की। उन्होंने किसानों के बीमा क्लेम को लेकर प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार शुरू से ही किसान विरोधी सरकार रही है। प्रदेश में ऐसा कोई वर्ग नहीं है जिसके खिलाफ सरकार साजिश न कर रही हो। सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है। सिरसा के किसानों का बीमा की किस्त भरने के बावजूद भी पिछले साल का 750 करोड़ रुपये बकाया है। आंकड़ों के अनुसार 17 जिलों में करीब 1200 करोड़ रुपये क्लेम बीमा कंपनियों को किसानों को देना है और इससे ढाई लाख किसान प्रभावित हैं। यदि बीमे की किस्त भरने के बावजूद सरकार किसानों को बीमा क्लेम नहीं दिला सकती तो खट्टर सरकार बीमा कंपनियों के हाथों बिकी हुई है और सरकार के मंत्री बीमा कंपनी के साथ भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। इसलिए सरकार किसानों का साथ देने के बजाय बीमा कंपनी का साथ देती है।

इसके साथ उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में आम आदमी पार्टी का बिजली आंदोलन चला हुआ है और गांव गांव जनंसवाद कर बिजली बिलों को जलाया जा रहा है। प्रदेश के लोग महंगी बिजली से आजादी चाहते हैं। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने 86 विधानसभाओं में बिजली आंदोलन चलाया है और नूंह हिंसा व बाढ़ की वजह से 4 विधानसभाओं में ये आंदोलन अभी शुरु नहीं किया गया है। 86 विधानसभाओं में 7433 यूनिट ऐसी हैं जहां पर ये अभियान चलाया जाना था, अभी तक 6041 गांव और वार्ड में घर घर जाकर लोगों को जागरूक किया जा चुका है। इसके अलावा लोगों को जागरूक करने के लिए 5470 जगहों पर जनसभाएं की जा चुकी हैं और प्रदेश में 5153 जगहों पर आम आदमी पार्टी बिजली बिल जलाकर विरोध कर चुकी है।

उन्होंने कहा की सोनीपत लोकसभा क्षेत्र में 623 यूनिट हैं, इनमें से 553 जगहों पर बिजली आंदोलन पूरा कर चुके हैं। करीब 21 लाख से ज्यादा घरों तक आम आदमी पार्टी का बिजली आंदोलन पहुंच चुका है। जब लोगों के हाथ में दिल्ली और पंजाब के बिजली बिल आते हैं तो उनकी एक उम्मीद जगती है कि 2024 के बाद हरियाणा में भी 600 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल करने पर जीरो बिजली बिल आ सकेगा।

उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार ने क्लर्कों के साथ भी धोखाधड़ी की। खट्टर सरकार ओपीएस व महिलाओं की सुरक्षा पर कोई कमेंटमेंट करने को तैयार नहीं है, सरकार ने सरपंचों के अधिकारों के साथ खिलवाड़ किया, आशा वर्कर्स और आंगनबाड़ी वर्कर्स की हड़ताल चल रही है। खट्टर सरकार से प्रदेश का हर वर्ग परेशान है, इसलिए 2024 में इस सरकार का सुपड़ा साफ होगा और आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी।

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि पूरे देश की जनता को पता है कि इस देश में एक ही पार्टी है जो दंगा कराती है और दूसरी पार्टियों के नेताओं पर केस करती है। यदि भाजपा सरकार जांच कर ही रही है तो ये भी जांच होनी चाहिए कि नूंह के 100 पुलिसकर्मियों को दंगे वाले दिन सीएम खट्टर ने जिले से बाहर अपनी सुरक्षा में क्यों बुलाया, हिंसा वाले दिल ही पुलिस अधीक्षक छुट्टी पर क्यों चले गए, सीएम कार्यालय और सीआईडी ने दंगे की सूचना गृहमंत्री को न देकर अपने पास छिपाकर क्यों रखी। उन्होंने कहा कि एक तरफ डीजीपी कहते हैं कि एसआईटी बनाएंगे और दूसरी तरफ सीएम खट्टर कहते हैं कि एसआईटी की कोई जरूरत नहीं है। सीएम खट्टर जांच से क्यों घबरा रहे हैं। उन्होंने नूंह दंगे की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरान में करने की मांग की।

उन्होंने कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला के बयान पर कहा कि जनता को राक्षस कहना अशोभनीय है। लोकतंत्र में इस तरह की भावना नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि कांग्रेस हरियाणा में आपस में ही लड़कर खत्म हो जाएगी। ये लोगों के मुद्दों के लिए नहीं बल्कि अपने पदों के लिए लड़ना है। इसलिए लोगों ने इनका रिजेक्ट किया है। कांग्रेस अपनी राजनीति चमकाने के लिए विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम कर रही है, जबकि ये लोगों के मन से उतर चुके हैं। उन्होंने कहा कि जब भी महिला उत्पीड़न का केस आता है तो भाजपा अपने नेता के समर्थन में खड़ी हो जाती है। क्या ये संयोग है कि आरोपी भाजपा का ही नेता क्यों होता है और सीएम खट्टर बिना जांच किए अनर्गल बयान कहते हैं। क्या ये संयोग है कि खिलाड़ी को सस्पेंड कर दिया और मंत्री अभी भी पद पर बरकरार है। ये संयोग नहीं है बल्कि खट्टर सरकार महिला विरोधी सरकार है। इस मौके पर जिला अध्यक्ष अर्बन राजेश सरोहा, सत्यानारण आंतिल, रणबीर छिक्कारा, धर्मपाल नरवाल, सरोज बाला, देवेंद्र सेहरावत, करण सिंह धनखड़, डॉ. अनिल रंगा, सुमेर दहिया, नरेश बागड़ी, राजेश कालीरमन और नकीम मौजूद रहे।

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